B.Tech करके नहीं मिली नौकरी तो गोलगप्पे बेचने लगे, आज हर महीने कमा रहे लाखों रुपए!

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आज के जमाने में जहां बहुत से लोग बेरोजगारी के कारण हताश हैं, वहीं कुछ ऐसे युवा भी हैं जो खुद रोजगार के अवसर बना रहे हैं। आपने अभी तक एमबीए चायवाला (MBA Chaiwala) और ग्रेजुएट चायवाली (Graduate Chaiwali) के बारे में खूब सुना होगा। लेकिन आज हम आपको बता रहे हैं B.Tech वाला पानीपूरी के बारे में। जी हां, एक बीटेक पास लड़का, जो नौकरी ना मिलने पर मजबूरन पानी पूरी बेचने लगा, लेकिन किस्मत ऐसी खुली की बारे-न्यारे हो गए। क्या है इस बीटेक पानीपुरी बाले की संघर्ष कहानी? चलिए हम आपको बताते है। 

बीटेक पास को नहीं मिली नौकरी!

आज की ये कहानी है आंध्र प्रदेश के विशाखापटनम में रहने बाले आर. रामाकृष्णन की। जो 'B.Tech वाला पानीपूरी' नाम से अपना गोलगप्पे का स्टॉल चला रहे हैं। कंप्‍यूटर साइंस से 2021 में बीटेक करने वाले युवा आर. रामाकृष्‍णन को जॉब नहीं मिली तो इसने घर खाली बैठने के बजाय अपना बिजनेस करने की ठानी। जिसके बाद रामाकृष्‍णन ने ‘बीटेक वाला पानीपूरी’ नाम से स्‍टॉल लगाकर गोलगप्‍पे (Golgappa) बेचने शुरू कर दिए। 

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Image Source: Social Media

2021 में एक स्‍टॉल से काम शुरू करने वाले रामाकृष्‍णन आज पांच स्‍टॉल चलाते हैं और उन्‍होंने कई लोगों को रोजगार दे रखा है। और आज अपने बिजनेस से लाखों में कमा रहे हैं। रामाकृष्‍णन का कहना है कि जो लोग शुरू में पानीपूरी का स्‍टॉल लगाने पर उनका मजाक उड़ाते थे, आज वो ही उनके पास फ्रेंचाइची देने की रिक्‍वेस्‍ट लेकर आते हैं। 

कैसे आया आइडिया?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रामाकृष्णन और उनके भाई एक बार पुणे गए थे।  वहां उन्होंने 5 पानी वाले गोलगप्पे खाए। वहां स्‍टॉल वाला अलग-अलग तरह के टेस्‍ट का पांच तरह का पानी गोलगप्‍पों के साथ सर्व कर रहा था। दोनों भाईयों को यह आइडिया अच्छा लगा। क्योंकि उनके शहर में इस तरह के गोलगप्पे के स्टॉल नहीं थे। हालांकि, उस समय वह सेकंड ईयर में थे तो उन्होंने बिजनेस की तरफ ज्यादा ध्यान नहीं दिया। 


2021 में रामाकृष्‍णन ने कंप्‍यूटर साइंस से बीटेक कर ली। कॉलेज में प्‍लेसमेंट के लिए आई एक कंपनी ने उन्‍हें नौकरी के लिए चुन भी लिया। लेकिन, कोरोना के कारण कंपनी ने रामाकृष्‍णन को ऑफर लेटर नहीं दिया। जब उन्हें नौकरी नहीं मिली तो रामाकृष्‍णन ने अपने चचेरे भाई के साथ मिलकर गोलगप्‍पे का स्‍टॉल शुरू करने का विचार किया। 


उन्होंने सबसे पहले इस बारे में यूट्यूब और गूगल से सीखा और फिर अपना काम शुरू किया। आज उनके स्‍टॉल पर गोलगप्‍पों में डालने के लिए पुदीना, जीरा, लहसुन, खट्टा-मीठा और हींग के फ्लेवर वाला पानी मिलता है। 

अपने गोलगप्पा स्टाल से कमा रहे लाखो रूपये!

रामाकृष्‍णन ने बताया कि शुरुआत में तो उनकी कमाई कम रही। वे मुश्किल से दिन में 800-900 रुपए तक पाते थे। रामाकृष्णन का कहना है कि उन्होंने ग्राहकों की मांग के हिसाब से गोलगप्पे के साथ-साथ दूसरे आइटम भी बढ़ाए। जिसके बाद पिछले 5 महीनों में उनके बिजनेस में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। रामाकृष्‍णन की दुकान इतनी प्रसिद्ध हुई कि उनके पास ग्राहकों की भारी भीड़ जुटने लगी। जिसके बाद अब रामाकृष्‍णन के कुल पांच स्‍टॉल विशाखापट्टनम में हैं। 

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सांकेतिक तस्वीर/Image Source: Social Media

आज उनके 5 स्टॉल हैं और वह हर दिन लगभग 15,000 रुपए का बिजनेस कर रहे हैं। इस तरह महीने में उनकी कमाई करीब 4.50 लाख रुपये है। कभी खुद नौकरी तलाश रहे रामाकृष्णन आज कई लोगों को रोजगार दे रहे हैं। उन्होंने कम से कम लागत के साथ अपना बिजनेस शुरू किया। उनका कहना है कि उन्हें जिस कंपनी में प्लेसमेंट मिली थी, वहां उन्हें 18,000 रुपए प्रतिमाह मिलते। लेकिन आज वह अपने स्टाफ को 25 से 30,000 रुपए तक की सैलरी देते हैं। 

रामाकृष्णन इस बात का उदहारण है कि इंसान अगर चाहे तो कैसे भी अपनी राह बना सकता है। जरूरत है तो खुद पर विश्वास करने की, रामाकृष्णन का हौसला किसी के तानों से नहीं टूटा और आज वह लाखों में कमाकर आगे बढ़ रहे हैं।