जज के ड्राइवर की बेटी खुद बन गई ‘जज साहिबा’, देशभर में कर दिया परिवार का नाम रौशन!

मंजिल उन्हीं को मिलती है,जिनके सपनों में जान होती है। पंख से कुछ नहीं होता,हौसलों से उड़ान होती है। और यह साबित कर दिखाया है वंशिका गुप्ता ने, जिनके पिता एक सिविल जज के यंहा मामूली ड्राइवर है और बेटी ने भी सिविल जज बनकर अपने पिता का नाम रोशन कर दिया। क्या है पूरी कहानी? आइये जानते है।
पिता चलाते हैं सिविल जज की गाड़ी!
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की सिविल जज वर्ग-2 परीक्षा के परिणाम मंगलवार शाम को घोषित किए गए। इसमें नीमच की दो बेटियों को सफलता मिली है। रिपोर्ट के मुताबिक, नीमच कोर्ट में सिविल जज के ड्राइवर की बेटी वंशिका गुप्ता भी अब सिविल जज बन गई है। जिसके बाद उनके पुरे परिवार में ख़ुशी का माहौल छाया हुआ है, मिठाइयां बांटी जा रही है और खुशियां मनाई जा रही है।
MP: Vanshika Gupta, daughter of Neemuch Civil Judge's driver Arvind Gupta - secured 7th rank in Civil Judge Class - 2 Exam in first attempt.
— काश/if Kakvi (@KashifKakvi) April 28, 2022
Similarly, Digha Aron, D/O bookseller Jitendra Aron also secured 34th rank in exam.
Both are from Neemuch dist of MP. Brovo.@ypssisodiya pic.twitter.com/o8e7QA8mw3
रिपोर्ट के मुताबिक, आपको बता दे, वंशिका के पिता सिविल कोर्ट में जज साहब के ड्राइवर है। और अब बिटिया की सफलता के बाद, पिता की खुशी का ठिकाना नहीं है। वंशिका ने पिता ही नहीं पूरे परिवार के नाम रोशन किया है।
दरअसल प्रदेशभर के न्यायालय में रिक्त 252 पदों के लिए लिखित परीक्षा मार्च माह में हुई थी, जिसमें देश भर के 350 अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था। इसके परिणाम बुधवार को घोषित हुए। परिणाम घोसित होते ही परिणाम आने के बाद जिला व सत्र न्यायालय में न्याय विभाग के लघु वेतन कर्मचारी अरविंद गुप्ता के घर में लड्डू बंट रहे हैं। क्यूंकि उनकी बेटी वंशिता गुप्ता पहले ही प्रयास में सिविल जज बन गई है।

वंशिका को पूरे प्रदेश में सातवीं रैंक मिली है। इसी तरह नीमच सिटी निवासी पुस्तक विक्रेता जितेंद्र एरन की बेटी दीर्घा एरन भी जज बनी है, जिसे 34वीं रैंक मिली है।
दादा हैं रिटायर्ड क्लर्क
आपको बता दे, सफलता के झंडे गाड़ने बाली वंशिका के दादा रमेशचंद गुप्ता भी न्यायालय में ग्रेड-1 रीडर थे, सेवानिवृत्ति के बाद वर्तमान में मंदसौर में वकालत कर रहे हैं। वहीं, पिता अरविंद गुप्ता वर्तमान में जिला कोर्ट में लघु वेतन कर्मचारी (ड्राइवर) हैं। वहीं, वंशिका की मां स्कूल में शिक्षिका हैं।

वंशिका के पिता ने बताया कि वंशिका बचपन से ही घर में कोर्ट-कचहरी की बातें सुनती आ रही है। मां ने कहा कि बचपन से ही उसकी इच्छा थी कि जज बने। पापा उससे अक्सर कहा करते थे कि बेटी ऐसा काम करना, जिससे तुम्हारे कारण मेरी पहचान हो। और आज बिटिया ने कर बह कर दिखाया, जिसकी कल्पना भी परिवार ने नहीं की थी।
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— Times Now Navbharat (@TNNavbharat) April 27, 2022
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इस ख़ुशी के मौके पर पूरा परिवार आज भगवन का सुक्रिया कर रहा है। बाकई वंशिका और दीर्घा एरन जैसी बेटियां हमारे उस समाज के लिए प्रेरणा है, जो बेटियों को बेटो से कम मानते है। दोनों बेटियों को देखकर आमिर खान का डायलॉग चरितार्थ होता है- "म्हारी छोरियां, छोरो से कम है के"