गर्व के पल! इस 16 साल के बच्चे ने शतरंज के बादशाह को हराकर, भारत का नाम रौशन कर दिया!

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अगर आप चेस या शंतरज में थोड़ा भी इंटरेस्ट रखते हैं तो मैग्नस कार्लसन  का नाम आपने सुना ही होगा। ये दुनिया भर में शतरंज के बादशाह के तौर पर जाने जाते है। लेकिन अब खबर आ रही है कि इस शतरंज के बादशाह को मात्र 16 साल के एक भारतीय बच्चे ने तगड़ी शिकस्त देकर एक बड़ी जीत अपने नाम दर्ज कर ली। तो आइये जानते है कौन है भारत का माहिर शतरंज खिलाड़ी? जिसकी चर्चा आज दुनियाभर में हो रही है। 

विश्व चैंपियन को हराने वाले प्रज्ञानानंद की कहानी

विश्व चैंपियन मैगनस कार्लसन को हारने बाले भारतीय बच्चे का नाम रमेशबाबू प्रज्ञानानंद है। और भारत के इस ग्रांडमास्टर ने ये कारनामा तीन महीने में दूसरी बार कर दिखाया है। यानी बोले तो विश्व चैंपियन मैगनस कार्लसन को तीन महीने के अंदर दूसरी बार हराया है। 


आपको बता दे, प्रज्ञानानंद की यह पहली ऐतिहासिक जीत नहीं है, उनका करियर इससे पहले भी कई उपलब्धियों से भरा रहा है। इस कम उम्र के माहिर खिलाड़ी का दिमाग शतरंज में किसी कंप्यूटर की तरह दौड़ता है, जिसकी बजह से दुनिया के कई बड़े-बड़े शतरंज खिलाड़ी इस बच्चे के आगे पानी मांगते नजर आते है। तो आइये नजर डालते है इस बच्चे के पुरे जीवन चक्र पर। 

बड़ी बहन से मिली प्रेरणा!

आर. प्रगाननंदा ने अपनी बहन के शौक से प्रभावित होकर शतरंज को काफी कम उम्र में ही अपने जीवन का हिस्सा बना लिया और उस उम्र में खेल के गुर सीख लिए। मात्र 3 साल की उम्र में प्रगाननंदा इस खेल से जुड़ गए थे, जबकि बड़ी बहन वैशाली को इसलिए यह खेल सिखाया गया, जिससे कि वह टीवी पर कार्टून देखने में कम समय बिताएं। प्रगाननंदा के पिता रमेशबाबू ने याद करते हुए कहा:-

"हमने वैशाली को शतरंज से जोड़ा जिससे कि उसके टीवी देखने के समय को कम किया जा सके। दोनों बच्चों को यह खेल पसंद आया और इसे जारी रखने का फैसला किया। हमें खुशी है कि दोनों खेल में सफल रहे हैं। इससे भी अहम बात यह है कि हमें खुशी वे खेल को खेलने का लुत्फ उठा रहे हैं।"

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Image Source: Social Media

और अब अपने करियर की सबसे बड़ी जीत दर्ज करते हुए दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन को हराया। प्रगाननंदा की यह उपलब्धि काफी बड़ी है। फिलहाल उन्हें शतरंज में भारत का भविष्य बताया जा रहा है। 

12 साल की उम्र में बने ग्रैंडमास्टर 

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Image Source/ Credit: BCCL

चेन्नई के प्रगाननंदा ने 2018 में प्रतिष्ठित ग्रैंडमास्टर खिताब हासिल किया। वह यह उपलब्धि हासिल करने वाले भारत के सबसे कम उम्र के और उस समय दुनिया में दूसरे सबसे कम उम्र के खिलाड़ी थे। प्रगाननंदा सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर की सर्वकालिक सूची में पांचवें स्थान पर हैं। भारत के दिग्गज शतरंज खिलाड़ी विश्वनाथन आंनद ने उनका मार्गदर्शन किया है। 

शतरंज के बादशाह कार्लसन को भी जान लीजिये! 

सालो पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब वायरल हुआ था, वीडियो में देखा जा सकता था कि ये शतरंज का मुकाबला एक 13 साल के बच्चे और और एक रूस के वर्ल्ड चैंपियन गैरी कासप्रोव के बीच था। गैरी दुनिया के सतरंज बादशाह कहलाते थे, जिनका मुकाबला एक 13 साल का बच्चा कर रहा था। 

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Image Source: Chess24

लेकिन खेल शुरू हुआ, दोनों तरफ से चालें चली जाने लगीं। कुछ ही समय में वो देखा गया जिसकी शायद किसी को उम्मीद नहीं थी। वर्ल्ड चैंपियन गैरी लगातार इस 13 साल के बच्चे की चाल में फंसते नजर आते है। वो 13 साल का लड़का अपनी चाल चल देता और अपनी कुर्सी से उठ कर इधर उधर टहलने लगता, वंही गैरी बड़ी सोच विचार कर अपनी चाल चलने पर मजबूर हो रहे थे। 

यानी देखा जाए तो 13 साल का लड़का वर्ल्ड चैंपियन गैरी पर भारी पड़ रहा था। अंत में उस 13 साल के लड़के ने दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी के साथ मैच ड्रा करवा दिया। लेकिन, क्या आप जानते हो ये 13 साल का बच्चा कौन था? जी हां ये थे मैग्नस कार्लसन। जिन्होंने 13 साल की उम्र में वर्ल्ड चैंपियन की नाक में दम कर दिया था। 

 

इतना ही नहीं, इन्होने 22 साल की उम्र में भारतीय शतरंज दिग्गज विश्वनाथन आनंद को हरा कर सुर्खियां बटोरीं थीं। और इसके बाद मैग्नस दुनिया की सतरंज के ग्रैंडमास्टर बन गए। आज मैग्नस 30 साल के हैं और दुनिया के नंबर एक शतरंज खिलाड़ी हैं। जिन्हे आज 16 साल के भारतीय लड़के ने हरा दिया।