प्रियंका ने पहले देश के लिए जीता मेडल, फिर "लड्डू गोपाल" के साथ मनाया जश्न...देखिये वीडियो!

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priyanka goswami

जब कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारत की प्रियंका गोस्वामी ने सिल्वर मेडल जीत कर इतिहास रच दिया। जीत के बाद प्रियंका की एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमे बह भगवन लड्डू गोपाल के साथ खुशियां मनाते हुए देखि गई। फोटो में वह एक हाँथ में लड्डू गोपाल और दूसरे हाँथ में मेडल लिए दिखी तो उनके इस अंदाज ने जनता का दिल जीत लिया। तो आइये जानते है प्रियंका के जीवन में लड्डू गोपाल का महत्व क्या है?

एक हाँथ में मैडल तो दूसरे में लड्डू गोपाल!

आपको बता दे, कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारत की झोली में जमकर मैडल गिरे, और एक के बाद एक कई रिकॉर्ड भी भारतीय खिलाड़ियों ने बनाये। लेकिन इनसबके बीच ध्यान खींचने बाली खिलाड़ी बनी प्रियंका गोस्वामी, जिन्होंने 10 हज़ार मीटर पैदल वॉक में भारत के लिए सिल्वर मेडल जीता। जिसके बाद उन्होंने जश्न मनाया तो सबकी निगाहें उनकी तरफ टिक गई क्यूंकि स्टेडियम में नजारा ही ऐसा था। 

priyanka goswami
Image source: AAJ TAK

दरअसल, जब प्रियंका ने मैडल जीता तो वह गले में सिल्वर मेडल टांगे हुए है और उनके हाथ में भगवान कृष्ण की मूर्ति लिए दिखी। प्रियंका ने मेडल जीतने के बाद इसे अपने परिवार और बाल गोपाल (भगवान कृष्ण का बाल रूप) को समर्पित किया। 

प्रियंका के साथ क्यों रहते है हर बक्त लड्डू गोपाल?

प्रियंका ने बताया कि जब मेडल के लिए फोटो खिंचवानी थी, तो उन्होंने कहा कि इसे जेब में रख लो लेकिन उन्हें क्या पता मेरे लिए वो क्या मायने रखते हैं।  प्रियंका ने अंत में मेडल और बाल गोपाल के साथ ही तस्वीर भी खिंचवाई, जो सुर्खियों में है। 


प्रियंका ने बताया कि जब लॉकडाउन हुआ, तब काफी चीज़ें बिगड़ गई थीं। तब मेरी मां ने मुझे कहा था कि इन्हें (बाल गोपाल) को अपने साथ रखूं तो सब ठीक होगा।  जब मैं बेंगलुरु नेशनल कैंप में गई, तब तीन-चार महीने ये मेरे साथ रहे और सबकुछ अच्छा हुआ। मैंने ओलंपिक के लिए 20 किमी. पैदल वॉक में क्वालिफाइ किया। प्रियंका बोलीं कि तब से मेरी कोशिश रहती है कि ये मेरे साथ में ही रहें। 


आपको बता दे, मेरठ की रहने वाली प्रियंका कृष्ण भक्त हैं। वह बचपन से ही भगवान कृष्ण की पूजा करती रही हैं। प्रियंका ने बताया कि मैं अपने भगवान श्रीकृष्ण और परिवार को यह मेडल समर्पित करती हूं। उनके आशीर्वाद के बिना कुछ नहीं हो सकता है। 

बहुत संघर्ष भरी रही है प्रियंका की यात्रा!

प्रियंका के सिल्वर मेडल के साथ कॉमनवेल्थ गेम्स में एथलेटिक्स में यह भारत का तीसरा पदक है।  उनसे पहले तेजस्विन ने हाई जंप में ब्रॉन्ज और मुरली श्रीशंकर ने सिल्वर मेडल जीता है। प्रियंका के पिता मदनपाल गोस्वामी यूपी रोडवेज में कंडक्टर थे। उनकी नौकरी चली जाने के बाद परिवार की आर्थिक स्थिति और भी खराब हो गई थी लेकिन इस जांबाज खिलाड़ी ने हौसला नहीं हारा और लगातार मेहनत करती रहीं। 

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Image source: DNA

खेल कोटे से उन्हें रेलवे में नौकरी मिली है और अब तक 20 किलोमीटर वॉक रेस में वह देश के लिए कई मेडल जीत चुकी हैं। उन्होंने टोक्यो ओलंपिक में भी हिस्सा लिया था। प्रियंका का कहना है कि उनका लक्ष्य ओलंपिक में पदक जीतने का है।