पिता करते सिलेंडर डिलीवरी, खुद झाड़ू-पोछा की नौकरी... आज IPL स्टार बनकर लगा रहा चौके-छक्के!

आईपीएल 2022 में कोलकाता नाइट राइडर्स (Kolkata Knight Riders) की हार का सिलसिला खत्म हो गया है। युवा बल्लेबाज रिंकू सिंह (Rinku Singh) की विस्फोटक बल्लेबाजी ने टीम को सीजन की चौथी जीत दिलाई। जिस वक्त रिंकू मैदान पर उतरे थे, उस वक्त केकेआर ने 12.5 ओवर में 92 रन के स्कोर पर तीन विकेट गंवा दिए थे। तब कोलकाता को 43 गेंदों पर 61 रन की जरूरत थी।
This is appreciation tweet of Rinku Singh 👏 Well Played Champ 🔥#KKRvRR pic.twitter.com/DsjUjH38gr
— ΛDΞ S H (@GillStan7) May 2, 2022
राजस्थान रॉयल्स और कोलकाता नाइट राइडर्स के बीच खेले गए मैच में प्लेयर ऑफ द मैच रहे 24 साल के रिंकू सिंह को IPL तक के सफर में कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ा है। क्यूंकि रिंकू सिंह के लिए यहां तक का सफर आसान नहीं रहा है। तो आइये जानते है रिंकू सिंह के जीवन से जुड़े कुछ किस्से।
कोलकाता को जीत दिलाने वाले रिंकू सिंह की कहानी!

रिंकू सिंह उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के रहने वाले हैं और उनके इस स्टेज तक पहुंचने की कहानी काफी परेशानियों और दुख से भरी रही है। रिंकू के पिता अलीगढ़ में एक गैस वेंडर हैं। यानी उनके पिता गैस सिलिंडर डिलीवरी का काम करते थे। रिंकू 5 भाई बहनों में तीसरे नंबर पर हैं। रिंकू सिंह का एक भाई ऑटो रिक्शा चलाता था और उनका दूसरा कोचिंग सेंटर में नौकरी करता था।
कभी मिल रहा था झाड़ू लगाने का काम!
भास्कर की रिपोर्ट अनुसार, रिंकू सिंह 9वीं क्लास में फेल हो गए थे। कम पढ़ा-लिखा नहीं होने के कारण रिंकू को अच्छा नौकरी नहीं मिल रही थी। रिंकू ने जब अपने भाई से नौकरी दिलवाने की बात कही तब उनका भाई जहां उन्हें ले गया, वहां उन्हें झाड़ू मारने की नौकरी मिल रही थी। जिसके बाद उन्होंने पूरा फोकस अपना क्रिकेट पर लगा दिया।

रिंकू को स्कूल के समय से ही क्रिकेट काफी पसंद था और वह खाली समय में दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलते थे। इसमें उन्हें मजा आने लगा। इस बात का खुलासा रिंकू ने कोलकाता नाइट राइडर्स की वेबसाइट पर मौजूद एक वीडियो में किया। इसके बाद रिंकू घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंट्स खेलने लगे।
पहले पिता नहीं चाहते थे कि क्रिकेटर बने रिंकू
रिंकू बताते हैं- मेरे पिताजी मुझे क्रिकेट खेलता हुआ नहीं देखना चाहते थे। वह नहीं चाहते थे मैं अपना समय क्रिकेट पर बर्बाद करूं। कभी-कभी जिद्द में मेरी पिटाई भी हो जाती थी। खेलकर जब मैं घर लौटता था तो पिताजी डंडा लेकर तैनात रहते थे। लेकिन परिवार के बाकी सदस्य मेरे सपोर्ट में थे.

रिंकू बताते है कि मेरे भाइयों ने मेरा साथ दिया और मुझे क्रिकेट खेलने के लिए कहता था। मेरे पास तब गेंद खरीदने के लिए पैसे नहीं थे। कुछ लोगों ने इसमें भी मेरी मदद की। एक बार उन्हें इनाम में एक मोटरसाइकिल मिली और इसे रिंकू ने अपने पिता को गिफ्ट में दे दी।
Rinku Singh knew he would win it for KKR even before the game 👏
— ESPNcricinfo (@ESPNcricinfo) May 2, 2022
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पिता को भी एहसास हुआ कि जो मोटरसाइकिल वह अपने जीवन में नहीं खरीद सके, वह बेटे ने क्रिकेट खेलकर ला दिया। उस दिन से पिता का मेरे और मेरे क्रिकेट खेल के प्रति नजरिया बदल गया।
शाहरुख़ खान समेत जीवन में 3 लोगो का खासा सहयोग!
रिंकू सिंह बताते हैं कि उन्हें जीवन में तीन खास लोगों का मार्गदर्शन मिला। मुझे शुरुआत में ये नहीं पता था कि मैं अंडर-16 टीम में कैसे जाऊंगा। ऐसे में अलीगढ़ के ही मोहम्मद जीशान मेरी मदद के लिए सामने आए। मसूद अमीन भी मेरे लिए खास हैं। शुरुआती कुछ दिनों में मैंने उनसे ही कोचिंग ली थी। वह आज भी मेरे कोच हैं।

रिंकू ने बताया कि मोहम्मद जीशान ने मेरी काफी मदद की। उनका मार्गदर्शन मेरे लिए अहम रहा। इसके अलावा शाहरुख खान ने मेरी काफी मदद की। शाहरुख की कोलकाता नाइट राइडर्स टीम ने ही 2018 में रिंकू को पहली बार खरीदा था। और आज भी बह उन्ही की टीम के लिए खेलते है।