पोलियो ने बनाया बिकलांग...लेकिन नहीं हारी हिम्मत, आज भारत के लिए गोल्ड जीतकर इतिहास रच दिया!

पैरा पॉवरलिफ्टर सुधीर ने कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है। वे इन गेम्स में गोल्ड जीतने वाले देश के पहले पैरा पॉवरलिफ्टर बने हैं। यानी सुधीर लाठ ने देशवासियों को खुशी का ऐतिहासिक पल दिया है। उन्होंने पैरा-पावरलिफ्टिंग (दिव्यांग एथलीट्स की वेटलिफ्टिंग) में 212 किलो वजन उठाने के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया। साथ ही सुधीर ने गेम्स रिकॉर्ड भी बनाया।
सुधीर ने गेम्स रिकॉर्ड के साथ जीता गोल्ड!

भारत के पैरा एथलीट सुधीर ने गुरुवार यानी 7वें दिन बर्मिंघम में जारी राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के लिए छठा गोल्ड मेडल जीत लिया है। वे इन गेम्स में गोल्ड जीतने वाले देश के पहले पैरा पॉवरलिफ्टर बने हैं। उनसे पहले 2014 में पैरा पावरलिफ्टर सकिना खातून ने ब्रॉन्ज जीता था। 87.30 KG के सुधीर ने पुरुषों की हैवी वेट कैटेगरी में 212 KG वेट उठाते हुए गेम्स रिकॉर्ड के साथ गोल्ड जीता है। उनकी उपलब्धि पर परिजनों व ग्रामीणों के साथ सभी खेल प्रेमियों में खुशी की लहर है।
पांच साल की उम्र में हो गए थे दिव्यांग!
अमर उजाला की रिपोर्ट अनुसार, सोनीपत के गांव लाठ में किसान परिवार में जन्मे सुधीर लाठ बचपन से ही प्रतिभावान रहे हैं। महज पांच वर्ष की आयु में पैर में परेशानी के चलते वह दिव्यांग हो गए। उसके बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी। साल 2013 में शरीर को फिट रखने के लिए उन्होंने पावरलिफ्टिंग शुरू की थी। इसमें लगातार अभ्यास करते रहने की वजह से उन्होंने इस खेल को जीवन का हिस्सा बना लिया।
Sudhir lifted 212 kg in Para Power lifting and set new Games record to win Gold Medal for India!
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) August 5, 2022
A Hearty Congratulations Sudhir !! #ParaPowerlifting #Cheer4India 🇮🇳 pic.twitter.com/teAXnWpe0W
पैरा खिलाड़ी वीरेंद्र धनखड़ से प्रेरित होकर सुधीर ने पैरा पावरलिफ्टिंग शुरू की थी। महज दो साल की मेहनत से ही वह नेशनल तक पहुंचे और राष्ट्रीय खेलों में स्वर्ण जीतकर प्रदेश का नाम रोशन किया। वहां से शुरू हुआ नेशनल में सोना जीतने का उनका सफर लगातार सात साल से जारी है।
लगातार सात बार नेशनल गोल्ड मेडलिस्ट!
सुधीर लगातार सात बार के नेशनल गोल्ड मेडलिस्ट रह चुके हैं। इसके साथ ही वह वर्ष 2021 और 2022 में स्ट्रांग मैन ऑफ इंडिया का खिताब जीतकर देशवासियों को रोमांचित कर चुके हैं। ऐसे में देशवासियों को उनसे राष्ट्रमंडल में भी सोना जीतने की ही उम्मीद थी। सुधीर ने भारतीयों को निराश नहीं किया और स्वर्ण जीतकर उम्मीदों पर खरे उतरे। और इंग्लैंड के बर्मिंघम में आयोजित हो रहे राष्ट्रमंडल खेलों में सुधीर ने हैवीवेट वर्ग में देश के लिए सोना जीता है।
Sudhir wins gold in men's heavyweight para powerlifting, sets record at #CommonwealthGames2022
— Hindustan Times (@htTweets) August 5, 2022
This is India's sixth gold at #CWG2022
Read here https://t.co/fjUsela43k pic.twitter.com/qeRqpQUdqa
आपको बता दे, सुधीर लाठ चार भाइयों में एक हैं। उनके पिता सीआईएसएफ जवान राजबीर सिंह का चार पहले निधन हो गया था। अब चार भाइयों के साथ परिवार में मां व चाचा है। वह वर्ष 2021 और 2022 में स्ट्रांग मैन ऑफ इंडिया का खिताब जीतकर देशवासियों को रोमांचित कर चुके हैं।
पांच किलो दूध, चने व बादाम खाकर बनाया शरीर!

सुधीर ने सदैव देसी खानपान को तरजीह दी है। वह रोजाना पांच किलो दूध के साथ ही चने व बादाम खाते हैं। जिससे उनका शरीर पूरी तरह नेचुरल है। लोगों की उम्मीद पर खरा उतरने के लिए वह रोजाना पांच घंटे जमकर पसीना बहाते है। दिल्ली में रहकर सुबह तीन घंटे और शाम को दो घंटे रोजाना जमकर मेहनत करते, इसके लिए सुधीर रोजाना 250 किलो की बेंच प्रेस लगाते थे। आपको बता दे, मेन्स हेवीवेट कैटेगरी के फाइनल में उनके आसपास भी कोई खिलाडी नहीं भटकता।
टैली में भारत के 20 मेडल हो गए हैं

इस गोल्ड के साथ मेडल टैली में भारत के 20 मेडल हो गए हैं। इनमें 6 गोल्ड, 7 सिल्वर और इतने ही ब्रॉन्ज शामिल हैं। गेम्स में सुधीर ने छठा गोल्ड दिलाया है। उनसे पहले वेटलिफ्टर मीराबाई चानू, जेरेमी लालनिरुंगा और अचिंता शेउली गोल्ड जीत चुके हैं। महिला लॉन बॉल और पुरुष टेबल टेनिस टीम ने भी गोल्ड जीते हैं।