पिता चलाते हैं DM साहब की गाड़ी...बेटा बना SDM, भाबुक पिता बोले- पत्नी होती तो...!

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DM driver son became sdm

कहते हैं "मंजिलें उन्हे मिलती हैं जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है।" और इस बात को चरितार्थ कर दिखाया बहराइच के जिलाधिकारी के वाहन चालक जवाहर लाल मौर्या के छोटे बेटे कल्याण सिंह मौर्या ने। जिन्होंने यूपी पीसीएस रिजल्ट में 40वीं रैंक हासिल कर SDM बनने का अपना सपना पूरा कर दिखाया। जी हां, DM साहब के ड्राइवर का बेटा अब खुद SDM बन गया है। लेकिन इस सफलता के पीछे है कल्याण के संघर्ष की एक लंबी कहानी, तो चलिए बह भी जान लेते है। 

मां है नहीं, पिता चलाते हैं DM की गाड़ी!

हर पिता का सपना होता है कि उनका बेटा नाम रोशन करे। और ऐसा ही यूपी के बहराइच जिले में ख्वाब को हकीकत में बदलने का काम कर एक बेटे ने अपनी कड़ी मेहनत से अपने माता-पिता का नाम रोशन किया है। दरअसल, जिला कलेक्‍टर की गाड़ी चलाने वाले ड्राइवर का ख्‍वाब था कि एक दिन बेटा भी अफसर बने। अब यह सपना पूरा हो गया। डीएम के ड्राइवर का बेटा एसडीएम बना है। UP PCS रिजल्‍ट 2022 में बाजी मारी है। वंही बेटे की सफलता की ख़बर पाकर पिता की आंख में खुशी के आंसू छलक पड़े। 

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गौरतलब है की बहराइच जिले के फखरपुर विकास खंड के केतार पुर तखवा निवासी जवाहर लाल मौर्या पिछले पैंतीस वर्षों से बहराइच जिलाधिकारी के वाहन चालक पद पर कार्यरत हैं। इनके परिवार में दो बेटे संजय सिंह मौर्या व कल्याण सिंह मौर्या हैं, वहीं बेटियों में श्रेया व प्रिया मौर्या हैं। जवाहर लाल मौर्या की पत्नी की विगत पांच वर्ष पूर्व मृत्यु हो चुकी है। 

बडा बेटा इंजीनियर है तो छोटा बेटा बना SDM

जवाहर लाल मौर्या ने अपने बेटों और बेटियों की शिक्षा में कोई कमी नहीं रखी।  शायद यही कारण है कि जहां इनका बड़ा बेटा संजय सिंह मौर्या एक मल्टीनेशनल कंपनी में इंजीनियर है तो दूसरा बेटे ने सफलता की नई इबारत लिखते हुए अपने पिता जवाहर लाल मौर्या के उस सपने को साकार कर दिखाया है जो उन्होंने अपने डीएम साहब की ड्राइवर सीट पर बैठकर देखा था। सपना था कि एक न एक दिन उनका बेटा भी साहब वाली सीट पर बैठेगा। 

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मीडिया से बातचीत में जवाहर लाल मौर्या ने बताया कि बड़ा संजय सिंह एनआईटी प्रयागराज से बीटेक करने के बाद मल्टी नेशनल कंपनी में चीफ इंजीनियर बन गया। छोटा बेटा कल्‍याण अब एसडीएम बना है। अभी वह भी एनटीपीसी सोलापुर महाराष्ट्र में सहायक प्रबंधक के पद पर तैनात है।

बेटे की कामयाबी पर भावुक हुए जवाहर लाल!

अपने बच्चे की सफलता की कहानी बताकर भावुक हुए जवाहर लाल कहते हैं कि, बेटे को अफसर बनाने में उसकी मां का सबसे बड़ा योगदान है। जो अब इस दुनियां में नहीं रहीं, अगर वो जिंदा होतीं तो क्या बात होती। मैं तो ड्राइवर हूं पूरा समय ड्यूटी पर रहता हूं लेकिन मेरी पत्नी बच्चों को सबसे अधिक समय देती थी, गाइड करती थी लेकिन उसकी किस्मत में ये खुशी देखना नहीं था।  

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उनकी पांच साल पहले मृत्यु हो चुकी है लेकिन ये सब प्रेरणा उसी की है।  ये कहते हुए पिता की आंखों से आंसू छलक पड़े। उन्होंने आगे कहा कि सभी अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दें ताकि हमारे अन्य भाई बंधुओ के बच्चे अच्छे पदों पर चयनित होकर अपने माता पिता का नाम रोशन करें। 

प्रारंभिक शिक्षा बहराइच के नानपारा में हुई!

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आपको बता दे, कल्याण सिंह की प्रारंभिक पढ़ाई बहराइच से हुई। उसके बाद बीएचयू बनारस मे हुई है, फिर दिल्ली आईआईटी कॉलेज में एमएससी करने चले गए, वहीं से एनटीपीसी मे नौकरी लग गई। अभी वह एनटीपीसी सोलापुर महाराष्ट्र में सहायक प्रबंधक के पद पर तैनात है। और अब SDM बनकर यूपी राज्य की जनता सेवा करेंगे।