दो मुस्लिम युवक...जिन्होंने "रामायण क्विज" जीतकर लहराया परचम, विजेता बनने के बाद कही ये बात!

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केरल के मलप्पुरम में रामायण पर ऑनलाइन क्विज का आयोजन किया गया। इस क्विज में पांच प्रतिभागियों को विजेता घोषित किया गया है। इन सबके बीच जीतने वाले 5 विजेताओं में दो ने सबका ध्यान इस क्विज के माध्यम से खींचा है। जीतने वाले इन दो विजेताओं के नाम मोहम्मद जाबिर पीके और मोहम्मद बसीथ एम हैं। दोनों ने रामायण क्विज जीतकर देश के लोगों को हैरान कर दिया है। मीडिया में दोनों की जीत चर्चा का विषय बनी हुई है। तो आइये जानते है इन हुनरमंद लड़को के बारे में। 

1000 से ज्यादा लोगों के बीच लहराया जीत का परचम!

महान महाकाव्य के गहन ज्ञान ने बासित और उनके कॉलेज के साथी-मित्र मोहम्मद जाबिर पीके को रामायण क्विज का विजेता बनाने में मदद की है। इस क्विज का ऑनलाइन आयोजन दिग्गज प्रकाशक कंपनी डीसी बुक्स ने किया था। केरल पब्लिशिंग हाउस ने जैसे ही मोहम्मद जाबिर पीके और मोहम्मद बसीथ एम को विजेता घोषित किया तो लोगों के लिए जल्दी विश्वास करना मुश्किल था। 

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Image Source: Social Media

इस क्विज प्रतियोगिता में 1000 से ज्यादा लोगों ने भाग लिया था और इसे जुलाई-अगस्त के बीच आयोजित किया गया था। दोनों वालेंचेरी के केकेएचएम इस्लामिक एंड आर्ट्स कॉलेज में वेफी कोर्स (इस्लामिक स्टडीज) के छात्र हैं। द वेफी इस्लामिक स्टडीज में 8 साल का प्रोग्राम है जो पोस्ट-ग्रेजुएशन स्तर तक जाता है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, कार्यक्रम में तीन साल का विश्वविद्यालय डिग्री पाठ्यक्रम भी शामिल है।

जीत के बाद हर कोई कर रहा तारीफ!

रामायण क्विज में इस्लामिक कॉलेज के छात्रों की जीत के बाद सभी लोगों का ध्यान इस तरफ गया, जिसके बाद विभिन्न क्षेत्रों के लोगों ने दोनों को बधाई देना शुरू कर दिया। अगर आप मुस्लिम युवक मोहम्मद बसीथ एम से रामायण की उनकी पसंदीदा चौपाई के बारे में पूछेंगे, तो वह तुरंत 'अयोध्यकांड' की चौपाई को दोहरा देंगे, जिसमें लक्ष्मण के क्रोध और भगवान राम की ओर से अपने भाई को दी जा रही सांत्वना का जिक्र है।


 

इसमें भगवान राम साम्राज्य और शक्ति की निरर्थकता को विस्तार से बता रहे हैं। वह न केवल 'अध्यात्म रामायणम' के छंदों को धाराप्रवाह और मधुर रूप से पेश करेंगे, बल्कि पवित्र पंक्तियों के अर्थ और संदेश को भी विस्तार से बताएंगे। 'अध्यात्म रामायणम' महाकाव्य का मलयालम संस्करण है, जिसे थूंचथु रामानुजन एझुथाचन ने लिखा है। 

सबको रामायण और महाभारत पढ़ने की जरूरत!

छात्रों ने कहा कि हालांकि वे बचपन से महाकाव्य के बारे में जानते थे, उन्होंने वाफी कोर्स में शामिल होने के बाद रामायण और हिंदू धर्म के बारे में गहराई से पढ़ना और सीखना शुरू कर दिया, जिसके पाठ्यक्रम में सभी प्रमुख धर्मों की शिक्षाएं हैं। रामायमम क्विज में जीतने वाले जाबिर ने कहा कि सभी भारतीयों को रामायण और महाभारत पढ़ना चाहिए। रामायण और महाभारत हमारी संस्कृति, परंपरा और इतिहास का हिस्सा हैं। 


उन्होंने आगे कहा कि उनका मानना है कि इन ग्रंथों को सीखना और समझना हमारी जिम्मेदारी है। दूसरे मुस्लिम विजेता बसीथ ने जीत के बाद कहा कि अगर हम रामायण और महाभारत का व्यापक स्तर पर अध्यन करें तो यह अन्य समुदायों और उनके लोगों को समझने में अधिक मदद करेगा। बसीथ एम ने कहा कि कोई भी धर्म नफरत करना नहीं सिखाता न ही उसे बढ़ावा देता है।

'लेनी चाहिए प्रेरणा'

22 वर्षीय छात्र ने कहा, 'राम को अपने पिता दशरथ से किए गए वादे को पूरा करने के लिए अपने राज्य का भी त्याग करना पड़ा। सत्ता के लिए अंतहीन संघर्षों के दौर में रहते हुए, हमें राम जैसे पात्रों और रामायण जैसे महाकाव्यों के संदेश से प्रेरणा लेनी चाहिए।'


बासित महसूस करते हैं कि गहराई से पढ़ाई अन्य धर्मों और इन समुदायों के लोगों को अधिक समझने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि कोई भी धर्म नफरत को बढ़ावा नहीं देता बल्कि केवल शांति और सद्भाव का प्रचार करता है। उन्होंने कहा कि क्विज जीतने से उन्हें महाकाव्य को और गहराई से सीखने की प्रेरणा मिली है।