संसद की नई बिल्डिंग पर अशोक स्तंभ, पीएम मोदी ने किया अनावरण...जानिए खासियत!

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नए संसद भवन का काम तेजी से जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नए संसद भवन के निर्माणकार्यों का जायजा लिया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह नए संसद भवन की छत पर अशोक स्तंभ की कांस्य प्रतिमा का अनावरण भी किया। यह अशोक स्तंभ अपने आप में एक इतिहास बनाने बाला है। तो क्या है इस अशोक स्तम्भ की खासियत? चलिए हम आपको बताते है। 

संसद की नई बिल्डिंग पर 6.5 मीटर ऊंचा अशोक स्तंभ!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज  नए संसद भवन की छत पर विशाल अशोक स्तंभ का अनावरण किया। आपको बता दे, अशोक स्तंभ भारत का राष्ट्रीय प्रतीक है। और जब यह अशोक स्तंभ संसद की छत पर मौजूद होगा तो दूर से ही दिखाई देगा। इस तरह भारत के गौरब का प्रतीक अशोक स्तम्भ अपने आप में इतिहास रच देगा। यह प्रतिमा 6.5 मीटर ऊंची और 9500 किलो वजन की है। इसे सपोर्ट करने के लिए स्टील का लगभग 6500 किलोग्राम वजनी सिस्टम भी बनाया गया है। 

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Image Source: AAJ Tak

 इस नए अशोक स्तंभ को नई संसद भवन की नई इमारत की छत के बीचों-बीच लगाया गया है। इसके अलावा सपोर्ट के लिए स्टील का एक 6500 किलो का स्ट्रक्चर भी तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि इस स्तंभ के निर्माण में कुल 8 चरणों में काम हुआ। कॉन्सेप्ट स्केच, क्ले मॉडलिंग और कंप्यूटर ग्राफिक समेत कुल 8 राउंड में इसे तैयार किया गया है। 

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अशोक स्तंभ को कुल 150 हिस्सों में तैयार किया गया था। इन्हें छत पर ले जाने के बाद असेंबल किया गया और फिर लगाया गया। अप्रैल के अंत में इनकी असेंबलिंग का काम शुरू किया गया था। इसमें करीब दो महीने का वक्त लगा है। 


बता दें कि नए संसद भवन की इमारत पर भी तेजी से काम चल रहा है। इसमें कई ऐसी चीजें हैं, जो पिछली इमारत से अलग होंगी। नए संसद भवन की डिजाइन में भारतीय वास्तु कला का भी विशेष ध्यान रखा गया है।

आपको बता दे,  अशोक स्तंभ की कांस्य प्रतिमा का अनावरण पश्चात पीएम मोदी ने नई संसद के काम में लगे वर्कर्स से बातचीत भी की और उनके स्वास्थ्य और कुशलक्षेम के बारे में जानकारी ली। पीएम के साथ लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पूरी भी मौजूद थे। 


हाल ही में हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत विजय चौक से इंडिया गेट तक का काम 18 जुलाई तक पूरा हो जाएगा। नए संसद भवन की छत पर राष्ट्रीय प्रतीक लगाने का काम आठ अलग-अलग चरणों से पूरा किया गया। इसमें मिट्टी से मॉडल बनाने से लेकर कंप्यूटर ग्राफिक तैयार करना और कांस्य निर्मित आकृति को पॉलिश करना शामिल है।

जानिए क्या है अशोक स्तंभ?

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मौर्य वंश के तीसरे शासक सम्राट अशोक प्राचीन काल में भारतीय उपमहाद्वीप के सबसे शक्तिशाली राजाओं में से एक थे। उन्होंने 273 ईसा पूर्व से 232 ईसा पूर्व तक भारत में शासन किया। अशोक ने देश के कई हिस्सों में स्तूप और स्तंभ बनवाए। इनमें से एक स्तंभ जो सारनाथ में स्थित है, उसे अशोक स्तंभ कहा जाता है, इसे ही भारत के राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में आजादी के बाद अपनाया गया है।

जानिए सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट क्या है?

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट मोदी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसके तहत नई संसद भवन का निर्माण, नए पीएम आवास का निर्माण साथ ही केंद्र सरकार से जुड़े सभी नए दफ्तरों का निर्माण कार्य शामिल है। यानी नई संसद भवन के निर्माण पश्चात पुरानी संसद भवन को एक म्यूजियम जैसा रूप दे दिया जायेगा। 

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आपको बता दे, इसे बनवाने के लिए पहले करीब 971 करोड़ रुपए के खर्च का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन अब यह खर्च 29 फीसदी बढ़कर 1250 करोड़ से अधिक हो सकता है। सरकार ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के पूरे होने की डेडलाइन अक्टूबर 2022 रखी है।

दरअसल, संसद भवन में मॉर्डन ऑडियो-वीडियो विजुअल सिस्टम लगाया जाएगा। इसके अलावा सभी सांसदों की टेबल पर टैबलेट की व्यवस्था की जाएगी। इसी तरह से मंत्रियों के चेंबर और मीटिंग रूम में उच्च तकनीक वाले डिवाइस का इस्तेमाल किया जाएगा।