आंखों से देख नहीं सकती, लेकिन अपनी मेहनत से तोड़ दिया UPSC का चक्रव्यूह...अब बनेगी अफसर!

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कहाबत है, मेहनत करने बालो की कभी हार नहीं होती। फिर चाहें जिंदगी में कितने भी रोड क्यों ना आये, इंसान अपनी मंजिल पा ही लेता है। ऐसा ही कुछ दिल्ली में देखने को मिला, जंहा की आयुषी ने UPSC (सिविल सर्विस एग्जाम 202) को क्रेक करके ऑल इंडिया 48वां स्थान हासिल किया। आपको बता दे, आयुषी को दिखाई नहीं देता है, इसके बाबजूद आयुषी ने ये कीर्तिमान हासिल किया है। तो आइये जानते है आयुषी के संघर्ष की कहानी। 

आंखों से देख नहीं सकती, लेकिन अब बनेगी IAS अफसर!

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Image Source: AAJ Tak

30 मई 2022. संघ लोक सेवा आयोग यानी UPSC ने सिविल सर्विस एग्जाम 2021 (CSE 2021) का रिजल्ट जारी किया। जिसके परिणाम स्वरुप दिल्ली के रानी खेड़ा गांव की रहने वाली आयुषी ने टॉप 50 में अपनी जगह बनाई। और उन सभी लोगों को करारा जवाब दिया है जो यह सोचते थे कि वह इस दुनिया को अपनी आंखों से नहीं देख सकती हैं इसीलिए वह कुछ भी नहीं कर सकती। 

पढ़ाई-लिखाई में शुरू से ही अव्वल!

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Image Source: Social Media

दृष्टिहीन होने के बावजूद आयुषी ने वो कर दिखाया, जिसे करना हर किसी के बस की बात नहीं। आपको बता दे, आयुषी शुरू से ही पढ़ाई-लिखाई में काफी अच्छी थीं। स्कूल और कॉलेज में हमेशा टॉप करती थीं। और इसी लगन की बजह से आयुषी ने इससे पहले दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (डीएसएसएसबी) में भी टॉप किया था। 

असफलताओं के बाद भी नहीं मानी हार!

आपको बता दे, आयुषी दिल्ली के रानी खेड़ा में रहती हैं और एक स्कूल में लेक्चरर है। बह मौजूदा समय में दिल्ली के मुबारकपुर में एक स्कूल में इतिहास विषय पढ़ाती है। इसी दौरान, उन्होंने 2015 में सिविल सेवा की तैयारी का फैसला किया। लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया। पहले अटेम्प्ट में सफलता नहीं मिली। दूसरे और तीसरे अटेम्प्ट में भी निराशा ही हाथ लगी। 

लेकिन, आयुषी हिम्मत हारने वालों में से नहीं थीं। उन्होंने एक बार फिर ट्राई किया और चौथी बार अपना मुकाम हासिल कर ही लिया। आपको बता दे, वह स्कूल से आकर यूपीएससी की तैयारी करती थी, और रात में भी देर रात तक पढ़ती थी। आयुषी जो कि बचपन से ही नेत्रहीन है, लेकिन उन्होंने कभी भी अपने आप को नीचे नहीं गिरने दिया, वह हमेशा मेहनत करती रही।

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और मुश्किलों को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया और इसी के चलते आज उन्होंने यूपीएससी परीक्षा परिणाम 2021 के टॉप 50 में अपनी जगह बनाई है। 

पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम हैं आदर्श!

आयुषी, एपीजे अब्दुल कलाम को अपना आदर्श मानती हैं। वह पहले टीचर बनना चाहती थीं। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज से ग्रैजुएशन की है। इसके साथ में उन्होंने इग्नू से पोस्ट ग्रेजुएशन किया है इतना ही नहीं जामिया मिलिया इस्लामिया से उन्होंने बीएड की पढ़ाई भी की है। इस मौके पर आयुषी ने कहा:-

"तैयारी के लिए काफी कम समय मिलता था। रात में कम सोती थी और स्कूल से लौटकर पढ़ाई करती थी। काम की वजह से कोचिंग जाने का वक्त नहीं था। इसलिए घर पर ही पढ़ाई करती थी।"


आयुषी का कहना है कि कई बार दिव्यांगजनों को लोग अलग नजर से देखते हैं, कई लोगों की सोच होती है कि दिव्यांगजन लोग कुछ नहीं कर सकते, वह ऐसे लोगों की सोच बदलना चाहती हैं, और आगे दिव्यांगजन लोगों को एक बेहतर भविष्य देने के लिए काम करना चाहती हैं।