बेटा-बहू ने नहीं बनाया दादा-दादी तो कोर्ट पहुंचे मां-बाप, बोले- "परवरिश में लगे 5 करोड़ वापस दो"

समाज में खून के रिश्तों के बीच प्रॉपर्टी को लेकर अक्सर वाद-विवाद की खबरें सामने आती रहती हैं। लेकिन उत्तराखंड के हरिद्वार से एक ऐसा अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जिसे सुनकर हर कोई हैरान है। यहां पोता-पोती का सुख ना देने पर वृद्ध माता-पिता ने अपने बेटे और बहू पर कोर्ट में केस कर दिया है।
वंही उन्होंने कोर्ट से बेटे को पढ़ाई-लिखाई और उसे पालने में खर्च किए गए 5 करोड़ रुपए वापस दिलाए जाने की गुहार लगाई है। तो आइये हम आपको बताते है कि पूरा मामला क्या है? और किस बात पर बुजुर्ग दंपत्ति अपने बेटा-बहु से नाराज है। तो आइये जानते है पूरा मामला।
क्या है पूरा मामला?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह अजब-गजब मामला हरिद्वार का है। यंहा के BHEL से रिटायर्ड इंजीनियर संजीव रंजन एक हाउसिंग सोसायटी में अपनी पत्नी व इकलौते बेटा-बहु के साथ रहते है। रिटायर्ड इंजीनियर संजीव ने अपने इकलौते बेटे श्रेय सागर की परवरिश में कभी कोई कमी नहीं छोड़ी, उसे बड़े प्यार से पाला-पोसा। उसे उच्च शिक्षा दी, जिससे बह आज पायलट बन गया।

इस दौरान, उन्होंने अपने जीवन की सारी जमा-पूंजी अपने बेटे पर खर्च कर दी। सभी परिवारों की तरह उनका वंश भी आगे बढ़ सके इसके लिए उन्होंने साल 2016 में अपने बेटे की शादी नोएडा की रहने वाली शुभांगी के साथ कर दी।
बहू को लेकर दी 65 लाख की ऑडी
Haridwar, Uttarakhand | Parents move court against son and daughter-in-law, demand grandchildren or Rs 5 crore compensation.
— NDTV (@ndtv) May 11, 2022
"They were wedded in 2016 in hopes of having grandchildren. We didn't care about gender, just wanted a grandchild": SR Prasad, Father
(ANI)
बुजुर्ग साधना प्रसाद का कहना है कि श्रेय सागर उसका एकमात्र पुत्र है। पुत्र की परवरिश में कोई कमी न हो अन्य संतान भी पैदा नही की। महिला ने बताया कि पुत्र श्रेय सागर को पायलट बनाने के लिए यूएसए से प्रशिक्षण में पैंतीस लाख रुपये की फीस, रहन-सहन का खर्च बीस लाख व पुत्र व पुत्रवधू की खुशी के लिए 65 लाख की ऑडी कार लोन लेकर खरीद कर दी है। नवविवाहित दंपति को हनीमून मनाने के लिए थाईलैंड भेजा।
शादी के 6 साल बाद भी नहीं मिला पोता-पोती का सुख!
हर बूढ़े माँ-बाप की तरह इस दंपत्ति की इच्छा भी अपने पोते-पोतियो के साथ खेलने की है, लेकिन घर में किलकारी गूंजने का इंतजार करते रहे... और धीरे-धीरे बेटे की शादी को 6 साल बीत गए। लेकिन बहू और बेटे की शादी के इतने साल बाद भी दंपति को दादा-दादी बनने सुख नहीं दे पाए। इस वजह से उनका मानसिक संतुलन भी ठीक नहीं रहने लगा।

लिहाजा बूढ़े मां-बाप को ये अजीबो-गरीब कदम उठाना पड़ा। अब वृद्ध दंपति को कोर्ट से आस है। पोते-पोती के प्यार से महरुम बुजुर्ग दंपती ने कोर्ट से यह भी मांग की है कि बेटे की परवरिश में उनके करीब 5 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। बेटा उन्हें भी वापस करे।
पोता-पोती मांगने पर बहू करती है झगड़ा!
सागर की पत्नी शुभांगी भी नोएडा में जॉब करती हैं। दंपति का कहना है कि, मुझे सिर्फ एक पोता या पोती चाहिए। सास साधना ने आरोप लगाया कि जब भी बहु से संतान पैदा करने के लिए बात करना चाहो, तो बह आगबबूला होकर झगड़ना सुरु कर देती है। वंही संजीव प्रसाद का कहना है कि:-
"मैंने अपने बेटे को अपना सारा पैसा दे दिया, उसे अमेरिका में ट्रेनिंग दिलवाई। मेरे पास अब कोई पूंजी नहीं बची हैं। हमने घर बनाने के लिए बैंक से कर्ज लिया है और बहुत ज्यादा परेशान हैं। हम आर्थिक और व्यक्तिगत रूप से परेशान हैं। हमने अपनी याचिका में मेरे बेटे और बहू दोनों से 2.5-2.5 करोड़ रुपये की मांग की है।"
I gave my son all my money, got him trained in America. I don't have any money now. We have taken a loan from bank to build home. We're troubled financially& personally. We have demanded Rs 2.5 cr each from both my son & daughter-in-law in our petition: SR Prasad, Father pic.twitter.com/MeKMlBSFk1
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 11, 2022
बुढ़ापे में अकेले जीना प्रताड़ना से कम नहीं!

कोर्ट में दोनों पति-पत्नी अपना दुख सुनाते हुए फफक कर रो पड़ते हैं। और कहते है कि बेटे को इतना पढ़ाया-लिखाया, लेकिन उसके बाद भी अगर उन्हें बुढ़ापे में अकेले जीवन गुजारना पड़े तो ये उन्हें टॉर्चर करने के बराबर है। दरअसल, बूढ़े मां-बाप अब जाएं तो जाएं कहां। उम्र के आखरी पड़ाव पर पहुंचे बुजुर्गों के पास कोर्ट के अलावा कोई रास्ता नहीं बचता इसलिए बह कोर्ट में अपनी फ़रियाद लेकर पहुंचे।
बुजुर्ग दंपति के वकील ने क्या कहा?
कोर्ट में वाद दायर करने वाले बुजुर्ग दंपति के वकील अरविंद कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि मैंने अपनी जिंदगी में इस तरह का केस नहीं देखा। हालाँकि लोग संपत्ति अक्सर प्रॉपर्टी और जायदाद को लेकर परिवार में झगड़ते है, लेकिन एक पोते या पोती का सुख पाने के लिए वाद दायर करना पहली बार देखा। प्रसाद दंपती के वकील एके श्रीवास्तव कहते हैं, 'यह आज के समाज का सच है। हम अपने बच्चों पर खर्च करते हैं उन्हें अच्छी नौकरी करने लायक बनाते हैं। बच्चों की भी जिम्मेदारी बनती है कि वे अपने पैरंट्स की बेसिक फाइनेंशल जरूरतों की जिम्मेदारी उठाएं। इसीलिए प्रसाद दंपती ने यह केस दायर किया है।

फ़िलहाल हरिद्वार की तृतीय एसीजे एसडी कोर्ट में केस दाखिल किया गया है। उन्हें उम्मीद है कि न्यायालय वृद्ध दंपति के साथ न्याय करेगा। कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 17 मई निर्धारित की है। अब देखना दिलचस्प होगा कि कोर्ट इस मामले पर अपना क्या फैसला सुनाती है? बेटा बहु बुजुर्ग दंपत्ति को पोता या पोती देंगे या फिर मुआबजा।