देशी जुगाड़ टेक्नोलॉजी! गांव बालो ने गाय की मदद से बनाई बिजली और जमीन से निकाला पानी!

 | 
desi jugad

'आवश्यकता आविष्कार की जननी है' इस कहावत से हर कोई वाकिफ ही है।  आसान शब्दों में इसका मतलब यह होता है कि जब किसी चीज की जरूरत होती है, तो इंसान उसे पाने के लिए किसी नए तरीके का इजात कर ही लेता है। ऐसा ही कुछ जुगाड़ दर्शाता एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ पड़ा है, जिसमे कुछ गांव वालों ने पानी निकालने का ऐसा अनोखा तरीका खोजा लिया कि लोग उनके फैन हो गए। वंही वीडियो देख फेमस IAS अवनीश शरण भी खुद को वीडियो शेयर करने से रोक नहीं सके। क्या है पूरा मामला? तो चलिए हम आपको बताते है। 

गांव वालों की जुगाड़ टेक्नोलॉजी!

भारतीय लोगों का जुगाड़ में कोई मुकाबला नहीं हैं। हम भारतीय काम को जल्दी और आसानी से करने के लिए बेजोड़ तरीके ढूंढ़ निकालते हैं और कभी-कभी इन जुगाड़ों की भारत तो क्या पूरी दुनिया में सराहना की जाती हैं। सोशल मीडिया पर आईएएस ऑफिसर अवनीश शरण ने ऐसा ही एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें बनाए गए इस जुगाड़ को देखकर यूजर्स हैरान हैं। 

desi jugad

वीडियो में जुगाड़ टेक्नोलॉजी की मदद से गांव वाले जमीन के नीचे से पानी निकालने के लिए गजब की तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। वीडियो में कुछ गांव वालों को बिजली बनाते और फिर पानी निकालकर खेती करते हुए देखा जा सकता है। वीडियो में देखा जा सकता है कि गाय एक ट्रेडमिल पर चल रही है, और पास में लगे एक पंप से जमीन के नीचे से पानी निकल रहा है। 


गाय के ट्रेडमिल पर चलने से मोटर चलता है जिससे बिजली बनती है और फिर उस बिजली की मदद से पंप को स्टार्ट कर जमीन के नीचे से पानी निकाला जा रहा है।  इस जुगाड़ टेक्नोलॉजी की मदद से पानी निकलता देख सभी हैरान हैं। हालांकि, यह वीडियो कहां और कब का है इसकी जानकारी नहीं है। लेकिन गांव वालों के इस गजब के जुगाड़ की काफी प्रसंशा हो रही है। 

इस देसी जुगाड़ के मुरीद हुए कलक्टर साहब!

इस वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर आईएएस अधिकारी अवनीश शरण ने अपने ट्विटर अकाउंट से शेयर किया है. कैप्शन में उन्होंने लिखा है, “ग्रामीण भारत का इनोवेशन, यह आश्चर्यजनक है।” उनकी इस जुगाड़ वाली वीडियो को लोग खूब पसंद कर रहे हैं। 


इस वायरल वीडियो को अब तक 281K से अधिक व्यूज मिल चुके हैं। वहीं 13 हजार से ज्यादा लोगों ने लाइक किया है। कई यूजर्स अपने-अपने रिएक्शन भी दे रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, जानवरों के दर्द की अनदेखी नहीं की जा सकती। ऐसी जगहों पर उन्हें चलने के लिए मजबूर किया जा रहा है। 

desi jugad

एक यूजर ने कहा, यह धीमा लेकिन आगे बढ़ने का ठोस तरीका है। वहीं, तीसरे यूजर ने लिखा, ऐसे स्वदेशी इनोवेशन के जरिए पारंपरिक ज्ञान का भी उपयोग करते हुए देश की अर्थव्यवस्था में युवाओं को शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। वहीं, एक यूजर ने इसे पशु शोषण का खराब तरीका बताया है।