चैंपियन दादी! 94 साल की उम्र में फिनलैंड में लहराया तिरंगा, 100 मीटर दौड़ में जीता गोल्ड मेडल!

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bhawani devi

भारतीय युवा दुनियाभर की खेल प्रतियोगिताओं में अपना लोहा मनवा रहे हैं, लेकिन कोई आपसे कहे की उम्र के उस पड़ाव पर कोई वृद्धा अपनी प्रतिभा दिखाकर तिरंगा लहरा दे, तो कैसा लगेगा? यकीन मानीय आप ख़ुशी से उछल पड़ेंगे, तो मिलिए ऐसी दादी से जिनकी उम्र है 94 साल और जिन्होंने फिनलैंड में तिरंगा लहराकर गोल्ड जीता है। क्या है पूरा मामला? चलिए हम आपको बताते है। 

94 साल की चैंपियन दादी का कमाल!

उम्र तो सिर्फ एक आंकड़ा है... इस कहावत को भारत की 94 वर्षीय भगवानी देवी ने साबित कर दिखाया है। जिस उम्र में अमूमन लोग ठीक ढंग से उठ-बैठ नहीं पाते उस उम्र में उन्होंने विदेश में भारत के तिरंगे का माना बढ़ाया है। 4 साल की भगवानी देवी ने वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर यह दिखा दिया है कि सीनियर सिटीजन भी किसी से कम नहीं।  

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Image Source: Social Media

आपको बता दे, इस चैंपियनशिप में चैंपियन दादी भगवानी देवी ने गोल्ड के अलावा दो ब्रॉन्ज मेडल भी जीते हैं। उन्होंने वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में सीनियर सिटीजन कैटिगरी में 100 मीटर रेस का गोल्ड जीता तो फिर शॉटपुट में ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया।

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Image Source: Social Media

आपको बता दे, यह चैंपियनशिप फिनलैंड में आयोजित की गई थी। जिसमे 94 वर्षीय भगवानी देवी ने पार्टिसिपेट किया। चैंपियनशिप में हरियाणा की भगवानी देवी ने 100 मीटर स्प्रिंट इवेंट में महज 24.74 सेकेंड का समय लेकर गोल्ड मेडल जीता। यही नहीं, वे शॉटपुट में भी ब्रॉन्ज मेडल जीतने में सफल रहीं। 


आप ऊपर तस्वीर में देख सकते है कि कैसे मुस्कुराते हुए दादी तिरंगा वाली जर्सी में, जिसपर इंडिया लिखा है, वह मेडल दिखाते नजर आ रही हैं। उनकी यह तस्वीर वायरल हो रही है और हर कोई उनकी हिम्मत की दाद रहे रहा है। 

भारतीय खेल मंत्रालय ने भी की तारीफ!

आपको बता दे, दादी की इस उपलव्धि पर जंहा पूरी दुनिया में तालियां बज रही है। वंही भारत सरकार के खेल मंत्रालय ने भी दादी के हौसले को सलाम किया। मिनिस्ट्री ऑफ यूथ अफेयर्स एंड स्पोर्ट्स ने ऑफिशल ट्विटर अकाउंट पर उनकी तस्वीर को पोस्ट करते हुए तारीफ की है। 


मिनिस्ट्री की ओर से लिखा गया- भारत की 94 वर्षीय भगवानी देवी ने एकबार फिर बतला दिया है कि उम्र तो सिर्फ संख्या है। उन्होंने गोल्ड और और ब्रॉन्ज मेडल जीता। वाकई में साहसिक प्रदर्शन। खेल मंत्रालय ने उनकी कामयाबी पर कहा कि भगवानी देवी ने साबित किया है कि कामयाबी की राह में उम्र बाधा नहीं बनती।