100 करोड़ का घोटाला खोला तो जबड़ा-आंख गंवाई, अब मौत को मात देकर तोडा UPSC का चक्रव्यूह!

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rinku singh rahi

हापुड़ के समाज कल्याण अधिकारी और हापुड़ में राजकीय आईएएस पीसीएस कोचिंग सेंटर के डायरेक्टर रिंकू सिंह राही ने UPSC Civil Service में 683वीं रैंक हासिल की है। आपको बता दे, ये बही रिंकू सिंह है जिन्होंने सरकारी योजनाओं में 100 करोड़ का घोटाला खोला था। जिसके बाद, घोटाला करने वालों ने फायरिंग कर उन्हें जख्मी कर दिया, लेकिन रिंकू के हौसले बुलंद रहे। 

और आज UPSC परीक्षा में 683वीं रैंक हासिल की है। उनके संघर्ष की कहानी प्रेरणा देती है। तो आइये जानते है रिंकू सिंह के बारे में। 

बेहद गरीबी में गुजरा बचपन, सरकारी स्कूल से की पढ़ाई!

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Image Source: Bhaskar

रिंकू सिंह यूपी के जिला अलीगढ़ के डोरी नगर के रहने वाले है। उनके पिता शिवदान सिंह आटा चक्की चलाते हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, इसलिए कॉन्वेंट स्कूल की बजाय सरकारी स्कूल से पढ़ाई की शुरुआत की। और इसी तरह एक सरकारी इंटर कॉलेज से अच्छे नंबरो से परीक्षा उत्तीर्ण की तो स्कॉलरशिप मिली और फिर उन्होंने टाटा इंस्टीट्यूट से बीटेक किया। 

खोला था 100 करोड़ का घोटाला!

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, रिंकू सिंह राही ने साल 2008 में पीसीएस की परीक्षा दी, जिसमे उनका चयन हुआ और बह पीसीएस अधिकारी बने। इसी के साथ उन्हें सरकार ने मुजफ्फरनगर में जिला समाज कल्याण अधिकारी के पद पर नियुक्त कर दिया। रिंकू सिंह राही को जब ट्रेनिंग के लिए ट्रेजरी भेजा गया, तो उन्होंने वहां स्कॉलरशिप और फीस प्रतिपूर्ति के नाम पर विभाग में किए जा रहे करोड़ों रुपए के घोटाले का पता किया।

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इनमें शासन से आने वाले करोड़ों रुपए की स्कॉलरशिप और शुल्क प्रतिपूर्ति के चेक जमा कर भुनाए जा रहे थे। घोटाले की तह में जाने के चलते वह माफिया के निशाने पर आ गए, और घोटाला सामने आने के बाद से विभाग के लोग ही उनके दुश्मन बन गए। 

माफिया ने भी मारी थी 7 गोलियां!

रिंकू सिंह ने घोटाले की शिकायत अपने उच्च अधिकारियो को दी, लेकिन माफियाओ पर कोई कार्यबाही नहीं हुई। उस समय राज्य में बसपा की सरकार थी। इसी दौरान 6 मार्च 2009 को वह एक सहकर्मी के साथ सुबह सात बजे बैडमिंटन खेल रहे थे। तभी उन पर कई राउंड गोलियां चलाई गईं, जिसमे रिंकू राही को सात गोलियां लगी थी, और उनका जबड़ा भी बाहर आ गया।

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हमले के बाद, उन्हें हायर सेंटर मेरठ ले जाया गया जंहा महीनो अस्पताल में भर्ती रहे। इस दौरान कई ऑपरेशन हुए, किस्मत अच्छी होने के कारण उनकी जान बच गई, लेकिन एक आंख गंवानी पड़ी और पूरा चेहरा विकृत हो गया। एक साइड का जबड़ा भी पूरी तरह से डैमेज हो गया था। 

रिंकू की गवाही नहीं ली, मुख्य आरोपी बरी हो गया!

राही पर कातिलाना हमले के आरोप में पुलिस ने जांच पूरी कर एक नेता सहित आठ आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। हमले के बाद विभाग ने भी ईमानदारी को स्वीकार नहीं किया। जांच में रिंकू की गवाही तक नहीं ली गई। हमले के केस में घोटाले की रंजिश साबित नहीं हो सकी और मुख्य आरोपी बरी हो गया। 


वंही विशेष SC-ST कोर्ट ने मुकदमे की सुनवाई पूरी कर चार आरोपितों को जानलेवा हमले का दोषी मानते हुए 10-10 साल की कैद सुनाई। बाकी चार आरोपितों को सबूतों की कमी में बरी कर दिया।

बसपा-शासन में गोली, सपा में पागलखाने और भाजपा में सस्पेंशन!

जिला समाज कल्याण अधिकारी रहते हुए रिंकू सिंह ने अपनी ईमानदारी दिखाते हुए माफियाओ पर जो कार्यबाही की उसकी उन्हें बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ी। एक तरफ गोलीकांड दूसरी तरफ सरकार का साथ नहीं मिला। रिंकू सिंह बताते है कि घोटाले पर कार्रवाई नहीं हो रही थी। विरोध जताने के लिए अनशन किया, तो पुलिस ने मेंटल हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया। 

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Image Source: The Lgical India

उन्हें गोली मारी गई, तब बसपा सरकार थी। सपा सरकार के दौरान उन्हें पागलखाने भेजा गया और भाजपा सरकार में सस्पेंड किया गया। बावजूद इसके वह भ्रष्टाचार के आगे नहीं झुके। और अपनी मेहनत से पूरी ईमानदारी के साथ आगे बढ़ते रहे। जिसका नतीज ये रहा कि आज उन्होंने UPSC की परीक्षा में बड़ी सफलता हासिल की और बह सिविल अधिकारी बनकर काम करेंगे।