पढ़ाई में कमजोर बता स्कूल से निकाले गए मजदूर के बेटे ने JEE में 99.93% हासिल कर रिकॉर्ड फोड़ दिया!

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आपने अक्सर सुना होगा कि आपका बेटा पढ़ाई में बहुत कमजोर है, यह आगे जाकर कुछ नहीं कर पायेगा। इसका भविष्य अंधकारमय है, कौन देगा इसको नौकरी...समेत बगैरह-बगैरह ढेरो सवाल। तो आज की यह कहानी आपकी व उन शिक्षको की सोच बदल देगी जो बच्चो को पढ़ाई में कमजोर समझ स्कूल छोड़ने पर मजबूर कर देते है। 

क्यूंकि जिस बच्चे को कभी पढ़ाई में कमजोर बताकर स्कूल से निकाल दिया गया था, उस गरीब मजदूर के बेटे ने जेईई मेन्स में 99.93% अंक लाकर ऐसा रिकॉर्ड फोड़ा की दुनिया देखती रह गई। क्या है इस होनहार बच्चे की पूरी कहानी? चलिए हम आपको बताते है। 

मजदूर पिता के बेटे ने जेईई एग्जाम में कमाल कर दिया!

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Image Source: News18India

ये संघर्ष और सफलता की कहानी है दीपक प्रजापति की। जिसके नाम ही दीपक नहीं है, बल्कि दीपक बनकर माता-पिता और शहर का नाम भी रौशन कर दिखाया। मजदूर पिता के होनहार बेटे ने सफलता का ऐसा मुकाम हासिल किया जो रिकॉर्ड बन गया। देवास के दीपक प्रजापति ने जेईई मेन्स में 99.93% अंक लाकर सफलता की कहानी रची।  

पढ़ाई में कमजोर बताकर कभी स्कूल से निकाले गए!

जी न्यूज़ की रिपोर्ट अनुसार, जब दीपक प्रजापति कक्षा 2 में थे, तब वे पढ़ाई-लिखाई में बेहद कमजोर हुआ करते थे या यूं कहें कि वे पढ़ाई की तरफ ज्यादा ध्यान नहीं दिया करते थे। इसके परिणाम स्वरूप उनके शिक्षकों द्वारा उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया था। इस घटना ने दीपक को अंदर तक झकझोर दिया, नतीजन दीपक को स्कूल से भले ही निकाल दिया हो, लेकिन उन्होंने अपना आत्मविश्वास नहीं खोया और पूरी लगन से पढ़ाई में जुटे गए।

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Image Source: Zee News

 

और दीपक ने अपनी पढ़ाई-लिखाई पर ध्यान देना शुरू कर दिया। दीपक ने फिर कभी हार नहीं मानी और अपने सपनों का पीछा करने में लग गए। दीपक के कठिन परिश्रम का ही फल था कि उन्होंने कक्षा 10वीं में 96 फीसदी अंक हासिल किए। इस सफलता के साथ दीपक ने यह साबित कर दिया कि "पढ़ाई में बेहद कमजोर" होने का जो टैग उन्हें दिया गया था, वे उसके लायक नहीं था। 

मजदूर पिता ने कर्ज लेकर बेटे को पढ़ाया!

10वीं पास करने के बाद दीपक सरकारी काउंसलर्स के संपर्क में आए, जिन्होंने उन्हें करियर के ऑप्शन्स बताए। दीपक ने इंजीनियरिंग करने का फैसला किया, जिसके बाद इंजीनियरिंग करने की इच्छा दीपक ने अपने घर वालों को बताई और कहा कि वे जेईई की तैयारी के लिए एमपी के एजुकेशन हब यानी इंदौर जाना चाहता हैं। 

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बात सिर्फ इतनी ही नहीं है, इस सफलता के मायने इसलिए ज्यादा हैं क्योंकि दीपक के पिता एक श्रमिक हैं। बेटे के सपने बड़े थे जिसके सामने पिता की जेब छोटी पड़ रही थी। दीपक के पिता राम इकबाल प्रजापति एक वेल्डर के तौर पर काम करते हैं। और देवास जिले के एलआईजी कॉलोनी में परिवार समेत रहते है। 

और जब दीपक ने 12वीं में 92.6% हासिल किए, तो पिता का सीना गर्व से चौड़ा हो गया। उन्हें लगने लगा कि एक दिन उनका बेटा जरूर कुछ ना कुछ बड़ा करेगा। हालाँकि बेटे के सपने बड़े थे जिसके सामने पिता की जेब छोटी पड़ रही थी। लेकिन पिता ने बेटे को निराश नहीं होने दिया। 


बेटे को उच्च शिक्षा दिलाने के लिए पिता ने अपने रिश्तेदारों से कर्ज लिया और परिवार के खर्च को सीमित करने महज एक कमरे में खुद को समेट लिया। बेटे को अच्छी कोचिंग के लिए इंदौर के निजी कोचिंग इंस्टिट्यूट में भेजा। हालाँकि दीपक शुरू से होनहार था, इसीलिए उसने 11वीं से ही घर पर रहकर जेईई के लिए तैयारी शुरू कर दी थी। जिसका परिणाम जब आज निकला तो परिवार ख़ुशी से झूम उठा। 

मजदूर के बेटे ने JEE में हासिल किये 99.93 पर्सेंटाइल!

मजदूर के बेटे दीपक प्रजापति ने जेईई के पहले प्रयास में ही सफलता हासिल की है। उन्होंने 99.93 पर्सेंटाइल हासिल किया है। दीपक प्रजापति ने कहा कि मैं इंजीनियरिंग के बारे में सोचकर रोमांचित हूं। इसलिए मैंने खुद से वादा किया था कि मैं आईआईटी-कानपुर से कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में अध्ययन करूंगा। 


दीपक प्रजापति ने कहा कि मैं अपने इस सपने को पूरा करने के लिए पैरेंट्स से कहा था कि जेईई की तैयारी के लिए एमपी के एजुकेशन हब इंदौर जाना चाहता हूं। इसमें उन्हें कोई हिचक नहीं थी और वह सहमत हो गए। 


दीपक ने जेईई की परीक्षा के लिए दिन-रात बिना समय देखे पढ़ाई की। दीपक दिन में 13 से 14 घंटे पढ़ाई किया करते थे। दीपक बताते हैं कि वे सोशल मीडिया से पूरी तरह से दूर रहते हैं। हालांकि, जब भी उन्हें ब्रेक लेनी होता है तो वे बैडमिंटन या फुटबॉल खेलना पसंद करते हैं। 

मां ने सीएम को दिया धन्यवाद, सीएम ने दी बधाई!

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने दीपक प्रजापति के उज्जवल भविष्य की कामनाओं को लेकर एक ट्वीट किया है और जेईई मेन में अच्छे अंक लाने पर बधाई दी है। सीएम साहब ने लिखा है मन में चाह हो तो राह बनती है। यह आपने दिखा दिया है, मध्य प्रदेश को गौरवांन्वित करने के लिए धन्यवाद। 


दीपक की मां अनिता प्रजापति ने बताया कि उनका पूरा परिवार किराये के छोटे से एक मकान में रहता है। पिता राम प्रजापति मजदूरी करते हैं, एक छोटा भाई और छोटी बहन भी हैं। दीपक की सफलता पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी उन्हें बधाई दी है। इस पर दीपक का पूरा परिवार खुश है, दीपक की मां ने सीएम को धन्यवाद दिया और कहा मेरे पुत्र के लिए अब आगे की पढ़ाई आप ही को देखनी है।