मामूली तनखा पाने बाला सेल्समैन निकला करोड़ों का मालिक, चार मकान, 47 बीघा जमीन, बैंक खातों में लाखों...!

मध्य प्रदेश के देवास जिले में एक बड़ा हेरा फेरी करने बाला सेल्समैन EOW के हाँथ लगा। 29 साल की सोसाइटी की नौकरी में सेल्समैन ने महज 18 लाख रुपए वेतन पाया लेकिन अभी उसके पास करोड़ों रुपए की अचल संपत्ति के साथ सोने चांदी के जेवर और लाखों रुपए का बैंक बैलेंस मिला है। क्या है पूरा मामला? आइये आपको समझाते है।
18 हजार रुपये सैलरी, 3 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति!
मध्य प्रदेश के देवास जिले में महज 8 हजार रुपये वेतन पाने वाला सहकारी समिति का सेल्समैन करोड़ों रुपये की संपत्ति का मालिक निकला। इसका पता तब चला जब आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो की छापामार कार्रवाई हुई। EOW जैसे-जैसे कार्रवाई करती गई, वैसे-वैसे उसकी काली कमाई की सच्चाई खुलती गई। इससे EOW के अधिकारी भी हैरान थे।

डीएसपी कैथवास के मुताबिक साल 1993 में सेल्समैन के पद पर गोविंद बागवान पदस्थ हुए थे। इसके बाद वे 1 साल तक प्रबंधक भी रहे, फिर उन्हें सेल्समैन बना दिया गया। जब वे भर्ती हुए थे तब उन्हें 500 रुपये प्रतिमाह वेतन मिलता था जो धीरे-धीरे बढ़ते हुए 18000 रुपये तक पहुंच गया। उन्होंने 29 साल की नौकरी के कार्यकाल में सरकार से 18 लाख रुपए वेतन पाया है।
47 बीघा जमीन निकली
लेकिन, जब सेल्समैन गोविंद बागवान के तीन मकानों पर छापामार कार्रवाई की गई तो, घर से सोने चांदी के जेवरात, एक ट्रेक्टर, बैंक खाते, एलआईसी के दस्तावेज, 47 बीघा जमीन और डोकाकुई गांव में चार मकानों का पता चला। कार्रवाई के दौरान सेल्समैन के पास 3 करोड़ 48 लाख 6 हजार 685 रुपए की संपत्ति निकली।

इस दौरान वहां से मकानों के दस्तावेज के अलावा एक गोदाम के दस्तावेज मिले हैं। इसके अतिरिक्त दो मोटरसाइकिल, बहनोई के इलाज में 5,00,000 खर्च किए जाने के दस्तावेज भी मिले हैं। मकान से 52 बीघा जमीन के दस्तावेज मिले हैं, जिनमें से अधिकांश जमीन साल 2020 में खरीदी गई है। पटवारी के अनुसार, इस जमीन की कीमत लगभग 8-10 करोड़ रूपए है।

EOW का ये छापा डीएसपी अजय कैथवास के नेतृत्व में मारा गया। उन्होंने बताया कि गोविंद ने जमीन को कुछ साल पहले ही खरीदा है। उस वक्त इस जमीन की कीमत करीब 25 लाख रुपये प्रति बीघा थी। कैथवास के मुताबिक, गोविंद ने अपने दोनों बेटों के दस्तावेजों में भी हेरा-फेरी कर रखी है।
आरोपी के चार आलीशान मकान

वहीं, छापेमारी के दौरान ईओडब्ल्यू की टीम को चार मकान के बारे में जानकारी मिली है। चारों मकान की कीमत लाखों में है। इसे काफी आलीशान तरीके से बनाया गया है। जांच टीम इस बात से हैरान है कि 18 हजार की सैलरी में गोविंद बागवान ने ये सब कुछ कैसे बनाया है।
भाई को बना दिया अपने बेटों का पिता!

EOW का ये छापा डीएसपी अजय कैथवास के नेतृत्व में मारा गया। उन्होंने बताया कि गोविंद ने अपने दोनों बेटों के दस्तावेजों में भी हेरा-फेरी कर रखी है। उसने अपने बेटे अरविंद और प्रवीण के आधार कार्ड और पैन कार्ड में उसके नाम के स्थान पर बड़े भाई कैलाश बगवान नाम लिखवा दिया। ताकि उसकी बेनामी संपत्ति पर आंच ना आए। मगर भ्रष्ट कर्मचारी की सारी चालाकी पकड़ी गई है।
आरोपी पहले भी जेल जा चुका है!
बताया जा रहा है कि वह पूर्व में भी किसानों के नाम पर फर्जी लोन/ऋण बताकर उनके लोन माफ करवाने के नाम पर गरीब किसानों के रुपए हड़प चुका है। इस मामले में कन्नौद पुलिस थाने में आरोपी गोविंद बागवान के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हुई थी। गोविंद बागवान इसे लेकर जेल भी जा चुका है।