10वीं फेल मनसुखभाई ने गरीबो के लिए बनाया मिट्टी का फ्रिज, सालाना 3 करोड़ का बिजनेस!

बहुत पहले एक फिल्म में सुना था कि ज़िंदगी में दो ही चीजें होती हैं, एक मेहनत और दूसरी किस्मत। गरीब के पास किस्मत नहीं होती तो बची मेहनत जिसके दम पर वह अपनी किस्मत बना सकता है। यह बात गुजरात के मनसुख भाई प्रजापति पर एकदम सटीक बैठती है। जिन्होंने मिट्ठी को सोना बनाकर कामयाबी का दामन ऐसा थामा कि आज उनके साथ-साथ उनसे जुड़े बहुत से लोगों की किस्मत बन गई।
मनसुखभाई प्रजापति को भारत का 'मिट्टी पुत्र' कहना कोई छोटी बात नहीं होगी। उन्होंने मिट्टी से पूरी दुनिया में नाम कमाया है। आज मनसुखभाई प्रजापति मिट्टी के बर्तन और मशीन बनाने वाले सबसे बड़े इंटरप्रेनर हैं। उन्होंने पूरी दुनिया में मिट्टी और उससे जुड़े बर्तन सहित मशीनों को बढ़ावा दिया है। मनसुखभाई प्रजापति ने मिट्टी के फ्रिज से लेकर एयर कूलर और वाटर प्यूरीफायर तक बनाए हैं।

एक जमाना था, जब मनसुखभाई की पहचान सिर्फ एक कुम्हार का बेटा होने तक सीमित थी। लेकिन मनसुख ने अपने पारंपरिक पेशे को ही बड़ा बनाया और इसी में आज करोड़ो का कारोबार खड़ा किया है। तो आइये जानते है मनसुखभाई के जीवन से जुड़े कुछ अनछुए पहलुओं को।
बचपन में बेची चाय, 10वीं फेल मनसुखभाई!
दरअसल, मनसुखभाई कुम्हार समुदाय से आते हैं। उनके परिवार सालों से मिट्टी के बर्तन बनाने का काम करते थे। मनसुखभाई का बचपन काफी गरीबी में बीता।उनका पुश्तैनी काम मिट्टी के मटके और बर्तन आदि बनाकर बेचना था। लेकिन इस काम में ज्यादा कमाई नहीं थी। इसलिए उनके पिता चाहते थे कि मनसुख कुछ अलग करें ताकि घर-परिवार सही से चल पाए।

मनसुखभाई बताते हैं, मां सुबह 4 बजे उठ कर मिट्टी लाने के लिए जाती थी। पिता और परिवार के लोग मिट्टी का बर्तन बनाते थे, लेकिन मेहनत के हिसाब से कमाई नहीं होती थी। माता-पिता चाहते थे कि वो पढ़-लिखकर समाज की बेड़ियों को तोड़े और कुछ अच्छा करें, लेकिन वे 10वीं क्लास में फेल हो गए और फिर उसके बाद उन्होंने आगे की पढ़ाई नहीं करने का फैसला कर लिया।

मनसुखभाई फेल हुए तो पिता ने उनके लिए चाय की दुकान खोल दी। जिस पर मनसुखभाई चाय बेचने लगे। इसे कुछ दिन चलाने के बाद उन्होंने सिरेमिक टाइल इंडस्ट्री में नौकरी ले ली। सिरेमिक टाइल कंपनी में उन्होंने बहुत कुछ सीखा और लगभग पांच साल तक काम किया। साल 1995 में उन्होंने एक बार फिर अपने पुश्तैनी काम से जुड़ने का फैसला किया, लेकिन इस बार थोड़ा अलग तरीकों से।
मिट्टी का तवा बनाने वाली मशीन का आविष्कार!

