आँखों से नहीं देता दिखाई तो मां ने लिखी कॉपी, अब हालातों से लड़ होनहार बेटा बना IAS अफसर!

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samyak jain

'मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है' ये कहावत दिल्ली के रहने वाले सम्यक जैन पर बिल्कुल सटीक बैठती है। दृष्टिबाधित सम्यक जैन ना केवल UPSC 2021 की परीक्षा में शामिल हुए, बल्कि हर बाधा को पार किया और 7वीं रैंक हासिल की। सम्यक ने जिंदगी में उतार-चढ़ाव भी देखे और हिम्मत, मेहतन और धैर्य के साथ अपना रास्ता बनाया। तो ऐसे में जानना जरुरी हो जाता है सम्यक जैन के संघर्षो की कहानी। तो आइये सुरु करते है। 

20 साल की उम्र में चली गई आंखों की रोशनी!

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दिल्ली के रोहिणी निवासी है सम्यक जैन। सम्यक को स्कूली पूरी करने तक यह समस्या नहीं थी तब वह भली-भांति देख सकते थे। लेकिन 20 वर्ष की आयु में उनकी आंखों की रोशनी कम होना शुरू हुई और फिर धीरे-धीरे उन्हें सब कुछ दिखना बंद हो गया। यानी सम्यक की जिंदगी में अँधेरा छा गया। लेकिन सम्यक ने हार नहीं मानी और उन्होंने पढ़ाई जारी रखी।

IIMC और JNU से की पढ़ाई!

सम्यक बताते हैं, आँखों की रोशनी जाने के बाबजूद मैंने हिम्मत नहीं हारी बल्कि आगे बढ़कर दिल्ली यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (SOL) से इंग्लिश ऑनर्स किया। बाकी स्टूडेंट्स की तरह मेरे मन में भी उस वक्त ओपन लर्निंग को लेकर सवाल आया था, लेकिन फिर मुझे लगा कि मैं अपना बेस्ट दूंगा। इसके बाद मैंने कॉन्फिडेंस के साथ पढ़ाई की और पास हुआ। 

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इसके बाद मीडिया की ओर मेरा रुझान था और मैंने IIMC से इंग्लिश जर्नलिजम किया। जर्नलिजम पढ़ने का फायदा मिला और मैं देश-दुनिया और समाज के मसलों को समझ सका। फिर जेएनयू से एमए इंटरनैशनल रिलेशंस की पढ़ाई की और यहीं से सिविल सर्विसेज में जाने की सोची। 

मां बनी थीं सम्यक की लेखक!

सम्यक जैन देखने में सक्षम नहीं है इसके बाद भी उन्होंने हर बाधा को पार किया और यूपीएससी (UPSC-2021) की परीक्षा के लिए उन्होंने इंटरनेशनल रिलेशनशिप और राजनीति शास्त्र जैसे विषय चुने। सम्यक कहते हैं, मैंने एग्जाम की तैयारी के लिए रोज 6-7 घंटे पढ़ाई की, क्योंकि मुझे लगता है कि बहुत ज्यादा पढ़कर भी आप थक जाते हैं। इसलिए रोज पढ़ें और टिके रहें।

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वंही सम्यक जैन ने बताया कि यूपीएससी के नियमों के मुताबिक परीक्षा में उन्हे उत्तर लिखने के लिए लेखक की आवश्यकता थी और यह आवश्यकता सम्यक की मां वंदना जैन ने पूरी की। यानी सम्यक प्रशनों के उत्तर बोलते थे और उनकी मां इन उत्तरों को आंसरशीट पर लिखती थीं। वो याद करते हुए बताते हैं कि परिवार के सभी सदस्य इस मिशन में उनके साथ जुटे रहे।  

सभी मुस्किलो को हराकर पास की UPSC की परीक्षा!

सम्यक जैन दृष्टिबाधित होने के बावजूद यूपीएससी 2021 की परीक्षा में शामिल हुए। हर बाधार को पार करते हुए सम्यक ने ना सिर्फ परीक्षा पास की, बल्कि 7वीं रैंक भी हासिल की। रिजल्ट आने के बाद मीडिया से बाचतीत में उन्होंने कहा:- 

"मैं रिजल्ट देखकर बेहद खुश हूं। मैं सपने में भी नहीं सोच सकता था मेरी सिंगल डिजिट में इतनी अच्छी रैंक आएगी। आज ऐसा लग रहा है, जैसे मेरे सारे सपने सच हो गए हों। इस परीक्षा के बारे में मैंने जितना सोचा था, मुझे उससे ज्यादा मिला। मैं इतना खुश हूं कि अपनी भावनाएं शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता"


लोगों की मदद करना चाहते हैं सम्यक जैन!

सम्यक उन सभी लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं, जो सिविल सेवा में जाना चाहते हैं। सम्यक का कहना है कि न देख सकने वाले व्यक्तियों को निराश होने की कतई जरूरत नहीं है। आवश्यकता बस मेहतन करने की है। सम्यक का कहना है कि सिविल सर्विसेज एक ऐसा माध्यम है, जिसके जरिए जरूरतमंद लोगों की काफी मदद की जा सकती है इसलिए उन्होंने इसे चुना।

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सम्यक ने अभ्यर्थियों को प्ररेणा देते हुए कहा कि न देख सकने वाले व्यक्तियों को निराश होने की कोई जरूरत नहीं है। मेहनत करने से सब आसान हो जाता है। सम्यक ने इस सफलता का बड़ा श्रेय उनके परिवार खासतौर पर मां को दिया है। आपको बता दे, उनके मामा उन्हें महामारी में परीक्षा दिलाने ले जाया करते थे।  उनके उनके पिता एअर इंडिया में नौकरी करते हैं।