बिना जुर्म काटी 20 साल की सजा, घर बसाने के लिए की शादी तो दुल्हन ने कर दिया खेला!

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Vishnu Tiwari

एक झूठा केस किसी की जिंदगी बर्बाद कर देता है। यह बात ललितपुर के विष्णु तिवारी पर सटीक बैठती है। विष्णु तिवारी को 19 साल तीन माह बाद आखिरकार आगरा सेंट्रल जेल से रिहा कर दिया गया। उन्होंने यह सजा उस झूठे दुष्कर्म केस के लिए काटी जो उन्होंने किया ही नहीं था। और अब एक बार फिर विष्णु तिवारी पर दुखो का पहाड़ टूट पड़ा है। इस बार धोखा उन्हें उनकी पत्नी ने दिया है। क्या है पूरा मामला? चलिए हम आपको बताते है। 

बेगुनाह विष्णु ने 20 साल काटी थी जेल सजा!

zee news की रिपोर्ट अनुसार, विष्णु तिवारी अभी-अभी बीस साल की क़ैद बामुशक्कत की सज़ा काट कर आगरा सेंट्रल जेल से बाहर निकला है। गरज़ ये कि 20 साल बाद माननीय अदालत ने कहा है कि विष्णु जिस जुर्म में इतने सालों से जेल की सलाखों के पीछे क़ैद था, वो मुकदमा ही झूठा है, वो जुर्म तो उसने किया ही नहीं है। 

vishnu tiwari
Image Source: Zee News

शायद आपने आज से करीब दो साल पहले इस शख्स की ये कहानी सुनी होगी, उस वक्त विष्णु तिवारी पूरे देश में छाये हुए थे क्योंकि उन्होंने जो बीते 20 सालों में खोया था, उसकी चर्चा सभी जगह थी। दरअसल, विष्णु तिवारी रेप के आरोप में 20 साल तक सजा काटते रहे थे और अंततः केस झूठा निकला था।

बाहर आया तो मिला धोखा, दुल्हन दूसरे ही दिन फरार!

ललितपुर जिले में रहने वाले सिलावन ग्राम निवासी विष्णु तिवारी को 20 साल सजा काटने के बाद हाईकोर्ट द्वारा हरिजन एक्ट और बलात्कार के मामले में निर्दोष मानते हुये बरी किया गया था। लेकिन 20 साल जिंदगी के जेल में काट चुके विष्णु तिवारी जब अपने घर लौटे तो उनके पास कुछ नहीं बचा था। 

vishnu tiwari
Image Source:One India

अपने अकेले पन को दूर करने और एक बार फिर से जिंदगी जीने की लालसा में विष्णु तिवारी ने शादी कर घर बसाने का सोचा और गांव के ही किसी व्यक्ति ने उसे एक परिवार से मिलवाया। जिसके बाद उन्होंने शादी का मन बनाया और दुल्हन पसंद करके शादी भी कर ली। विष्णु तिवारी ने एक लाख रुपए दुल्हन के माता-पिता को देकर मंदिर में धार्मिक रीति-रिवाज से विवाह किया था। लेकिन शादी के अगले ही दिन नई नवेली दुल्हन विष्णु को छोड़कर भाग गई।

यानी 20 सालों तक बिना अपराध किये रेप के आरोपों में सजा काटने वाले विष्णु तिवारी के ऊपर एक बार फिर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। इस बार धोखा उन्हें उनकी नविवाहित पत्नी ने दिया है। उसी जीवनसंगिनी ने जिससे दो दिन पहले ही वह शादी के बंधन में बंधे थे। हैरानी भरी बात यह है कि इस बार उनके जीवन में लुटेरी दुल्हन ने दस्तक दी थी।

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Image Source:One India

यानी जीवन के बीस साल बिना जुर्म के सलाखों के पीछे अंधेरे में गुजारे, बाहर आया तो जीवन को नई सुबह देने की चाह में भी विष्णु के हाथ सिर्फ निराशा ही आई है।  पहले बेगानों से धोखा खाए युवक ने जिसके संग सात जन्मों को जीने की कसमें खाईं, वह भी उसकी आंखों में धूल झोंककर चली गई। 

लुटेरी दुल्हन पैसा और जेवर भी ले गई!

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Image Source:One India

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीड़ित विष्णु ने पुलिस अधीक्षक को शिकायती पत्र देकर आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है। विष्णु ने बताया कि नवविवाहित पत्नी से धार्मिक तौर तरीको से शादी की, लेकिन शादी के अगले ही दिन अपनी मां से मिलने के बहाने ललितपुर आई और गहने आदि लेकर फरार हो गयी। विष्णु ने बताया कि दुल्हन अपने साथ 50 हजार रुपए नगदी और जेवर भी ले गई। फ़िलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है। 

कौन हैं विष्णु तिवारी?

ललितपुर के महरौनी कोतवाली क्षेत्र के ग्राम सिलावन निवासी विष्णु तिवारी को 20 वर्ष पूर्व साल 2000 में रेप के एक मामले में जेल भेज दिया गया था। उन्हें लोवर कोर्ट से आजीवन कारावास की सजा हुई थी। साल 2003 में उन्हें आगरा सेंट्रल जेल लाया गया था। उनके परिवार की आर्थिक हालत ठीक नहीं थी। 

vishnu tiwari
Image Source: Bhaskar

इसलिए जेल की ओर से अपील करने पर विधिक सेवा प्राधिकरण ने उनके मामले की पैरवी हाईकोर्ट में की। और हाईकोर्ट के निर्देश के बाद दो साल पहले उन्हें जेल से रिहा किया गया था। क्यूंकि जो मामला उन पर लगा था बह फर्जी था। उधर, 20 साल पहले जेल जाने के बाद विष्णु के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।  

उसके पिता ये सदमा नहीं झेल सके और उन्हें लकवा मार गया, जिससे उनकी मौत हो गयी। पिता की मौत के बाद विष्णु के बड़े भाई की भी मौत हो गयी। पांच भाइयों में से एक और भाई की मौत हार्ट अटैक से हुई, जबकि उसकी मां भी विष्णु को याद करते करते भगवान को प्यारी हो गयी। लेकिन सितम देखिए कि परिवार में चार लोगों की मौत होने पर एक बार भी पर उसे अर्थी में शामिल होने के लिए परोल तक नहीं मिली थी। 


कानूनी प्रक्रिया का ये वो काला सच है जिसे सिर्फ विष्णु ने नहीं, बल्कि 20 साल तक तिवारी परिवार ने भुगता। वंही जब माननीय हाई कोर्ट ने विष्णु को बेगुनाह करार दिया तब जाकर विष्णु की जिंदगी में उम्मीद की रौशनी जगी। लेकिन अब जब विष्णु ने जिंदगी की नई शुरुआत करनी चाही तो नई दुल्हन चकमा देकर फरार हो गई।