गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल: नमाज पढ़ने के साथ-साथ पूजा-पाठ और हनुमान चालीसा भी सुनते हैं सुभान अली!

देश भर में हनुमान चालीसा और अज़ान को लेकर बवाल मचा हुआ है। कोई लाऊडस्पीकर लगाकर अजान बजाने का समर्थन कर रहा है, तो कोई अजान के समय हनुमान चालीसा पढ़ने का समर्थन कर रहा है। इनसबके बीच एक सुकून देने वाली तस्वीर गंगा-जमुनी तहजीब के शहर वाराणसी से सामने निकलकर आई है। जंहा एक मुस्लिम लड़का नमाज भी पढ़ता है और हनुमान चालीसा भी। क्या है पूरा मामला? आइये जानते है।
हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल पेश कर रहा है यह युवक!
देश में इन दिनों जहां हनुमान चालीसा विवाद मीडिया की सुर्खियों में है। वहीं वाराणसी में सैलून की दुकान चलाने वाले 25 साल के सुभान अली की कहानी हिन्दुस्तान की गंगा-जमुनी तहजीब की हकीकत बयां करती है। सुभान को कोई फर्क नहीं पड़ता कि वो किस धर्म से संबंध रखते हैं। वो हर रोज नमाज भी अदा करता है और गणपति- हनुमान जी की पूजा भी करता है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पेशे से नाई सुभान अली रमजान में रोजा भी रखते हैं और देवी-देवताओं को भी पूजते हैं। सुभान पढ़े-लिखे नहीं हैं, इसलिए दुकान पर म्यूजिक सिस्टम से भजन और हनुमान चालीसा बजाकर पूजा करते हैं। उसे इस बात से कोई फर्क नहीं कि वह खुद किस धर्म से है बल्कि वह सभी धर्मों का सम्मान करके एकता की मिसाल पेश कर रहा है।
पूजा करने से मिलता है सुकून और बरकत
इस युवक से मिलकर आपको भी लगेगा कि मशहूर शायर इकबाल की पंक्तियां 'मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर करना,' आज एक बार फिर जीवित हो उठी हैं। उनकी दुकान में हिन्दू भजन और हनुमान चालीसा का बजना आम है। उनकी दुकान में गणेश-लक्ष्मी की प्रतिमा भी विराजमान है, जिसके सामने वो हर रोज नतमस्तक होते हैं। साथ ही धूप, दीप और अगरबत्ती करके फूल माला भी अर्पित करते हैं।

पाक माहे रमजान में सुभान पूरे महीने रोजा रहते हैं और कोशिश करके सभी पहर की नमाज भी अदा कर सके। वंही सुभान रोजाना धूप, दीप और अगरबत्ती जलाकर फूल-माला चढ़ाते हैं। सुभान अली बताते है कि हिंदू देवी-देवताओं को पूजने से उन्हें सुकून मिलता है और काम में बरकत भी होती है।
नमाज पढ़ने के साथ-साथ सुनते हैं हनुमान चालीसा भी
वो ऐसा वर्ष 2008 से अपने हिंदू दोस्तों से प्रेरित होकर हिंदुओं की तरह पूजा पाठ शुरू कर दिया। वे बताते हैं कि उनको ऐसा करने से काफी सुकून मिला। उनके काम में तरक्की भी हुई है। मौजूदा हालात पर उनका कहना है कि सभी मजहब के लोगों को मिलकर रहना चाहिए। लोग उन्हें पूजा करते देख हैरान रह जाते हैं. कोई भी उन्हें परेशान नहीं करता है। सभी उनकी इज्जत करते हैं।
गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल: हनुमान चालीसा के साथ नमाज भी पढ़ते हैं सुभान अली
— THT Digital (@ThtDigital) April 27, 2022
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एक ग्राहक सलमान का कहना है कि सुभान मुस्लिम होते हुए भी हिंदू देवी-देवताओं की पूजा करता देख उन्हें कोई दिक्कत नहीं हुई। सभी को अपने-अपने तरीके से जीने का हक है।
देश भर में हनुमान चालीसा और अज़ान को लेकर बवाल मचा हुआ है। इसी बीच एक सुकून देने वाली ख़बर आई है, वाराणसी के एक सैलून संचाालक सुभान अली रोज़ा भी रखते हैं और साथ ही देवी देवताओं की पूजा भी करते हैं। सुभान का मानना है कि सभी मजहब के लोगों को मिलकर रहना चाहिए।#ख़बर_यूपीतक #Varanasi pic.twitter.com/EIAiPZ6sgB
— UP Tak (@UPTakOfficial) April 25, 2022
अजान बनाम हनुमान चालीसा पर ज्यादातर लोगो का कहना है, कि इससे भी उन्हें कोई तकलीफ नहीं है। कम से कम हनुमान चालीसा लाउडस्पीकर पर बजना तो शुरू हुआ। सभी धर्म के लोगों का हक है कि वो अपने भगवान को याद करें। वैसे भी कोई भी धर्म हमें नफरत करना नहीं सिखाता है। ईश्रर-अल्ला सब एक हैं। उन तक पहुंचने के रास्ते भले ही अलग हो सकते हैं। सुभान सभी धर्मों का सम्मान करके एकता की मिसाल पेश कर रहे हैं।