पहले काबिल बकील फिर गवर्नर और अब किसान का बेटा बनेगा भारत का उपराष्ट्रपति?

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Jagdeep Dhankhar

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ एनडीए की तरफ से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होंगे। धनखड़ को उम्मीदवार बनाकर भाजपा ने बड़ा सियासी दांव खेला है। धनखड़ जुलाई 2019 में बंगाल के राज्यपाल बने। इसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से उनका लगातार टकराव होता रहा। ऐसे में बहुत सारे लोगो के मन में सवाल उठ रहा है कि आखिर जगदीप धनखड़ है कौन? जिन्हे भाजपा ने किसान का बेटा कहते हुए उम्मीदवार बना दिया। 

उपराष्ट्रपति कैंडिडेट का किसान परिवार में हुआ जन्म!

जगदीप धनखड़ का जन्म 18 मई 1951 को हुआ था। उनके पिता चौधरी गोकुलचंद धनखड़ खेती बाड़ी करते थे, यानी बह एक किसान थे। ऐसे जगदीप धनखड़ हुए किसान पुत्र। जगदीप धनखड़ और उनके 2 भाइयों और बहन ने गांव के सरकारी स्कूल में प्रारंभिक शिक्षा पाई थी। बाद में जगदीप धनखड़ ने सैनिक स्कूल की प्रवेश परीक्षा पास की। 

 

jagdeep dhankhar
Image Source: Twitter

स्कूली शिक्षा के बाद जगदीप धनखड़ ने राजस्थान के प्रतिष्ठित महाराज कॉलेज जयपुर में ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए एडमिशन लिया। यहां से उन्होंने फिजिक्स में BSE की डिग्री ली। फिर मन में जगा बकील बनना है तो जयपुर विश्वविद्यालय में एलएलबी कोर्स में एडमिशन लिया और फिर बकील साहब बनकर बाहर निकले। 

इसके बाद 1990 में जगदीप धनखड़ को राजस्थान हाईकोर्ट में सीनियर एडवोकेट का ओहदा दिया गया। जगदीप धनखड़ ने सुप्रीम कोर्ट से लेकर देश के कई हाईकोर्टों में वकालत की प्रैक्टिस की। और देखते ही देखते देश के नामी-गिरामी बकील साहब बन गए। 

राजस्थान के जाट नेता बने धनखड़!

जगदीप धनखड़ राजस्थान की जाट बिरादरी आते हैं। इसलिए उन्होंने राजनीति में भी हाथ आजमाए और राजस्थान में जाटों को आरक्षण दिलाने में अहम भूमिका निभाई। इस समुदाय में धनखड़ की अच्छी खासी साख है। 9वीं लोकसभा के लिए झुनझुनू से सांसद चुने गए और 1990 में वह केंद्र में मंत्री बने। हालांकि, बाद में उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया था। अजमेर से कांग्रेस टिकट पर वे लोकसभा चुनाव हार गए थे। 

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Image Source: Pm Narendra Modi (Twitter)

फिर धनखड़ 2003 में बीजेपी में शामिल हो गए, अजमेर के किशनगढ़ से विधायक चुने गए। लोकसभा हो या विधानसभा वह जिस सदन के भी सदस्य रहे उसकी अहम समितियों में शामिल रहे हैं। 

पहलीवार बने बंगाल के गवर्नर!

20 जुलाई 2019 को उनको पश्चिम बंगाल का गवर्नर नियुक्त किया गया और तब से लेकर वह लगातार चर्चा में हैं। बंगाल का राज्यपाल रहते हुए जगदीप धनखड़ और ममता बनर्जी के बीच कई बार तल्खियां सामने आ चुकी है। बंगाल चुनाव के बाद राज्य में हुए राजनीतिक हिंसा के लिए सीधेतौर पर उन्होंने ममता सरकार को जिम्मेदार ठहरा दिया था।

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Image Source: News18India

जगदीप धनखड़ ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को झूठा कहा था। दरअसल, यास तूफान से हुए नुकसान के रिव्यू के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बंगाल में बैठक की थी। इसमें ममता नहीं पहुंचीं थीं। इसके बाद धनखड़ ने सीएम ममता बनर्जी के खिलाफ ट्विटर पर मोर्चा खोल दिया था। 

धनखड़ और TMC के बीच जारी टकराव इतना बढ़ चुका था कि पिछले साल दिसंबर में TMC के 5 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलकर धनखड़ को हटाने की सिफारिश की थी। हालाँकि उन्हें गवर्नर पद से नहीं हटाया गया बल्कि आज परमोसन देते हुए उन्हें भारत का उपराष्ट्रपति कैंडिडेट चुन लिया गया। 

भाजपा के उपराष्ट्रपति कैंडिडेट!

आपको बता दे, कल 16 जुलाई को भाजपा द्वारा ऐलान किया गया कि भारत के उपराष्ट्रपति के तौर पर उनकी पार्टी की तरफ से बंगाल के मौजूदा गवर्नर जगदीप धनखड़ कैंडिडेट होंगे। हालाँकि इससे पहले मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक इस पद के लिए "मुख्तार अब्बास नकवी" का नाम सबसे ऊपर चल रहा था। जिन्होंने छह जुलाई को केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री पद से इस्तीफ़ा दिया था। 


कयास लगाया जा रहा था कि भाजपा मुस्लिम वोटरों को साधने के लिए "मुख्तार अब्बास नकवी" को उपराष्ट्रपति बना सकती है। लेकिन भाजपा ने एक बड़ी चाल खेलते हुए राजस्थान के जाट नेता जगदीप धनखड़ को अपना कैंडिडेट चुना। खास बात ये है कि इस समय लोकसभा के स्पीकर ओम बिड़ला भी राजस्थान से आते हैं और अगर जगदीप धनखड़ उपराष्ट्रपति का चुनाव जीतते हैं तो राज्यसभा के स्पीकर भी राजस्थान से ही हो जाएंगे। 


राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में जाट बिरादरी का ठीक-ठाक दबदबा है।  जगदीप धनखड़ का नाम उपराष्ट्रपति पद के लिए ऐलान करना बीजेपी की बड़ी रणनीति का हिस्सा भी हो सकता है।