उस मां की कहानी, जो ससुराल और 2 साल के बच्चे को संभालते हुए बिना कोचिंग बनी IAS अफसर!

जिंदगी में कुछ कर दिखाने का जज्बा हो तो जिंदगी में आने वाले उतार-चढ़ाव उसमें परेशानी नहीं बल्कि उसकी सफलता के पीछे की कहानी का हिस्सा बनते हैं। आज हम आपको हरियाणा की IAS ऑफिसर पुष्पलता यादव की कहानी सुनाएंगे, जिन्होंने शादी के 4 साल बाद एक बच्चे की मां बनने के बाद अपना IAS बनने का सफर शुरू किया। इस दौरान उन्हें कई कड़े मुश्किल उतार-चढ़ाव से भी गुजरना पड़ा।
यह सफर पुष्पलता के लिए बिल्कुल भी आसान नहीं था, हालांकि उनके परिवार और पति के साथ ने उनके लिए यह सफर आसान बनाने की हर मुमकिन कोशिश और उनका साथ दिया। आमतौर पर देखा जाता है कि लड़कियों की शादी भी से 22 साल की उम्र में हो जाती है। मां-बाप उनकी शादी करके अपनी चिंता से मुक्त हो जाते हैं। कुछ ऐसा ही पुष्पलता के साथ भी हुआ।

ग्रेजूएशन के बाद स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद में वह सिलेक्ट हो गई, लेकिन 2011 में उनकी शादी हो गई और शादी के बाद वह अपने ससुराल मानेसर आकर रहने लगी। शादी के बाद उनका एक बेटा हुआ, लेकिन शादी के करीब 4 साल बाद ही उन्होंने यूपीएससी की तैयारी करने का मन बना लिया।
पुष्पलता के लिए उस समय यह फैसला इतना आसान नहीं था क्योंकि ससुराल में घर संभालने की जिम्मेदारी के अलावा उनके पास उनका 2 साल का बेटा भी था। ऐसे में ससुराल का काम, बेटे का ध्यान रखना और यूपीएससी की तैयारी करना…यह तीनों एक साथ काफी मुश्किल था।

वही शादी के बाद उनकी किताबों से भी दूरी बन गई थी। ऐसे में शिक्षा की ओर वापसी का सफर उनके लिए आसान नहीं हुआ। उन्होंने इस बात का जिक्र अपने पति से किया तो पति ने भी उनका सपोर्ट किया, लेकिन दिल्ली भेजकर सिविल सर्विसेज की तैयारी करने में असमर्थता जताई।
पति के मना करने के बाद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और उन्होंने बैंक की नौकरी से इस्तीफा देते हुए खुद ही तैयारी करने का मन बना लिया। वह सिविल सर्विस की तैयारी में पूरी जी जान से जुट गई। 5 साल किताबों से दूरी, 2 साल का बेटा और इसके अलावा घर की जिम्मेदारियों के साथ यूपीएससी की तैयारी करना काफी मुश्किल रहा।

ऐसे हालातों के बावजूद भी पुष्पलता ने ठान लिया थी कि वह आईएएस अफसर बन कर रहेंगी। उन्हें यह मुश्किले जिंदगी में बाधा नहीं लगी। वहीं उनके बच्चे को संभालने में उनके पति और ससुराल के लोगों ने उनकी काफी मदद की। धीरे-धीरे उनका हौसला भी बढ़ा। पहली बार उन्होंने यूपीएससी का एग्जाम दिया। दो बार लगातार असफलता मिली, लेकिन तीसरी बार उन्होंने फिर हिम्मत कर परीक्षा दी।
ऐसे में उनकी हिम्मत और हौसले का फल उन्हें मिला। अंत में साल 2017 में उन्होंने फिर से यूपीएससी का एग्जाम दिया और 80वीं रैंक के साथ अपना मुकाम हासिल किया।

अपनी सफलता को लेकर पुष्पलता का कहना है कि उनके लिए यह सफर बिल्कुल आसान नहीं था। उनके परिवार और उनके पति ने उनका बहुत साथ दिया। यही कारण रहा कि वह अपना मुकाम हासिल कर पाई। बता दें आईएएस ऑफिसर पुष्पलता मौजूदा समय में हरियाणा के रेवाड़ी जिले में कार्यरत है।