पिछले साल 1 लाख 63 हज़ार लोगों ने छोड़ी भारत की नागरिकता, और दूसरे देशों में जाकर बस गए!

पिछले एक साल में डेढ़ लाख से ज्यादा भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ी है। वंही बाते करे पिछले तीन साल की तो 3.92 लाख लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़ दी। इनमें से ज्यादातर लोगों को अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया पसंद आया है। गृह मंत्रालय ने संसद में एक सवाल के जवाब में ये जानकारी दी है। क्या है पूरा मामला? चलिए हम आपको बताते है।
तीन सालों में 3,92,643 लोगों ने छोड़ी नागरिकता!
देश के नागरिकों में पिछले कुछ सालों से नागरिकता छोड़ने का चलन बढ़ गया है। साल 2021 में कुल कितने भारतीय नागरिकों (Indian Citizenship) ने देश की नागरिकता छोड़ किसी अन्य देश की नागरिकता अपनाई इस सवाल के संसद में दिए गए जवाब ने चौंका दिया है।
2015 से 2021 तक 9.24 लाख लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़ी।अकेले 2021 में यह संख्या 1.63 लाख है।
— Aadesh Rawal (@AadeshRawal) July 20, 2022
एक लिखित सवाल के जवाब मे केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री ने संसद को बताया है कि साल 2019 के बनिस्पत साल 2021 में कुल 1 लाख 63 हज़ार 370 लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़कर किसी अन्य देश की नागरिकता अपना ली। इससे पहले आरटीआई के जवाब में गृह मंत्रालय ने बताया था कि पिछले 5 साल में भारत के 6 लाख से ज्यादा नागरिकों ने नागरिकता छोड़ी है।
पिछले साल 1 लाख 63 हज़ार लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़ी - गृह मंत्रालय pic.twitter.com/TMxKVV8GvO
— Bolta Hindustan (@BoltaHindustan) July 19, 2022
मंत्रालय के मुताबिक, 2017 से 2021 तक 6,08,162 लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़ी है। औसत की बात करें तो हर साल 1,21,632 लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़ी है। इतना ही नहीं इन लोगों ने अपनी निजी वजहों से भारत की नागरिकता छोड़ी है। उनके द्वारा पेश किए गए आंकड़ों के हिसाब से साल 2019 के बाद से ये संख्या सबसे ज्यादा है।
भारत की नागरिकता छोड़कर किन देशों में बस रहे लोग?
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में बताया कि विदेश मंत्रालय से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक, जिन लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़ी है, वे 120 देशों में नागरिकता ली है। नित्यानंद राय ने लिखित जवाब में बताया कि 2019, 2020 और 2021 में 3,92,643 लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़ी है।
• 9.6 लाख भारतीयों ने पिछले 7 साल में देश की नागरिकता छोड़ी
— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) July 20, 2022
• 1.63 लाख ने तो 2021 में ही त्यागी भारतीय पहचान
• ‘न्यू इंडिया’ के ‘अमृतकाल’ में भारत छोड़ो की नौबत क्यों आ गयी?
• यह चौपट अर्थव्यवस्था का नतीजा है या नफ़रती माहौल का परिणाम?
जवाब तो देना होगा मोदी सरकार को
इनमें से 1,70,795 लोगों ने अमेरिका की नागरिकता ली। जबकि 64,071 लोग कनाडा के नागरिक बन गए हैं। इसके अलावा 58,391 लोगों ने ऑस्ट्रेलिया, 35,435 लोगों ने यूके, 12131 लोगों ने इटली और 8,882 लोगों ने न्यूजीलैंड की नागरिकता ली है। जबकि 7,046 लोग सिंगापुर, 6,690 लोग जर्मनी, 3,754 लोग स्वीडन, 48 पाकिस्तान।
आख़िर क्यों हर दिन 358 लोग नागरिकता छोड़ रहे हैं?
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) July 20, 2022
क्यों 3 साल में ही 3.92 लाख भारतीयाें ने नागरिकता छोड़ी?
क्यों 2021 में 1,63,370 लाख लोगों ने देश छोड़ा?
क्यों निवेश और रोज़गार देने वाले भारत छोड़ रहे हैं?
क्या अब सरकार और उसकी नीति चन्द “मित्रों के धंधे” चलाने की हैं? pic.twitter.com/mMOhEiU1VY
सरकार द्वारा अपने जवाब में पेश की गई कुल 123 देशों की सूची में 6 ऐसे देश हैं जिनमें भारत की नागरिकता छोड़ साल 2021 में किसी भारतीय ने वहां की नागरिकता नहीं ली।
मोदी सरकार की दी हुई जानकारी के मुताबिक़, साल 2021 में 1 लाख 63 हज़ार 370 लोगों ने भारतीय नागरिकता छोड़ी और दूसरे देशों में बस गए.https://t.co/JKEWZhAehd pic.twitter.com/dnBMJnNKEw
— BBC News Hindi (@BBCHindi) July 19, 2022
सबसे ज़्यादा गौरतलब बात ये है कि जहां एक तरफ साल 2019 में एक भी भारतीय ने भारत की नागरिकता छोड़ पाकिस्तान की नागरिकता नहीं अपनाई थी वंही साल 2021 में 41 भारतीयों ने पाकिस्तान की नागरिकता अपनाई। जबकि साल 2020 में पाकिस्तान की नागरिकता लेने वाले भारतीय की संख्या केवल 7 थी।
5 साल में कितने लोगों ने ली भारत की नागरिकता?
खुद मोदी सरकार ने संसद पटल पर ये जवाब देते हुए माना है की अब हमारा देश रहने लायक नहीं रहा और रोज 358 लोग भारत की नागरिकता छोड़ रहे है!
— Ghanendra Bhardwaj (@GhanendraB) July 20, 2022
◆3 साल में 3.92 लाख भारतीयाें ने नागरिकता छाेड अमेरिका और अन्य देशों की नागरिकता ली!
◆2021 में 1,63,370 लाख लोगों ने भारतीय नागरिकता छोड़ी! pic.twitter.com/1CQ5Xj4UeO
पिछले 5 साल में 5220 विदेशियों को भारत की नागरिकता मिली है। इनमें से 87% यानी 4552 पाकिस्तान से आए हैं। भारत में हर साल लगभग 1044 लोगों को नागरिकता दी गई है। भारत की नागरिकता लेने के मामले में पाकिस्तान सबसे आगे है।