किस्मती बकरा: करीब 20 बार तेंदुए के बाड़े में छोड़ा गया लेकिन हर बार बच निकला ये बकरा!

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देश में 70 साल बाद चीते लौट आए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन 17 सितंबर को इन चीतों को मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा। पांच मादा और तीन नर को लाया गया है। इनसे ही भारत में चीतों का कुनबा बढ़ाने की तैयारी है। जिस पार्क में इन चीतों को बसाया जा रहा है, वहां पहले छह तेंदुएं थे। इन चीतों को तेंदुओं से खतरा था और इस वजह से उन्हें वहां से निकालना जरूरी था। दिलचस्प बात यह है कि तेंदुओं को पकड़ने के लिए जिस बकरे को चारा बनाया गया था, वह आज भी जिंदा है। और अब उसकी चर्चा सोशल मीडिया पर जमकर हो रही है। क्या है पूरा मामला? चलिए हम आपको बताते है। 

बह बकरा जिसका तेंदुएं भी नहीं कर सके शिकार!

ये कहावत तो सबने सुनी होगी कि जाको राखे साइयां मार सके ना कोई। दूसरी ये कि बकरे की अम्मा कब तक खैर मनाएगी। यहां एक ऐसा ही बकरा है जिस पर ये कहावत सटीक बैठती है , क्यूंकि ये बकरा बेहद ख़ास है। दरअसल, इस बकरे की स्पेशल कहानी सुरु होती है चीतों के भारत आने की तैयारी से। चूँकि सरकार का प्लान था कि पीएम मोदी अपने जन्मदिन पर नामीबिया से लाये गए चीतों को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ेंगे। जिसमे लाए गए चीतों में पांच मादा और तीन नर शामिल होंगे। 

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Image Source: News18India

इसीलिए राज्य सरकार ने कूनो नेशनल पार्क में विदेश से लाये गए चीतों की देखभाल के लिए विशेष प्रवंध किया, जिसके लिए 12 वर्ग किमी का एक बड़ा बाड़ा तैयार किया गया। लेकिन इस बाड़े में तेंदुओं की मौजूदगी ने वन विभाग के अफसरों की चिंताओं को बढ़ा दिया, क्यूंकि कूनो पार्क में छह तेंदुएं मौजूद थे। जिनसे आने बाले चीतों को खतरा हो सकता था। इसीलिए 15 अगस्त को आने बाले चीतों का प्लान आगामी समय के लिए टाल दिया गया।

इसके बाद बन विभाग ने तय किया कि पहले बाड़े में मौजूद तेंदुओं को पकड़ा जाए, जिसके लिए बकरा तैयार किया गया और तेंदुओं के बीच छोड़ दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बताया जा रहा है कि बकरे को तकरीबन 20 से ज्यादा बार बांधा गया है ताकि बकरा तेंदुएं का शिकार बन जाएं। लेकिन बकरा हमेशा बच जाता है। 


बता दें कि, चीतों के आने से पहले कूनो पार्क में 6 तेंदुएं लाए गए थे। लेकिन 6 तेंदुओं ने भी उस बकरे का शिकार ना कर पाए। वह आज भी जीवित है और मजे से पूरे जंगल में घूम रहा है। कूनो नेशनल पार्क के कर्मचारी द्वारा इस बकरे को भाग्यशाली कहा गया, क्योंकि बकरे को 20 बार से ज्यादा बांधा गया ताकि शिकारी का शिकार बन जाएं पर वह हर बार बच जाता है।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ भाग्यशाली बकरा!

चूँकि अब विदेश से चीते भारत आ चुके है और सभी तेंदुओं को पकड़कर दूसरी जगह छोड़ा जा चुका है। लेकिन चीतों के आने से पहले तेंदुओं को पकड़ा जा रहा था। इस दौरान बकरे को बाड़े में बांधा गया था लेकिन किसी तेंदुए ने बकरे पर अटैक नहीं किया। हालांकि तेंदुए फिर भी पकड़ लिए गए। और भाग्यशाली बकरा आज भी इसे मजे से जंगल में घास चरते देखा जा रहा है। 

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Image Source: Social Media

कूनो नेशनल पार्क के कर्मचारी इसे भाग्यशाली बकरा कह रहे हैं, जिसे बलि का बकरा बनाने के बाद भी वह हर बार बचता रहा। वन विभाग के कर्मचारियों के अनुसार यह 12 वर्ग किमी का क्षेत्र पूरी तरह से तेंदुआ मुक्त कर दिया गया है। इस बकरे की खुशकिस्मती से सब हैरान हैं। लेकिन एक कहावत और है…’बकरे की अम्मा कब तक खैर मनाएगी’…अब देखना है कि क्या चीतों से ये बकरा बच पाता है।