वो भारतीय जिसने मात्र 20 मिनट में ईस्ट इंडिया कंपनी को खरीद लिया, पढ़िए पूरी कहानी!

भारतीय ईस्ट इंडिया कंपनी का इतिहास कुछ ऐसा है, जिसने ना सिर्फ भारत का इतिहास बल्कि भूगोल तक बदल कर रख दिया था। एक दौर में ब्रिटेन की ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना भारत के साथ कारोबार के लिए की गई थी, लेकिन भारत की धन-धान्य से भरपूर रियासतों की आपसी लड़ाई और मजबूत नेतृत्व की कमी को देखते हुए कंपनी की साम्राज्यवादी आकांक्षाएं बढ़ गई थी। यही कारण था कि कंपनी भारत में तेजी से अपने पैर पसारने लगी थी।
ऐसे में भारतीय इतिहास में ईस्ट इंडिया कंपनी एक अलग ही कहानी का हिस्सा है। आज आपको यह जानकर बेहद खुशी होगी कि दुनिया के एक बड़े हिस्से पर लंबे समय तक राज करने वाली इस कंपनी के मालिक अब एक भारतीय उद्योगपति है। इनका नाम है संजीव मेहता…आइए जानते हैं इनके ईस्ट इंडिया कंपनी को खरीदने की पूरी कहानी क्या है?

जिस समय भारत पर ब्रिटिश शासन था उस समय तक कहा जाता है कि पश्चिम का सूरज कभी अस्त नहीं होगा, लेकिन अब यह कहानी पलट गई है अब पश्चिम का सूरज पूरी तरह से डूब चुका है। भारत पर करीब 200 साल तक राज करने वाली ईस्ट इंडिया कंपनी को भारतीय उद्योगपति संजीव मेहता ने खरीद लिया है। मुंबई के बिजनेसमैन संजीव को इस बात का भी कोई अफसोस नहीं है कि उन्होंने इस कंपनी को खरीदने के लिए बड़ी कीमत अदा की है।
बकौल संजीव मेहता इस कंपनी को खरीदने में उन्होंने बड़ी रकम लगाई। इसके बावजूद उनका कहना है कि इस बात से ज्यादा इस बात पर ध्यान दीजिए कि भावनाओं के नजरिए से यह कितनी महत्वपूर्ण है। संजीव ने 15 बिलियन डॉलर की कीमत अदा करके इस कंपनी को खरीदा है। ऐसे में अब यह कंपनी ब्रिटिश नागरिक नहीं बल्कि एक भारतीय के मालिकाना हक वाली कंपनी बन चुकी है।

इस कंपनी को खरीदने के लिए संजीव ने कंपनी के 40 शेयर धारकों से साल 2010 में डील फाइनल की थी। इसके बाद संजीव मेहता ने इस डील को सफल बनाने के लिए दिन रात एक कर दिया। 5 सालों तक वह कोई काम नहीं कर रहे थे। बस इस दौरान ईस्ट इंडिया कंपनी को खरीदने की रणनीति बना रहे थे। यह रणनीति तैयार कर रहे थे कि आखिर वह इस कंपनी के कैसे मालिक बने।

संजीव का कहना है कि वह इन बीते सालों में यही सोच रहे थे कि वह कैसे उस कंपनी को अपने अधीन करें, जिसने कभी उनके देश पर राज किया। संजीव मेहता एक बेहतरीन बिजनेसमैन है, इसलिए वह अच्छी तरह से जानते थे कि मौजूदा समय में कंपनी और उसके मालिक के दिल में क्या चल रहा है। उन्होंने इस रणनीति को बेहद बारीकी से तैयार किया था। वही एक दिन कंपनी के ऑफिस पहुंचे और वहां मात्र 20 मिनट के लिए रुके, लेकिन इस दौरान उन्होंने 10 मिनट में ही यह भांप लिया था कि कंपनी अपने घुटनों पर आ चुकी है।

ऐसे में संजीव ने बिना देरी करते हुए ईस्ट इंडिया कंपनी के सारे शेयर खरीदने का मन बना लिया। संजीव मेहता ने एक नैपकिन उठाया और उसके ऊपर उसकी कीमत लिखी, जिसके बाद उन्होंने वह नैपकिन कंपनी के मालिक की तरफ बढ़ा दिया। अपनी कंपनी को बेचने के लिए ईस्ट इंडिया कंपनी के मालिक ने भी बिना कुछ सोचे इस डील के लिए हामी भर दी।
हालातों को देखते हुए उन्होंने बिना मोल भाव किए कंपनी के 21% शेयर संजीव को बेच दिए। इस तरह महज 20 मिनटों के अंदर ही एक भारतीय बिजनेसमैन भारत पर हुकूमत करने वाली ईस्ट इंडिया कंपनी पर मालिकाना हक दर्ज करने में कामयाब रहे। बता दे संजीव मेहता मुंबई में एक हीरे के उद्योगपति है। वह इस्ट इंडिया कंपनी को नए बिजनेस में लाने की तैयारी कर रहे हैं। उनकी योजना ई-कॉमर्स बिजनेस के जरिए कई तरह के लग्जरी गिफ्ट को बेचने की है।