ताबूत में मृत दादी के सामने परिवार ने साथ खिंचवाई फोटो, दुख की घड़ी में मुस्कुराकर किया पोज!

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जब आप अंतिम संस्कार शब्द सुनते हैं तो आपके दिमाग में क्या दृश्य आते हैं? आप कहेंगे, रोते-बिलखते लोग, चारों तरफ शांति, हर किसी के मन में उमड़ती संवेदनाएं और जाने वाले से जुड़ी चर्चाएं। पर क्या आपने कभी अंतिम संस्कार के वक्त किसी को हंसते देखा है? जी हां, इंटरनेट पर एक तस्वीर वायरल है।  जहां लोग मृतक के शव के सामने मुस्कुराकर सेल्फ़ी लेते नजर आ रहे हैं। इस तस्वीर को देखने के बाद जनता दो धड़ों में बंट गई है। कुछ लोगों को यह फ़नी लग रहा है, तो कुछ लोग इसे भावशून्यता की पराकाष्ठा बता रहे हैं। तो आइये जानते है इस वायरल फोटो की पूरी कहानी क्या है?

मृत दादी के सामने मुस्कुराता परिवार!

The Times of India के रिपोर्ट के अनुसार, ये तस्वीर केरल की है और तस्वीर पिछले शुक्रवार की है। रिपोर्ट के अनुसार पथानाथीट्टा जिले के मलापली गांव में पनावेलिल परिवार रहता है। इस परिवार की सोशल मीडिया पर काफी आलोचना हो रही है। उसका कारण है इनकी वायरल हो रही एक तस्वीर जिसमें वो सभी हंसते हुए नजर आ रहे हैं।  


आप सोचेंगे कि हंसते हुए लोगों की फोटो में क्या बुरा है। दरअसल, जब आप तस्वीर को ध्यान से देखेंगे तो पता चलेगा कि बीच में एक ट्रांसपेरेंट ताबूत रखा है जिसमें एक बुजुर्ग महिला की लाश पड़ी है जिनका नाम मरियम्मा है और उनकी मौत 17 अगस्त को हुई थी। जिसके बाद उनके अंतिम संस्कार की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गई। 

जीवन का जश्न मनाता परिवार!

कुछ लोगों ने इस तस्वीर को भावशून्य बताया तो कुछ का कहना था कि किसी को अंतिम विदाई हंसकर ही देनी चाहिए। परिवार के कुछ सदस्यों का कहना है कि मरियम्मा की मौत का सभी को दुख है लेकिन सभी उनकी ज़िन्दगी का जश्न मना रहे हैं। चूंकि इस परिवार के अधिकांश सदस्य विदेश में रहते हैं इसीलिए ये अंतिम संस्कार उन सब के लिए एक साथ मिलने का एक अवसर भी था। यही वजह है कि  परिवार के सदस्य फोटो में 'खुश और मुस्कुराते हुए' नजर आ रहे हैं। 

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मृतक के बड़े बेटे, 68 वर्षीय जॉर्ड ओम्मेन (George Oommen) ने बताया कि उनका परिवार सोशल मीडिया के रिएक्शन्स देख रहा है। लेकिन उन्हें जवाब देना वो ज़रूरी नहीं समझते। 'परिवार उसके जीवन का जश्न मना रहा था। हालांक‍ि हम उनके निधन से बहुत दुखी थे। हमने सोचा कि हमें अपने पूरे जीवन पर उनके प्रभाव का जश्न कैसे मनाना चाहिए। 

हम सभी ने उसके साथ बिताए मजेदार और बहुत ही प्यार भरे पलों को साझा किया। हम मुस्कुराए और कभी-कभी उन यादों को साझा करते हुए हंसी में टूट गए और फोटो लेने से पहले भगवान को उनके जीवन के लिए धन्यवाद दिया और फिर तस्वीर ली। हमने जो किया है उसके बारे में हम निश्चित हैं,'

लंबे समय से बीमार थी दादी!

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि मरियम्मा अपनी उम्र और स्वास्थ्य के कारण एक साल तक बिस्तर पर पड़ी रहीं, जो पिछले कुछ हफ्तों में ज्यादा बिगड़ गई थी। मरियम्मा के 9 बच्चे और 19 नाती-पोते हैं जो दुनिया के कई देशों में रहते हैं। जॉर्ज ओम्मेन ने बताया कि 10 साल पहले जब उनके पिता की मौत हुई तब भी ऐसे ही उनका अंतिम संस्कार किया गया था। 

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Image source: Mathrubhumi

उनके एक रिश्तेदार ने मातृभूमि को बताया कि परिवार का इरादा तस्वीर वायरल करना नहीं था। रिश्तेदार, बाबू उम्मान ने कहा कि मरियम्मा 95 साल तक खुशी से रहीं और अपने सभी बच्चों और पोते-पोतियों से प्यार करती थीं। उन्होंने आगे कहा कि फोटो उन पलों को याद करने के लिए लिया गया था, जो परिवार ने उनके साथ बिताए थे। 

केरल के शिक्षा मंत्री ने दिया परिवार का साथ!

केरल के शिक्षा मंत्री वी सिवानकुट्टी ने भी परिवार का साथ दिया। उन्होंने फेसबुक पर कहा, "मृत्यु दर्दनाक है, लेकिन यह भी एक विदाई है। खुशी से जीने वालों को एक मुस्कुराहट वाली विदाई देने से ज्यादा खुशी की बात क्या हो सकती है? इस तस्वीर को नकारात्मक टिप्पणियों की जरूरत नहीं है।"

इस पूरे वाकये पर आपकी क्या राय है? हमे कमेंट बॉक्स में बताएं कि क्या इस तरह आखिरी अलविदा कहना सही है?