नासा ने खोजी एक नई सुपर अर्थ! यह पृथ्वी से 4 गुना बड़ी, 11 दिन में पूरा होता है साल!

धरती के अलावा किसी और ग्रह (Planet) पर जीवन की तलाश में वैज्ञानिक दिन-रात लगे हुए हैं। लेकिन अबतक ऐसा कोई ग्रह नहीं मिल पाया है, जहां धरती की तरह जीवन संभव हो। हालांकि वैज्ञानिकों (Scientists) ने एक ऐसा ग्रह खोजा है, जो पृथ्वी (Earth) से चार गुना बड़ा है। जिसे सुपर अर्थ कहा जा रहा है, और इसका वैज्ञानिक नाम रॉस 508बी (Ross 508b) है।

नासा के मुताबिक, इस ग्रह पर महज 10.8 दिनों में एक साल (A Year) बीत जाती है। यह सौर मंडल (Solar System) के बाहर तारे की परिक्रमा कर रहा है और अपने स्टार हैबिटेट जोन (Star Habitat Zone) में अंदर-बाहर हवा में तैर रहा है। और यह सुपर अर्थ हमारी आकाशगंगा के बाहरी इलाके में मौजूद है। जी, हां ये खबर बाकई दुनिया को हैरान करने बाली है। तो आइये हम आपको सुपर अर्थ से जुडी कुछ अन्य जानकारी भी दे देते है।
पृथ्वी से 4 गुना बड़ी है सुपर अर्थ!
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने दावा किया है कि उसने एक ग्रह को खोज निकाला है जो पृथ्वी (Earth) से चार गुना बड़ा है। नासा के मुताबिक, इस ग्रह पर महज 10.8 दिनों में एक साल बीत जाती है. यह सौर मंडल के बाहर तारे की परिक्रमा कर रहा है और अपने स्टार हैबिटेट जोन में अंदर-बाहर हवा में तैर रहा है। ऐसे ग्रह को एक्सोप्लानेट (Exoplanet) कहा जाता है। यह एक्सोप्लानेट पृथ्वी से 37 प्रकाश वर्ष दूर है।
Discovery Alert!
— NASA Exoplanets (@NASAExoplanets) August 3, 2022
A recently discovered exoplanet skims in and out of its star's habitable zone. It's 37 light-years from Earth and about four times our planet's mass, making Ross 508b a super-Earth. A year there, one orbit, takes just 10.8 days! https://t.co/qmEDhIuS3A pic.twitter.com/MW7Cap45If
बैसे आपकी जानकारी के लिए बता दे, हमारे सौरमंडल के बाहर स्थित ग्रहों को एक्सोप्लैनेट कहा जाता है, इसलिए रॉस 508 बी भी एक एक्सोप्लैनेट है। नासा के अनुसार, यह एक ऐसे तारे की परिक्रमा करता है, जिसका द्रव्यमान सूर्य का 5वां हिस्सा है और इसका नाम रेड ड्वार्फ है। यानी जिस तरह धरती सूर्य का चक्कर लगाती है, उसी तरह सुपर अर्थ इस स्टार का परिक्रमा करती है।

यह स्टार अपनी तरह का सबसे आम तारा है जो सूर्य की तुलना में बहुत ज्यादा लाल, ठंडा और मंद प्रकाश वाला है। ऐसे तारे पृथ्वी के सौर मंडल के आसपास प्रचुर मात्रा में हैं और आकाशगंगा में तीन-चौथाई तारे बनाते हैं। अंदाजा लगाया जा रहा है कि रॉस 508बी नाम वाली यह सुपर अर्थ अपनी सतह पर पानी बनाए रखने में सक्षम हो सकती है।
11 दिन में पूरा होता है साल!

नया ग्रह पृथ्वी से लगभग 37 प्रकाश वर्ष दूर, तारे के चारों ओर स्थित है जो सूर्य के द्रव्यमान का पांचवां हिस्सा है। चूंकि रॉस 508 बी और रेड ड्वार्फ के बीच दूरी काफी कम है, इसलिए एक्सोप्लैनेट को तारे की परिक्रमा करने में सिर्फ 10.8 दिन का वक्त ही लगता है। यानी, यहां पर एक साल 11 दिन के बराबर है। वंही पृथ्वी पर एक साल 365 दिन के बराबर होता है।
इस ग्रह पर जीवन की संभावना?
नासा की मानें तो रॉस 508 बी की सतह धरती से भी ज्यादा चट्टानी हो सकती है। इसके द्रव्यमान के बावजूद इसका घनत्व धरती के बराबर था, जिसे देखकर एस्ट्रोनॉमर्स (Astronomers) हैरान रह गए। इससे संकेत मिला है कि यह ग्रह काफी पुराना है। इस ग्रह (Planet) की अंदरूनी जानकारी से यह पता चल सकता है कि यहां जीवन मुमकिन है या नहीं।

इसकी कक्षा (ऑर्बिट) अंडाकार है, यानी यह हर वक्त तारे से एक समान दूरी पर नहीं होता। वैज्ञानिकों के मुताबिक इस तरह का ग्रह अपनी सतह पर पानी बनाए रखने में सक्षम हो सकता है। लेकिन यह जानना दिलचस्प होगा कि क्या कभी यहां जीवन रहा होगा या नहीं।
Today marks the discovery of over 5,000 known planets beyond our solar system according to the @NASAExoplanets Archive! 🤩🪐
— NASA (@NASA) March 21, 2022
Listen to decades of discovery, and learn about the significance of each sound: https://t.co/RnZwqKfYYW pic.twitter.com/ZnXWOlvAPQ
स्टडी के मुख्य लेखक लॉरन वीस के मुताबिक, यह ग्रह अब तक खोजे गए चट्टानी ग्रहों में से सबसे पुराना है। माना जाता है कि हमारी आकाशगंगा (Milky Way Galaxy) 12 अरब साल पहले बनी थी। यह सितारा (Star) और इसके ग्रह 10 अरब साल पहले बने थे। हमारा सूरज 4.5 अरब साल पुराना है।