विश्व का पहला ॐ आकृति वाला शिव मंदिर, इसकी खासियत इसे दुर्लभ बनाती है... देखिये तस्वीरें!

इस सृष्टि के रचियता कहे जाने वाले त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु, महेश को 'ॐ' (ओम) का प्रतीक माना जाता है। ओम का निराकार स्वरूप धरती पर पहली बार राजस्थान में साकार हुआ है। जोधपुर शहर से 71 किलोमीटर दूर ॐ आकार का 250 एकड़ जमीन के परिसर में निर्माणाधीन है। आसमान से ली गई मंदिर की तस्वीर ॐ की अनुभूति कराती है। मंदिर का शिलान्यास वर्ष 1995 में हुआ था।

26 साल से निरंतर चल रहे निर्माण कार्य के अगले साल पूरा होने की संभावना है। चार मंजिला इमारत में ओउम आकृति के अग्र, मध्य और नीचे के भाग में बांट कर निर्माण कार्य करवाया गया। इसके अलावा ओम के ऊपर चंद्र बिंदु में वास्तुनुसार बारीकियों का समावेश किया गया है।
26 साल से चल रहा कार्य!
ABP न्यूज़ की रिपोर्ट मुताबिक, मंदिर 250 एकड़ जमीन के परिसर में निर्माणाधीन है। आसमान से ली गई मंदिर की तस्वीर ॐ की अनुभूति कराती है। करीब 250 एकड़ में फैले आश्रम के बीचोंबीच निर्माणाधीन है लगभग आधा किमी दायरे में ओम आकृति का शिवमंदिर। यह 4 खंडों में बना है। इसमें से एक पूरा खंड जमीन के अंदर है और तीन जमीन के ऊपर।

आकर्षक दिखने वाले मंदिर का शिलान्यास वर्ष 1995 में हुआ था। उम्मीद है कि 2024-25 तक मंदिर का निर्माण पूरा हो जाएगा। स्वामी महेश्वरानंद का दावा है कि पूरे भूमंडल पर ॐ आकृति का यह पहला निर्माणाधीन मंदिर है।
शिवलिंग में 12 ज्योतिर्लिंग व दीवारों पर शिव के 1008 स्वरूप!
ॐ आकार के इस मंदिर में भगवान महादेव की 1008 प्रतिमाएं लगाई जाएंगी जिसमें आपको 12 ज्योतिर्लिंग दिखेंगे। इस मंदिर का शिखर 135 फीट ऊंचा है। मंदिर परिसर में 108 कक्ष बनाए गए हैं। पूरे मंदिर परिसर को 2000 स्तंभ पर बनाया गया है।

ॐ आकृति के बीचो-बीच गुरु माधवानंद जी की समाधि बनाई गई है। उसके ऊपर वाले भाग में स्फटिक के शिवलिंग से मंदिर बनाया गया है। ऊपर वाले भाग में ब्रह्मांड के जैसी बनी आकृति देखने में बहुत खूबसूरत है। नागर श्रेणी से बना हुआ ॐ आकृति का मंदिर बनाने के लिए पत्थर धौलपुर की बंसी पहाड़ी से लाया जा रहा है। इस मंदिर परिसर के नीचे 2 लाख टन की टंकी भी बनाई गई है।

आश्रम सचिव स्वामी फूलपुरी ने बताया कि पहले तल पर द्वादश ज्योर्तिलिंग बना हुआ है, जिसमें 12 ज्योर्तिलिंग का समावेश किया गया है। साथ ही 1008 शिव नाम की मूर्तियां लगी हुई है। दूसरी मंजिल पर स्फिटिक का शिवलिंग स्थापित किया जाएगा। वहीं तीसरी मंजिल पर ब्रह्मण स्वरूप को निखारा जाएगा।
चार खंडों में विभाजित है ओम आकृति का शिव मंदिर!
यह शिव मंदिर चार खंडों में विभाजित है। एक पूरा खंड भूगर्भ में बना हुआ है जबकि तीन खंड जमीन के ऊपर हैं। बीचोंबीच स्वामी माधवानंद की समाधि है। भूगर्भ में समाधि के चारों तरफ सप्त ऋषियों की मूर्तियां हैं।

इसका शिखर 135 फीट ऊंचा है। सबसे ऊपर वाले भाग में महादेव का शिवलिंग स्थापित है। शिवलिंग के ऊपर ब्रह्मांड की आकृति बनाई गई है। ओम आकृति वाले इस शिव मंदिर का निर्माण कार्य 95 फीसदी पूरा हो चुका है।फिलहाल लाइट फिटिंग, पेयजल लाइन आदि के कार्य को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
ओम आश्रम में योगा विश्वविद्यालय भी

देश के सबसे अनूठे ॐ आकृति वाले जाडन आश्रम में शिवायल के अलावा श्री माधवानंद योगा विश्वविद्यालय भी स्थापित किया गया है। चार मंजिला इस इमारत में स्कूल-कॉलेज भी होंगे। इसका निर्माण विश्वदीप गुरुकुल ट्रस्ट की ओर से करवाया जा रहा है। खास बात यह है कि आश्रम के निर्माण में धौलपुर का बंशी पहाड़ का पत्थर काम लिया गया है।
कैसे पहुंचें ओम आश्रम?
जाडन आश्रम पाली से गुजर रहे नेशनल हाई 62 पर सड़क किनारे स्थित है। इसका निकटवर्ती एयरपोर्ट जोधपुर है, जो करीब 71 किलोमीटर दूर है। जाडन आश्रम ट्रेन के जरिए भी पहुंचा सकता है।