मनसुखभाई प्रजापति ने पहली बार मिट्टी का तवा बनाने वाली मशीन का आविष्कार किया। जिससे उन्होंने शानदार तवे बनाए। और फिर मिट्टी की प्लेट और चम्मच आदि बनाई। इसके अलावा कई तरह के प्रयोग करके उन्होंने मिट्टी से पानी फिल्टर करने वाली मशीन भी बनाई। ताकि तालाब के पानी को साफ करके पीने लायक बनाया जा सके। मनसुख का कहना है कि वह गांव-देहात के लोगों की समस्याओं को देखते हुए चीजें बनाते है।
गरीबों के लिए बनाया मिट्टी का फ्रिज!
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मनसुखभाई के मिट्टी से निर्मित बर्तनो का बिजनेस रफ्तार पकड़ रहा था, तभी साल 2001 में गुजरात भूकंप की वजह मनसुखभाई को काफी नुकसान उठाना पड़ा। फिर उसके बाद उन्हें बिजली के बिना चलने वाला फ्रिज बनाने का आइडिया आया। उन्होंने सोचा कि मिट्टी से ऐसा कोई प्रोडक्ट बनाया जाए जो सामान को ठंडा और फ्रेश रख सके। बिना लाइट के चले और आम आदमी आसानी से इसे खरीद पाए।

इसके बाद मनसुखभाई ने अब तक का अपना सबसे बड़ा और अनोखा अविष्कार है ‘मिट्टीकूल’ बनाया, यह मिट्टी से बना फ्रिज है... जिसे बिना बिजली के कहीं भी चलाया जा सकता है। मिट्टी से बने इस फ्रिज में 5 से 6 दिनों तक फल, सब्जी फ्रेश रहते हैं। इसके अंदर दवाओं और अन्य सामान को भी रखा जा सकता है। ये फ्रिज पूरी तरह से इकोफ्रेंडली है।

वहीं, दूध की बात करें तो इसमें 24 घंटे तक दूध रह सकता है। मनसुख का कहना है कि ग्रामीण इलाकों में लोग महंगे इलेक्ट्रिक फ्रिज नहीं खरीद सकते हैं और अगर ले भी लें तो बिजली की बहुत समस्या है। इसलिए उन्होंने मिट्टीकूल को बनाया ताकि यह लोगों को सस्ता भी पड़े और बिना बिजली इस्तेमाल भी हो जाए। लेकिन आज उनका यह फ्रिज न सिर्फ गांवों में बल्कि बड़े शहरों के घरों में भी अपनी जगह बना रहा है।
सालाना 3 करोड़ से ज्यादा का कारोबार!

बिजली के बिना चलने वाले फ्रिज की सफलता के बाद मनसुखभाई ने साल 2002 में 7 लाख रुपए का लोन लेकर वांकानेर में "मिट्टीकूल" नाम से अपनी कंपनी की शुरुआत की। जो मिट्टी के बर्तन से लेकर मशीन तक बेचती है। धीरे-धीरे उन्हें अपने इस काम में सफलता मिलती गई और आज उनकी कंपनी की कीमत करोड़ों में है। भास्कर की रिपोर्ट अनुसार, मनसुखभाई सालाना 3 करोड़ से ज्यादा का कारोबार कर रहे हैं।
बनाए 250 से ज्यादा मिट्टी के आइटम!

अभी मनसुखभाई 250 से ज्यादा सामान बना कर उसकी मार्केटिंग कर रहे हैं। वो किचन में इस्तेमाल होने वाले हर सामान को मिट्टी से तैयार कर रहे हैं। जिनमें फ्रिज और फिल्टर के अलावा प्लेट, चम्मच, तवा, कड़ाही, प्रेशर कुकर, नॉन-स्टिक तवा, गिलास, बोतल, कटोरी आदि शामिल हैं। उनके बनाए बर्तन आज विदेशों तक जा रहे हैं। साथ ही मनसुखभाई सैकड़ो महिलाओं को रोजगार भी दे रहे हैं।
PM मोदी और Dr कलाम के हाथों सम्मानित!

आपको बता दे, मनसुखभाई को उनके अनोखे इनोवेशन के लिए दुनियाभर में उन्हें कई अवॉर्ड दिए जा चुके हैं। उन्हें फ्रांस व यूरोप के अन्य देशों से भी आए लोगों ने सम्मानित किया। मनसुख को भारत के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम, प्रतिभा पाटिल और प्रणब मुखर्जी से भी कई नेशनल अवॉर्ड मिल चुके हैं। उन्हें गुजरात के 'गौरव' से भी सम्मानित किया गया है। वहीं, अमेरिका की कैंब्रिज यूनिवर्सिटी और CBSE के 11वीं क्लास में उनकी लाइफ और इनोवेशन का चैप्टर पढ़ाया जाता है।