गाय के गोबर से वैदिक पेंट बनाकर बिज़नेस वुमन बन गई ये ग्रहणी, कइयों को दिया रोजगार!

एक समय था, जब लोग गाय के गोबर (cow dung) की समस्या से परेशान होकर पशुपालन से नहीं जुड़ते थे। वहीं, कुछ लोग दूध देने वाली गायों को प्यार से रखते थे और जो गाय दूध नहीं देती थी, उसे सड़कों पर घूमने के लिए छोड़ देते थे। लेकिन अब समय बदल रहा है, अब गायो के दूध के साथ-साथ गोबर भी कमाई का बड़ा जरिया साबित हो रहा है। यानी गाय अगर दूध देना बंद भी कर दे, तब भी गौ पालक उसके गोबर से अच्छी खासी कमाई कर सकता है। बो कैसे? तो आइये हम आपको बताते है।
गोबर से पेंट बनाने में सरकारी मदद?
भारत के गांवों में गाय पालने वालों के लिए अच्छी खबर है। गाय पालकर जीवन यापन कर रहे लोग अब खादी ग्रामोद्योग आयोग के गाय के गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने के प्रोजेक्ट से भी आमदनी कर सकते हैं। और इसमें गौ पालको की मदद करेगा भारत सरकार का सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय। जिसका मुख्य उद्देश्य, ग्रामीण इलाकों में रोज़गार को बढ़ावा देना है, जिससे गांव में मौजूद संसाधन से ही उद्योग शुरू किए जा सकें।

आपको बता दे, देशभर में ईको फ्रेंडली (Eco Friendly) गाय के गोबर से बने प्राकृतिक पेंट को काफी पसंद किया जा रहा है। लोग अपने घरों और परिसरों को लीपने या रंगने के लिए इसकी मांग कर रहे हैं। हाल ही में केंद्र सरकार की रोजगार सृजन स्कीम के तहत भी इसे जोड़ा गया है। इसके लिए आपको सरकार की ओर से ट्रेनिंग दी जाती है।
News18India की एक खबर अनुसार, फिलहाल, बिहार सहित कई राज्यों में गोबर पेंट के प्लांट लगाए जा रहे हैं। बताया गया कि इन यूनिटों को इन्टरप्रिन्योर्स की मदद से अगले छह महीनों में लगाने की योजना बनाई गई है। इससे गांवों में करीब छह हजार लोगों को सीधे रोजगार मिल सकेगा साथ ही किसानों और पशु पालकों की आमदनी में इजाफा हो सकेगा।
ओडिशा में प्राकृतिक पेंट बनाने वाली दुर्गा प्रियदर्शनी!
ओड़िशा में गोबर पेंट का सबसे पहला यूनिट डालने वाली 33 वर्षीया दुर्गा प्रियदर्शनी ने जयपुर से गोबर पेंट बनाने की ट्रेनिंग लेने के बाद, बिज़नेस की शुरुआत की है। दुर्गा 2 साल पहले तक एक गृहिणी थीं, लेकिन अब बह गाय गोबर से बना प्राकृतिक पेंट बेचकर अपना ब्यापार करती है।

द बेटर इंडिया की एक रिपोर्ट अनुसार, दुर्गा बताती है कि मैंने सबसे पहले गौ पालन सीखा फिर गाय के गोबर से पेंट बनाना। उन्होंने साल 2021 में जयपुर में रहकर, पांच दिन के ट्रेनिंग प्रोग्राम में भाग लिया, जिसके बाद उन्होंने खादी इंडिया के अंतर्गत ओड़िशा में अपने प्लांट Green Feel Paints की शुरुआत की।
कैसे बनता है गोबर से पेंट?
दुर्गा के अनुसार, जनवरी 2022 में उन्होंने गोबर पेंट की फैक्ट्री लगाने की शुरुआत की। जिसके लिए उन्होंने 2500 स्क्वायर फ़ीट जमीन खरीदी, ताकि गांववालों से गोबर खरीद सकें। मशीनें, जमीन और मार्केटिंग सहित वह अब तक एक करोड़ का निवेश कर चुकी हैं। दुर्गा के अनुसार, बह आस-पास के किसानों से पांच रुपये प्रति किलो की कीमत पर गोबर लेती हैं, जिसमे से लिक्विड और ड्राई तत्वों को अलग कर दिया जाता है।

पेंट बनाने के लिए गोबर में सामान मात्रा में पानी डालकर अच्छी तरह मिलाया जाता है। जिसके बाद इसे ट्रिपल डिस्क रिफाइनरी में डालकर गाढ़ा किया जाता है। इसके बाद इसमें कैल्शियम कंपोनेंट डालकर पेंट का बेस तैयार किया जाता है। और तैयार किया जाता है इमल्शन और डिस्टेंपर।
मन चाहा रंग लाने के लिए फिर इसमें नेचुरल रंगो का इस्तेमाल किया जाता है। जिसके बाद इसमें 30 प्रतिशत भाग ही गोबर रह जाता है। लेकिन यह तैर हुआ पेंट पूरी तरह से ऑर्गेनिक होता है। यानी किसी भी तरह की कोई केमिकल मिलावट नहीं। जिससे इसका लंबा फायदा खरीदार को मिलता है। जैसे कि एन्टीबैक्टीरयल, एंटी फंगल, दुर्गंध मुक्त, नॉन-टॉक्सिक, फ्री फ्रॉम हैवी मेटल, नेचुरल थर्मल इंस्युलेशन जैसे कई फायदें शामिल हैं।
Union Minister Nitin Gadkari launches India's first cow dung-based paint. 🙏🙏👏👏👏pic.twitter.com/VYnJkg6JQW
— Farrago Abdullah (@abdullah_0mar) January 13, 2021
आपको बता दे, गोबर से तैयार हुआ पेंट प्राकृतिक रूप से ठंडा और ताजगी का एहसास देता है। फिर चाहे घर के बाहर की दीवारे हो अंदर की यह पेंट दोनों जगह सामान्य रूप से उपयोगी साबित होता है। और इसकी खाशियत ये है कि मार्किट में मिलने बाले केमिकल पेंट की तरह ही यह लुक देता है।
Salute to @nitin_gadkari Sir. Paint out of cow dung. As good as any paint from multinational companies. Going to be game changer for farmers. Unfortunately these positive stories are not shown much pic.twitter.com/ARFN07H32N
— #RenukaJain (@RenukaJain6) January 16, 2021
आपको यह एक बड़ा प्रोजेक्ट है, इसी लिए इसकी लागत भी बड़ी है। अगर कोई छोटा गौ पालक पेंट बनाना चाहता है तो बह पहले ट्रेनिंग ले और सरकारी सुविधाओं के बारे में जानकारी इकठ्ठा करे। किसी भी बिजनेस में मोटी आमदनी देखकर घुसने की बजाय उसकी जानकारी इक्क्ठा करना बेहतर फायदे का सौदा माना जाता है। इसीलिए अगर आप ऐसा कुछ प्लान कर भी रहे है तो सबसे पहले जानकारी इक्क्ठा कर ले।