आर्थिक संकट से जूझ रहे मजबूर अनाथ बच्चे, वीडियो बनाकर CM से लगाई मदद की गुहार!

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माता-पिता की मौत के बाद अनाथ हुए बच्चों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल सका है। पिता सरकारी कर्मचारी था पर बच्चों को अब तक पेंशन नहीं मिल सकी है। रविवार को नाबालिग बेटे व बेटी ने सोशल मीडिया पर मार्मिक वीडियो वायरल कर मुख्यमंत्री से गुहार लगाई और बताया कि कलक्ट्रेट में तैनात एक बाबू उनकी योजना का पैसा खा जा रहे है। जिसके बाद वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो गया। क्या है पूरा मामला? चलिए हम आपको बताते है। 

उन्नाव के अनाथ बच्चों की मुख्यमंत्री से गुहार!

दरअसल, उन्नाव मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर बीघापुर में रहने वाले एक सरकारी कर्मचारी (एसडीएम बीघापुर चालक) की कोरोना काल में कोविड की चपेट में आने से मौत हो गई थी। वहीं पत्नी की 5 साल पहले मौत हो चुकी थी। पति-पत्नी की मौत हो जाने के बाद बच्चे अनाथ हो गए। लेकिन सरकारी कर्मी की मौत हो जाने के बाद सरकार के द्वारा मिलने वाली योजनाओं का लाभ उन बच्चों तक नही पहुंच सका।

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आपको बता दे, कि शहर के आवास विकास कालोनी निवासी आशीष मिश्र एसडीएम बीघापुर के कार्यालय में चालक के पद पर कार्यरत थे। पत्नी निशा का लगभग पांच वर्ष पहले निधन हो चुका था। मां की मौत के बाद पिता ही अपने दोनों बच्चे विराट मिश्र 11 वर्ष और परी 7 वर्ष की देखरेख कर रहे थे। पिता का देहांत होने के बाद दोनों भाई-बहन की परवरिश उनके नाना रमाकांत द्विवेदी कानपुर में कर रहे हैं। 

बहन के साथ वीडियो बनाकर सीएम से लगाई गुहार!

मृतक कर्मी के एक बेटे ओर बेटी ने सोशल मीडिया पर मार्मिक वीडियो वायरल किया है। जिसमें दोनों बच्चों ने मुख्यमंत्री से अपील की है। उन्होंने कलेक्ट्रेट में तैनात एक बाबू पर गम्भीर आरोप लगाए हैं। यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। जिसमे दोनों बच्चे अपने साथ हुए धोखे और सरकारी बाबुओ की कारगुजारी का खुलासा करते दिख रहे है। 

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पैंतीस सेकेंड के वीडियो में एक बच्चे ने अपना नाम विराट मिश्र और बहन का नाम परी मिश्र बताया। विराट ने कहा कि उसके पिता बीघापुर तहसील में वाहन चालक के पद पर तैनात थे। कोरोना काल में उसके पिता की मौत हो गई थी। उसके बाद से पिता की सरकारी पेंशन व अन्य सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल सका। कलक्ट्रेट में तैनात एक बाबू पर गंभीर आरोप लगाए हैं। 

बच्चों का कहना है कि पिता की पेंशन न मिलने से आज हालत यह है कि बच्चों के घर खाने को रोटियां तक नहीं हैं। बच्चे स्कूल तक नहीं जा पा रहे हैं। जिससे उनका भविष्य खराब हो रहा है। बच्चों ने बाबू पर कार्रवाई की मांग करते हुए अपने हक की मांग की है। 


एडीएम नरेंद्र सिंह ने बताया कि मामले की जानकारी है। संरक्षण को लेकर विलंब हुआ है। बच्चों के संरक्षण को लेकर कोर्ट से आदेश मिल गया है। बच्चों के नाना को कोर्ट ने संरक्षक बनाया है। पिता आशीष की पेंशन नाना को जल्द ही मुहैया कराई जाएगी। हालांकि बताया जा रहा है कि पिता की हार्ट अटैक और मां की पांच साल पहले  मौत हो गई थी।

जिला कलेक्टर ने दिया मदद का भरोसा!

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Image Source: ETV Bharat

विराट और परी ने दो दिन पहले सीएम को ट्वीट कर अपने पिता की बकाया पेंशन और अन्य देयों का भुगतान न करने वाले अरुण पांडेय पर आरोप लागया। जिसके बाद डीएम ने मामले का संज्ञान लेते हुए 48 घंटे में सभी सरकारी लाभ दिलाने का आश्वासन दिया है। इसी के साथ उन्नाव डीएम ने कहा कि बच्चों को कार्यालय बुलाकर बातचीत की गई है। जल्द ही उन्हें सरकारी लाभ दिया जाएगा और दोषी बाबू और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।