पीएम मोदी को मिला पहला "लता दीनानाथ मंगेशकर अवॉर्ड", देखिये समारोह की तस्वीरें और वीडियो!

भारत की महान गायिका लता मंगेशकर के नाम पर 'लता दीनानाथ मंगेशकर अवॉर्ड' की शुरुआत की गई है। पहला लता दीनानाथ मंगेशकर अवॉर्ड देश के प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता नरेंद्र मोदी को दिया गया है। यह समारोह मुंबई के षणमुखानंद हॉल में आयोजित किया गया था। जिसमे पीएम मोदी ने खुद सिरकत करके पुरुष्कार ग्रहण किया।

आपको बता दे, कल लता मंगेशकर के पिता मास्टर दीनानाथ मंगेशकर की आज 80वीं पुण्यतिथि भी थी। इस ख़ास मौके पर आयोजित समारोह में पीएम मोदी ने सबसे पहले लता दीदी और उनके माता-पिता की फोटो पर पुष्पांजलि अर्पित की। मंच पर मंगेशकर परिवार के लोग मौजूद थे। मोदी ने उनसे काफी देर बातचीत भी की।
PM मोदी ने सुर कोकिला को याद किया!
मुंबई में आयोजित सामारोह में पीएम मोदी ने कहा, "मैं संगीत जैसे गहन विषय का जानकार तो नहीं हूं, लेकिन सांस्कृतिक बोध से मैं ये महसूस करता हूं कि संगीत एक साधना भी है, और भावना भी। जो अव्यक्त को व्यक्त कर दे- वो शब्द है। जो व्यक्त में ऊर्जा का, चेतना का संचार कर दे- वो नाद है और जो चेतन में भाव और भावना भर दे, उसे सृष्टि और संवेदना की पराकाष्ठा तक पहुंचा दे- वो संगीत है।

संगीत हमें वीरता, राष्ट्र प्रेम और कर्तव्यों की भी याद दिलाता है। हमारा सौभाग्य है कि इन सभी चीजों के प्रतीक के तौर पर हमारे पास लता दीदी रहीं। लोग उन्हें मां सरस्वती की तरह देखते थे।
"इस साल दीदी की राखी मुझे नहीं मिल पाएगी"
जब लता दीदी के नाम पर पुरस्कार मुझे मिलता है तो अपनापन महसूस होता है। वो मेरे लिए भी बड़ी बहन थीं और मुझे बहुत स्नेह दिया। यह सम्मान मैं अपने सभी देशवासियों को समर्पित करता हूं। कई साल बाद ऐसा होगा जब दीदी की राखी मुझे नहीं मिलेगी। पीढ़ियों को प्रेम और भावना का उपहार देने वाली लता दीदी से अपनी बहन जैसा प्रेम मिला हो, इससे बड़ा सौभाग्य और क्या होगा?
आज देश जिस ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है, लता दीदी उसकी मधुर प्रस्तुति की तरह थीं। pic.twitter.com/CeIglICZ7N
— Narendra Modi (@narendramodi) April 24, 2022
देश के लिए मंगेशकर परिवार के योगदान को भी अमृत महोत्सव में हम जन-जन तक लेकर जाएं, ये हमारा कर्तव्य है। pic.twitter.com/vI2qPCIzwb
— Narendra Modi (@narendramodi) April 24, 2022
पूरा विश्व लता दीदी को सुर साम्राज्ञी मानता था, लेकिन वे स्वयं को साधिका मानती थीं। संगीत की साधना और ईश्वर की साधना उनके लिए एक थी। pic.twitter.com/Kt4DUQiH6w
— Narendra Modi (@narendramodi) April 24, 2022
जिस तरह लता दीदी जन-जन की थीं, उसी तरह उनके नाम से मुझे दिया गया यह पुरस्कार भी जन-जन का है। मैं इसे सभी देशवासियों को समर्पित करता हूं। pic.twitter.com/MvjVW7i85i
— Narendra Modi (@narendramodi) April 24, 2022
मोदी ने कहा- लता दीदी के सुर एक भारत, श्रेष्ठ भारत का सर्वोत्तम उदाहरण हैं। उन्होंने 30 भाषाओं में हजारों गीत गाए। फिर चाहे वो हिंदी हों, मराठी हों या फिर संस्कृत और दूसरी भाषाएं। हर भाषा में लता जी एक जैसी ही रहीं।
75 वर्षों की देश और संगीत की यात्रा
उन्होंने कहा कि लता दीदी उम्र और कर्म से बड़ी थीं। लता दीदी ने संगीत में वो स्थान हासिल किया कि लोग उन्हें मां सरस्वती का प्रतिरूप मानते थे। उनकी आवाज़ ने करीब 80 वर्षों तक संगीत जगत में अपनी छाप छोड़ी थी। लता दीदी ने आज़ादी से पहले से भारत को आवाज़ दी। इन 75 वर्षों की देश की यात्रा उनके सुरों से जुड़ी रही।
Maharashtra | Prime Minister Narendra Modi receives the first Lata Deenanath Mangeshkar Award in Mumbai pic.twitter.com/RpgaAKetnC
— ANI (@ANI) April 24, 2022
उन्होंने कहा कि संगीत के साथ-साथ राष्ट्रभक्ति की जो चेतना दीदी के भीतर थी, उसका स्रोत उनके पिताजी थे। आज़ादी की लड़ाई के दौरान शिमला में ब्रिटिश वायसराय के कार्यक्रम में दीनानाथ जी ने वीर सावरकर का लिखा गीत गया था और उसकी थीम पर प्रदर्शन किया था। उन्होंने कहा कि पुरस्कार जब लता दीदी जैसी बड़ी बहन के नाम से हो तो मेरे लिए उनके अपनत्व और प्यार का ही एक प्रतीक है।