पिता ने पेश की मिसाल, अपनी दिव्यांग बेटी को खाना खिलाने के लिए बना दिया ‘माँ रोबोट’

आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है। और इस बात को चरितार्थ कर दिखाया गोवा के बिपिन कदम ने, जिन्होंने अपने ज्ञान का इस्तेमाल करके एक ऐसा रोबोट बनाया, जो उनके परिवार के लिए वरदान बन गया है। उनका बनाया ‘माँ रोबोट’ इस बात का सबूत है कि किसी काम को करने के लिए बड़ी डिग्री या साधन के बजाय, उसे करने की इच्छा सबसे ज़्यादा ज़रूरी है। उन्होंने यह रोबोट अपनी दिव्यांग बेटी के लिए बनाया, जिससे उनकी बेटी की जिंदगी आसान हो सके। तो क्या है पूरा मामला? चलिए हम आपको बताते है।
दिव्यांग बेटी के लिए बनाया माँ रोबोट!
गोवा के रहने वाले 44 वर्षीय बिपिन कदम भले ही केवल 10वीं पास हैं, लेकिन मशीनों से उन्हें इतना लगाव है, जितना शायद किसी इंजीनियर को भी न हो। उन्होंने अपनी दिव्यांग बेटी के लिए खुद की सूझ-बूझ से एक ‘माँ रोबोट’ बनाया है, जो उनकी बेटी को उसकी आवाज के निर्देश पर खाना खिलाता है। और उसका ख़याल रखता है।

दरअसल, बिपिन की बड़ी बेटी प्राजक्ता 17 साल की हैं, लेकिन दिव्यांग होने की वजह से उनका दिमाग एक दो साल के बच्चे जैसा है। इसलिए प्राजक्ता को खाने से लेकर अपने रोज़ के कामों के लिए दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता है। वंही दो साल पहले तक बिपिन की पत्नी अपनी बेटी को संभालती थीं, लेकिन पिछले दो साल से वह भी काफी बीमार रहने लगी। तो ऐसे में, बेटी का ध्यान रख पाना संभव नहीं हो पा रहा था।

बिपिन ने जब देखा कि कभी-कभी उनकी पत्नी प्रेरणा अपने काम के कारण प्राजक्ता को समय पर खाना नहीं खिला पाती, तब उन्हें लगा कि क्यों न अपने ज्ञान का इस्तेमाल अपनी बेटी को आत्मनिर्भर बनाने के लिए किया जाए। इसलिए बिपिन को यह रोबोट बनाने का आइडिया आया।
घर पर ही तैयार किया माँ रोबोट!
आपको बता दे, बिपिन मूल रूप से महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के रहने वाले हैं, उनके पिता गाँव में खेती करते हैं। दसवीं पास करने के बाद पैसों की कमी की वजह से वह आगे पढ़ नहीं पाए। इसके बाद वह गोवा की एक मैन्युफैक्चरिंग कंपनी में काम करने आ गए। और फ़िलहाल बिपिन गोवा की एक मशीन मैन्युफैक्चरिंग कंपनी में काम करते हैं और मशीनों से उन्हें बेहद लगाव भी है।
और इसीलिए बिपिन के दिमाग में हमेशा मशीन और डिज़ाइनिंग चलती रहती हैं। और जब बेटी की दिक्कते सामने आई तो उन्होंने अपने दिमाग का इस्तेमाल करके रोबोट बनाने का खयाल आया और इसकी शुरुआत अपने घर पर कर दी। साल 2019 से बिपिन अपनी नौकरी करके घर लौटते और रोबोट बनाने के काम में जुट जाते।

वह बताते हैं, “इंटरनेट के ज़रिए मैंने जानकारियां इकट्ठा करनी शुरू कीं। हालांकि मशीन और डिज़ाइन का ज्ञान तो मुझे है ही लेकिन जो भी मुझे नहीं पता होता है, उसके लिए मैं इंटरनेट की मदद लेता था। इस तरह मैंने मात्र 4 महीने के अंदर रोबोट का निर्माण कर उसको "माँ रोबोट" नाम दिया।"
कैसे काम करता है ‘माँ रोबोट’?
आपको बता दे, यह एक ऐसा रोबोट है, जो आपके इशारे पर काम करता है। इसमें उन्होंने तीन-चार कटोरे और एक चम्मच लगाई है। अलग-अलग खाने के नाम उन्होंने इस रोबोट की मेमोरी में फिट कर दिए हैं। यानी जब रोबोट को चावल खिलाने का आदेश दिया जाए तो बह चम्मच लेकर चावल खिलाने लगती है। इसी तरह बाक़ी की चीज़ें भी रेकॉर्डेड हैं, जिसको आर्डर देकर काम कराया जा सकता है।

उनका बनाया एक दूसरे किस्म का मॉडल पैरों से बटन के ज़रिए चलता है। इसमें बैठने के लिए एक सीट भी दी गई है। यानी यह रोबोट आपको एहसास कराएगा कि इंसान माँ की गोद में बैठकर खा रहा है। यानी जो दिव्यांग हैं, वह इस मशीन के इस्तेमाल से आत्मनिर्भर बन सकते हैं। सबसे दिलचस्प बात ये है कि बिपिन ने मात्र 12 हज़ार ख़र्च करके इस मशीन को अपने घर पर ही बनाया है।