22 साल पहले इस पुलिसवाले ने लिखा था 'काला चश्मा', लेकिन आजतक है इस बात की शिकायत!

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kala chashma writer

बॉलीवुड स्टार सिद्धार्थ मल्होत्रा और कटरीना कैफ की फिल्म ‘बार बार देखो’ का गाना ‘काला चश्मा’ इन दिनों फिर चर्चा में है। हाल ही में इस गाने पर कई इंस्टाग्राम रील्स वायरल हुए हैं। वहीं अफ्रीका में भी एक डांस ग्रुप इस गाने पर परफॉर्म करता हुआ दिखा। 

इस गाने पर इतने रील्स, वीडियो क्लिप बन चुके हैं कि ये Pop Culture का हिस्सा बन चुका है। यानी फिल्म हिट हुई हो या ना हुई हो लेकिन ये गाना बंपर हिट हुआ है। लेकिन क्या आप जानते है कि इस गाने के असली राइटर कौन है? और यह गाना कब लिखा गया था? तो चलिए हम आपको जानकारी दे देते है। 

इस कांस्टेबल ने नौंवी क्लास में लिखा था 'काला चश्मा'

आपको बता दे, देश से लेकर विदेशों तक धूम मचाने बाला "काला चश्मा" सांग आज से करीब 22 साल पहले लिखा गया था। जी हां, इस गाने को लिखने बाला एक  9th क्लास का बच्चा था, जो अब पंजाब पुलिस में कांस्टेबल है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमरीक सिंह शेरा मौजूदा समय में पंजाब पुलिस के सीनियर हेड कांस्टेबल हैं। वो जालंधर के तलवंडी चौधरीयान गांव के रहने वाले हैं।  

kala chasma song writer amrik singh
Image Source: Tribune

महज़ 15 साल की उम्र में शेरा ने इस गाने को कोरे कागज पर उतार दिया था।  उन्होंने यह गाना साल 1990 में लिखा था। उस वक़्त वो कक्षा 9th के छात्र थे। लेकिन उस वक्त इस गाने को बनाने के लिए कोई तैयार नहीं हुआ था।

कैसे आया काला चश्मा लिखने का आईडिया?


शेरा ने एक इंटरव्यू में बताया था कि कैसे उन्हें इस गाने को लिखने का आइडिया मिला। वो उन दिनों अपने परिवार के संग किसी काम से चंडीगढ़ गए हुए थे।  अमरीक बस में सफर कर रहे थे। रेडलाइट पर उनकी बस रुकी, उसी समय उन्होंने एक लड़की को काला चश्मा लगाए व जींस पहने देखा। तभी उनके मन में ‘काला चश्मा’ गाना लिखने का आइडिया आया। 

कोई कंपोज करने को नहीं था तैयार!

अमरीक सिंह बताते है कि काला चश्मा लिखने के बाद, उन्होंने काफी प्रयास किया कि इसपर कोई हिट गाना बन जाए। इसके लिए बह कई सारे म्यूजिक डायरेक्टर और कंपोजर से मिले, साथ ही कई कई संगीतकार के पास गए कि उनके सांग को आबाज मिल सके। लेकिन सभी ने उन्हें नजरअंदाज कर दिया, कोई इस गाने को कंपोज करने के लिए तैयार नहीं हुआ। और उन्हें किसी तरह की मदद नहीं मिली।  


फिर साल 1991 में पंजाबी गायक अमर अर्शी ने इसे पहली बार लंदन के एक कार्यक्रम में गाया। तब वहां मौजूद लोगों ने इस गाने को खूब पसंद किया। इसके बाद एक कंपनी ने इसे इंग्लैंड में रिलीज किया और वहां हिट हो गया। इसके बाद गाने को एक कंपनी ने पंजाब में रिलीज किया, यहां भी गाना काफी हिट हुआ।

गाना लिखने के लिए मिले थे 11 हजार रुपए!

अमरीक सिंह शेरा को इस बात का अंदाजा नहीं था कि उनका गाना ‘काला चश्मा’ किसी बॉलीवुड फिल्म का हिस्सा बनेगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमरीक को एक दोस्त का फोन आया कि एक चैनल पर काला चश्मा गाना बजाया जा रहा है। शेरा को ये सुनकर खुशी भी हुई और हैरानी भी। क्योंकि मुझसे झूठ बोला गया था, और जी म्यूजिक कंपनी के लेबल तहत इसकी पॉपुलैरिटी का पूरा फायदा बॉलीवुड द्वारा उठाया गया और अमरीक के हाथ सिर्फ 11 हजार रुपए आए थे। 


शेरा ने बताया कि चार महीने पहले जालंधर की एक कंपनी ने मुझसे संपर्क किया और मेरे गाने मांगे। कंपनी ने बताया कि मुंबई की एक सीमेंट कंपनी उनके गानों को अपने उद्धघाटन समारोह में बजाना चाहती है। कंपनी ने शेरा के साथ एक एग्रीमेंट कर लिया और उसे 11 हजार रुपए दे दिए। लेकिन, उनका गाना फिल्म में शामिल किया गया जिसकी अमरीक को कोई जानकारी नहीं थी। 

kala chasma song writer amrik singh
Image Source: inext

शेरा को उस सीमेंट कंपनी का नाम याद नहीं है। उनका कहना है कि मुझे किसी ने नहीं बताया कि मेरे गाने को बॉलीवुड फिल्म में शामिल किया जाएगा। मुझे इससे कोई एतराज भी नहीं है, लेकिन मेरे दिल में मलाल जरूर है। कम से कम इस गाने के लांच या फिल्म स्क्रीनिंग के समय बॉलीवुड की तरफ से उन्हें आमंत्रित किया जाना था, मगर, मुझे नहीं बुलाया गया। मैं वहां जाना चाहता था और लोगों को बताना चाहता था कि एक छोटे से गांव के एक व्यक्ति ने इस गाने को लिखा है।