हिंदू बहनों ने ईदगाह को दान कर दी करोडो की जमीन, पूरी की अपने पिता की आखिरी इच्छा!

हिंदुस्तान की खूबसूरती यही है यहां सभी जाति धर्म के लोग एक साथ मिलजुल कर रहते हैं। थोड़ी ऊंच-नीच तलख देखने को मिलती है, तो सौहार्द कायम करने बाली ऐसी खबरे सामने आ जाती है। जिसके आगे इंसान का बस नहीं चलता, चलता है तो सिर्फ ऊपर बाले का हुक्म। ऐसी ही एक खबर इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है, जो देश को एकता और सौहार्द की दुहाई दे रही है। क्या है पूरा मामला? आइये जानते है थोड़ा विस्तार से।
हिंदू बहनों ने ईदगाह को दान की करोडो की जमीन!

भास्कर की एक रिपोर्ट अनुसार, मामला उत्तराखंड के उधम सिंह नगर के काशीपुर का बताया जा रहा है। जंहा की दो बहनों ने धार्मिक एकता की मिसाल पेश करते हुए लगभग 1.5 करोड़ की जमीन ईदगाह कमेटी को दान में दे दी है। अब पूरा मुस्लिम समाज दोनों बहनो का सुक्रिया करते नहीं थक रहा है।
दिवंगत पिता की आखरी इच्छा को किया पूरा!
सरोज और अनीता अपने परिवार के साथ दिल्ली और मेरठ में रहती हैं। हाल ही में दोनों को रिश्तेदारों से पता चला कि उनके पिता बृजनंदन प्रसाद रस्तोगी ईदगाह के पास वाली जमीन को दान में देना चाहते थे, जिससे ईदगाह का विस्तार हो सके। उन्होंने ये बात अपने एक रिश्तेदार से कही थी।

हालांकि, साल 2003 में बृजनंदन जबतक अपनी बात बच्चो के सामने रखते उससे पहले ही उनका देहांत हो गया, और इसी के साथ उनकी आखरी इच्छा भी ठन्डे बस्ते में चली गई। लेकिन अब रिस्तेदार द्वारा सरोज और अनीता को पिता की आखरी इच्छा पता चली तो उन्होंने तत्काल काशीपुर में रहने वाले अपने भाई राकेश से सहमति लेने के लिए संपर्क किया।
Hindu Sisters Donate Land To Eidgah "To Fulfil Father's Last Wish" https://t.co/Q0ZHOacGZA pic.twitter.com/exUXhxdS6N
— NDTV (@ndtv) May 5, 2022
इसके बाद राकेश ने भी पिता की इच्छा का सम्मान करते हए जमीन दान करने के लिए हामी भर दी। बस फिर क्या था, दोनों बहनों ने कानूनी कार्रवाई को पूरा करके जमीन दान कर दी। इस बारे में राकेश रस्तोगी ने कहा:-
"पिता की अंतिम इच्छा का सम्मान करना हमारा दायित्व है। मेरी बहनों ने कुछ ऐसा किया है जिससे पिता की आत्मा को शांति मिलेगी।''
मुस्लिम समाज ने पिता के लिए मांगी दुआ!
वहीं ईदगाह कमिटी ने जमीन मिलने के बाद ईद के मौके पर ईदगाह में सभी के साथ दोनों बहनों के स्वर्गवासी पिता की आत्मा की शांति के लिए दुआ भी मांगी। ईदगाह कमेटी के सदस्य हसीन खान दोनों बहनों की तारीफ करते हुए कहते हैं:-
"दोनों बहने साम्प्रदायिक एकता की जीती जागती मिसाल हैं। ईदगाह कमेटी उनके इस फैसले का आभार व्यक्त करती है। जल्द ही दोनों बहनों को सम्मानित किया जायेगा।"

उन्होंने आगे कहा कि मैं पूरी कौम की तरफ से उनका तहे दिल से शुक्रिया करता हूं। उम्मीद करता हूं कि आगे भी सभी धर्मों के लोग एक-दूसरे के सुख-दुख में साथ देंगे।