VIDEO: 105 साल की परदादी ने रचा इतिहास, 100 मीटर रेस 45.40 सेकंड में जीतकर बनाया नेशनल रिकॉर्ड!

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जिस उम्र में लोग खटिया पकड़कर मरने की बातें करते हैं उस उम्र में हरियाणा की एक परदादी ने रेस में भाग लेकर नेशनल रिकॉर्ड बनाकर सभी को हैरान कर दिया है। 105 वर्ष की रामबाई ने 45.40 सेकंड में 100 मीटर की रेस पूरी कर नेशनल रिकॉर्ड बनाया है। उन्होंने बेंगलुरु में आयोजित " राष्ट्रीय ओपन मास्टर्स एथलेटिक्स चैम्पियनशिप" में यह कीर्तिमान हासिल किया है। तो आइये जानते है कौन है ये परदादी? जिनकी कहानी इस बक्त सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। 

100 मीटर रेस 45.40 सेकंड में पूरी कर बनाया रिकॉर्ड!

हरियाणा के चरखी दादरी के गांव कादमा की राम बाई ने 105 साल की उम्र में दौड़ का नया रिकॉर्ड बना दिया है। उन्होंने 45.40 सेकंड में 100 मीटर की रेस पूरी कर नेशनल रिकॉर्ड बनाया है। आपको बता दे, इससे पहले यह रिकॉर्ड 101 वर्षीय मान कौर के नाम था, जिन्होंने 74 सेकंड में रेस पूरी की थी।

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आपको बता दे, रामबाई गुजरात के टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए अपनी पोती शर्मिला सांगवान के साथ पहुंची थीं। जंहा इस मुकाबले में रामबाई ने 100 से अधिक उम्र की कैटेगरी में रेस में भाग लिया था। लेकिन वहां 85 की उम्र से ऊपर का कोई रेसर उसके साथ दौड़ लगाने नहीं पहुंचा, मगर रामबाई ने अपनी स्पीड से ऐसी दौड़ लगाई कि गोल्ड मेडल लेकर लौटी।


आपको बता दे, उम्र के पड़ाव पर पहुंचने के बाद दौड़ में इतिहास रचना कोई मामूली बात नहीं होता। लेकिन 105 साल की रमाबाई ऐसा पहले भी कर चुकी है। भास्कर की रिपोर्ट अनुसार, नवंबर, 2021 में हुई प्रतियोगिता में 100, 200 मीटर दौड़, रिले दौड़, लंबी कूद में 4 गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास बना चुकी हैं। अब उनका सपना है कि वे विदेश जाकर इंटरनेशनल टूर्नामेंट में हिस्सा लें और जीतकर आएं। 

उड़नपरी दादी के नाम से फेमस!

 

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देश की राजधानी दिल्ली से मात्र 150 किलोमीटर दूर स्थित हरियाणा के चरखी दादरी जिले में 1 जनवरी, 1917 को रामबाई का जन्म हुआ था। राम बाई गांव की सबसे बुजुर्ग महिला हैं और सब उनको उड़नपरी पड़दादी (परदादी) कह कर बुलाते हैं। वो पूरी तरह से सेहतमंद हैं और इस उम्र में भी हर रोज 5 से 6 किलोमीटर दौड़ती हैं।

हर दिन खाती हैं पाव भर घी!

उड़नपरी पड़दादी 105 वर्ष की आयु में वृद्धावस्था की परवाह किए बिना खेल को जीवन का हिस्सा बनाकर कड़ी मेहनत से आगे बढ़ रही हैं।  वे सुबह 4 बजे उठकर अपने दिन की शुरुआत करती हैं, घर के छोटे मोटे काम निपटाकर बह रोजाना 5-6 किलोमीटर तक दौड़ लगाती है। इनकी सेहत में सबसे ख़ास है चूरमा, दही, और दूध। साथ में 250 ग्राम घी हर रोज रोटी या चूरमे में लेती हैं और आधा किलो दही हर रोज की खुराक में शामिल है। 

परिवार में बेटा-बहू भी चैम्पियन!

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कादमा की राम बाई का पूरा परिवार ही खेलों में नाम कमा रहा है। वह बताती हैं सेना में सेवा दे चुके परिवार के कुछ सदस्यों ने मास्टर्स ऐथ्लैटिक्स मीट में भाग लेने के अलावा राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लिया है। उनकी बेटी 62 वर्षीय संतरा देवी रिले दौड़ में स्वर्ण पदक जीत चुकी है। राम बाई के पुत्र 70 वर्षीय मुख्तयार सिंह ने 200 मीटर दौड़ में कांस्य पदक जीता है।