गया में फिर फूंकी गईं बोगियां, रेल मंत्री बोले- रेलवे आपकी संपत्ति, इसे सुरक्षित रखें!

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आरआरबी एनटीपीसी के रिजल्ट में धांधली का आरोप लगाते हुए अभ्यर्थियों का उग्र प्रदर्शन जारी है।  जंहा एक तरफ रेल मंत्री छात्रों को जांच का अस्वाशन दे रहे है वंही छात्र उग्र प्रदर्शन करने से बाज नहीं आ रहे है। जिसके बाद रेलवे ने यंहा तक कह दिया कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के दोषी पाए जाने को आजीवन रेलवे में नौकरी नहीं दी जाएगी। क्या है पूरा मामला? आइये जानते है। 

गया में फिर फूंकी गईं बोगियां!

गया जंक्शन पर पुलिस के निकलने के बाद उपद्रवी फिर से आए और ट्रेन की तीन बोगियों में आग लगा दी। इसके पहले भी कुछ बोगियों को आग के हवाले किया गया था। नवादा में ट्रेन के इंजन को आग के हवाले कर दिया। रेलवे ट्रैक पर भी प्रदर्शनकारी धरने पर बैठे हैं, जिससे सैकड़ों ट्रेनों की आवाजाही बाधित हुई और कई को रद्द करना पड़ा। 

समस्तीपुर, रोहतास समेत कई इलाकों में छात्र रेलवे ट्रैक पर उतर गए और नारेबाजी करने लगे। प्रदर्शन कर रहे छात्रों की वजह से कई जगहों पर ट्रेन खड़ी हो गईं। इसके बाद हालात को काबू करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी छोड़े हैं। 

क्या बोले रेल मंत्री?

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रदर्शनकारियों से सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान न पहुंचाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि हमारे पास परीक्षा को लेकर कोई शिकायत नहीं आई। हमने जांच कमेटी बनाई है और वो इसकी जांच करेगी। कमेटी 4 मार्च तक अपनी रिपोर्ट सौंप देगी।

उन्होंने कहा, 'ये उनकी अपनी संपत्ति है। वो अपनी खुद की संपत्ति को नुकसान क्यों पहुंचा रहे हैं?' उन्होंने ये भी कहा कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान होने पर अधिकारी उचित प्रक्रिया का पालन करेंगे। रेल मंत्री ने कहा कि कुछ लोग छात्रों के प्रदर्शन का गलत फायदा उठा रहे हैं। छात्रों को भ्रमित न किया जाए, ये मामला देश का है। 

आजीवन नहीं मिलेगी नौकरी!

प्रदर्शनकारियों को रेलवे ने भी चेतावनी दी गई है. रेलवे ने एक बयान जारी कर कहा, 'रेलवे की नौकरी पाने वाले अभ्यर्थियों ने पिछले दो दिनों में रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है, ट्रैक उखाड़ दिए हैं। जो भी अभ्यर्थी रेलवे स्टेशनों पर हिंसा और तोड़फोड़ में शामिल होते हैं और वीडियो में उनकी पहचान होती है तो उन्हें आजीवन रेलवे में नौकरी नहीं मिलेगी। 

रेलवे संपत्ति को पहुँचाया नुकसान तो होगी जेल!

आपको बता दे, सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण कानून 1984 बनाया गया है. इस कानून के तहत अगर कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाता है तो उसे 5 साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है।