दिल्ली में बना पहला आधुनिक सैनिक स्कूल, सेना में ऑफिसर बनने की मिलेगी मुफ्त ट्रेनिंग!

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Shaheed Bhagat Singh Armed Forces Preparatory School

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज यानी 27 अगस्त 2022 को दिल्ली के झरोदा कलां में शहीद भगत सिंह आर्म्ड फोर्सेज प्रिपरेटरी स्कूल का उद्घाटन किया। यह दिल्ली का पहला सैनिक स्कूल है। रिपोर्ट के मुताबिक इस स्कूल में अभी 175 छात्र अध्यनरत है, जो भविष्य में भारतीय सेना का हिस्सा बनकर देश सेवा कर सकते है। क्या है इस आर्म्ड फोर्सेज स्कूल की विशेस्ता? चलिए हम आपको बताते है। 

सेना में ऑफिसर बनने की मिलेगी ट्रेनिंग!

20 दिसंबर 2021 को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में संपन्न दिल्ली कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि दिल्ली में एक ऐसा विशेष स्कूल बनाया जाए, जहां पर बच्चों को फौज में भर्ती होने की ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि वो एनडीए, नेवी, एयरफोर्स जैसी सेना की सेवाओं में भर्ती हो सकें। इसी के तहत इस सैनिक स्कूल का निर्माण हुआ और नाम दिया गया "शहीद भगत सिंह" आर्म्ड फोर्सेज प्रिपरेटरी स्कूल।

sahaheed bhagat singh sainik school delhi
Image Source: Arvind Kejriwal (FB)

इस बारे में मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘दिल्ली में कोई सैनिक स्कूल नहीं था। हमने एक साल पहले तैयारी शुरू की थी, लेकिन यह नहीं पता था कि स्कूल एक साल में तैयार हो जाएगा। मैं दिल्ली और देश की तरफ से उन लोगों का आभार जताता हूं, जिन्होंने एक साल के भीतर इस सपने को साकार कर दिखाया।’’

स्कूल में सभी सुविधायें मिलेगी मुफ्त!

दिल्ली में निर्मित ये सैनिक स्कूल 14 एकड़ में फैला है। इसके साथ ही स्कूल का स्ट्रकचर और सभी सुविधाएँ मॉडर्न स्कूल की तरह बनाई गई है। यह स्कूल दिल्ली सरकार के स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस का हिस्सा और दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन से मान्यता प्राप्त है। 

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Image Source: Arvind Kejriwal (FB)

इस आधुनिक सुविधाओं वाले स्कूल में व्यक्तिगत तथा समूह कार्यों, मॉक साक्षात्कार, मनोवैज्ञानिक परीक्षाओं तथा व्यक्तित्व विकास कार्यशालाओं के जरिए छात्रों में अधिकारी जैसे गुण पैदा करने के लिए विशेष सेवा प्रिपरेटरी शाखा बनायी गयी है। इसमें लड़कों तथा लड़कियों के लिए भोजनालय के साथ निशुल्क छात्रावास की सुविधा है। 


अधिकारियों ने बताया कि यह दिल्ली के निवासियों के लिए है तथा छात्र नौवीं और 11वीं कक्षाओं में दाखिला ले सकते हैं। इसमें विशेष शिक्षा के अलावा छात्रों को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी तथा ऐसी ही प्रतियोगिताओं के लिए चार साल की निशुल्क कोचिंग मिलेगी। स्कूल में अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं और छात्रों को विभिन्न सशस्त्र बलों की प्रवेश परीक्षा प्रणाली के अनुसार प्रशिक्षित किया जाएगा।

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Image Source: Arvind Kejriwal (FB)

इस बारे में दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने कहा, "इस स्कूल में ऐसी सेवाएं मिलेगी, जो ‘‘सबसे महंगे स्कूलों में भी नहीं मिलती होगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यहां 80-90 प्रतिशत छात्र सरकार स्कूलों से लिए गए हैं। हमारे स्कूलों में शिक्षा बिल्कुल निशुल्क है, यहां अमीर और गरीब की खाई मिटाने के लिए सभी छात्रों को एक जैसी सुविधाएं मिलती है।’’

शहीद भगत सिंह से प्रेरणा लेगा स्कूल और बच्चे!

सीएम अरविंद केजरीवाल ने बच्चों से कहा कि स्कूल का नाम शहीद भगत सिंह पर इसलिए रखा गया है, ताकि उनसे हर बच्चे को प्रेरणा मिले। आपकी पढ़ाई में गरीब से गरीब आदमी का योगदान है। इसलिए भारत मां के लिए सबकुछ न्यौछावर करने के लिए हमेशा तैयार रहना। ‘‘23 साल की उम्र में उन्होंने (भगत सिंह) स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया और अपने प्राण न्योछावर कर दिये। 


मगर आज के युवा उस उम्र में प्रेमिका पाने को लेकर चिंतित रहते हैं। आपको उनके आदर्शों को अपनाना चाहिए और उनके जीवन से सीख लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कई लोग विदेश चले जाते हैं। अगर सभी बाहर चले जाएंगे तो देश को ठीक कौन करेगा? हमारा भारत जैसा भी है, हमारा है। हम ही इसे ठीक करेंगे।  इसलिए मैंने सोचा था कि कभी विदेश नहीं जाएंगे। यहीं रहेंगे, यहीं लड़ेंगे, यहीं मरेंगे-कटेंगे और अपने देश को ठीक करेंगे। 

दाखिले के लिए 18,000 से अधिक आवेदन मिले!

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘दिल्ली में कोई सैनिक स्कूल नहीं था। दिल्ली के जो हमारे बच्चे फौज में जाना चाहते हैं और देश की सेवा करना चाहते हैं, देश के लिए मर-मिटना चाहते हैं, देश की सुरक्षा क्षेत्र में जाना चाहते हैं। उनके लिए कोई औपचारिक सिस्टम नहीं है, जो उनको फौज में भर्ती के लिए तैयार कर सके। इसलिए हमने एक साल पहले तैयारी शुरू की थी, लेकिन यह नहीं पता था कि स्कूल एक साल में तैयार हो जाएगा। 


हमने सोचा कि दिल्ली के अंदर सैनिक स्कूल होना चाहिए। एक साल पहले हमने इसकी तैयारी शुरू की। जब तैयारी हमने शुरू की थी, तब हमें यह उम्मीद नहीं थी कि एक साल के अंदर यह बनकर तैयार हो जाएगा और पहला बैच एक साल के अंदर आ जाएगा। मैं दिल्ली और देश की तरफ से उन लोगों का आभार जताता हूं, जिन्होंने एक साल के भीतर इस सपने को साकार कर दिखाया।


केजरीवाल ने कहा, ‘‘यह मुश्किल मुकाबला था। दाखिले के लिए 18,000 से अधिक छात्रों ने आवेदन दिया। आपके बच्चों ने इतना कठिन मुकाबला जीता है और उनकी सफलता का श्रेय आपको भी जाता है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वे सभी एनडीए या हर उस परीक्षा में चयनित हो जाए, जिसमें वे बैठेंगे।