'मैं स्कूल जा रहा हूं' को ट्रांसलेट नहीं कर पाए हेडमास्टर, भड़के SDO साहब... देखें Video!

बिहार के मोतिहारी में शिक्षकों का गोल ज्ञान सामने आया है। यंहा जिले में एक सरकारी स्कूल के हेडमास्टर ने शिक्षा व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी। सरकारी स्कूल के हेडमास्टर 'मैं विद्यालय जाता हूं' या 'मैं विद्यालय जा रहा हूं' का अंग्रेजी में अनुवाद नहीं पाए और निरीक्षण करने पहुंचे एसडीओ के सामने बगले झांकने लगे। जिसके बाद जांच करने पहुंचे SDO साहब का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुँच गया। बस फिर क्या, मौकाए बारदात का वीडियो वायरल हो गया। क्या है पूरा मामला? चलिए हम आपको बताते है।
बच्चो को पढ़ाते गुरु जी का ज्ञान शून्य!
दरअसल, गुरुवार को SDO कुमार रविंद्र कुछ स्कूलों की जांच करने पहुंचे थे। इसी दौरान चैता पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय के SDO एक क्लास रूम में गए और शिक्षक की बात सुनने लगे। मास्टर साहब जो कुछ बच्चो पढ़ा रहे थे बह SDO साहब को अटपटा लगा। बस फिर क्या था, बच्चो की क्लास लेने बाले मास्टर साहब की क्लास खुद लेने लग गए SDO साहब।

SDO साहब ने मौके पर मौजूद टीचर से मौसम और जलवायु में अंतर पूछा, अबतो मानो मास्टर साहब को 'काटो तो खून' नहीं बाला हाल हो गया। SDO साहब को जवाव देने की बजाय मास्टर साहब बगले झांकने लग गए। थोड़ी देर में हिम्मत जुटाई लेकिन गलत जवाव दे बैठे। यानी स्कूल के मास्टर साहब जलवायु और मौसम के बीच अंतर नहीं बता सके।

इसके बाद खुद एसडीओ ने ब्लैकबोर्ड पर लिखकर टीचर सहित बच्चों को सरल भाषा में विस्तार से इन सबके बारे में बताया। इनसबके बाबजूद SDO साहब ठन्डे नहीं पड़े, बल्कि अलग फॉर्म में ही नजर आने लगे, उन्होंने सबसे पहले स्कूल का निरीक्षण किया और फिर सोचा, जाते जाते क्यों ना स्कूल के हेडमास्टर की भी क्लास ले ही ली जाए।
'मैं स्कूल जा रहा हूं' का अंग्रेजी अनुवाद नहीं कर सके हेडमास्टर!
इस बीच SDO कुमार रविंद्र स्कूल के हेडमास्टर विश्वनाथ राम के कक्ष में पहुंच गए और पूछा, ''आप कौन से विषय के शिक्षक हैं?'' जवाब में हेडमास्टर ने कहा, ''मैं अंग्रेजी और संस्कृत पढ़ाता हूं।'' बस फिर क्या था SDO साहब ने सुरु कर दी हेडमास्टर की क्लास। इसके बाद SDO ने ये सवाल किया कि आप 'मैं विद्यालय जाता हूं' का आप अंग्रेजी और संस्कृत अनुवाद बता दीजिए।
शर्मनाक | कैमरे पर हेडमास्टर नहीं कर पाए मैं स्कूल जाता हूं का अंग्रेजी अनुवाद, SDO ने ली क्लास#ViralVideo #NitishKumar pic.twitter.com/4lpVmY0Z6n
— Bihar Tak (@BiharTakChannel) July 10, 2022
जैसा कि अंदाजा लग ही रहा था कि हेडमास्टर साहब खरे उतरे और सही जवाव नहीं दे पाए। फिर अधिकारी ने कहा कि चलो, ''मैं विद्यालय जा रहा हूं'' को ट्रांसलेट कीजिए। लेकिन हेडमास्टर जी न तो अंग्रेजी और न ही संस्कृत में इस वाक्य का अनुवाद कर पाए। प्रिंसिपल जवाब नहीं दे पाए तो वे खुद ही उन्हें पढ़ाने लगे। उन्होंने उनकी जमकर क्लास लगाते कोचिंग करने की सलाह दी।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो!
फ़िलहाल इस घटनाक्रम का एक वीडियो जमकर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसके नीचे यूजर्स बिहार की शिक्षा ब्यबस्था पर सवाल खड़ा करते दिखे। वंही यूजर्स मास्टर साहब और हेडमास्टर साहब को भी ज्ञान देते दिखे।


वंही स्कूल का निरीक्षण करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में एसडीओ रविंद्र कुमार ने कहा, शिक्षकों को जरूरत है कि बच्चों को पढ़ाने से पहले घर से पढ़कर आएं। शिक्षकों की स्वाध्याय की आदत छूट गई है, ऐसे में शिक्षा विभाग को चाहिए कि समय-समय पर शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाए।