नवजात बच्ची को कटीली झाड़ियों में फेंक गया कोई, डॉक्टर्स ने लौटाई मुस्कान...नाम दिया परी!

 | 
doctors save orphan new born baby girl life all happy

राजस्थान के चूरू जिले की सरदारशहर तहसील के गांव पुनूसर में 13 अगस्त की सुबह कंटीली झाड़ियों में एक नवजात बच्ची लावारिस हालत में मिली थी। जिसे मासूम को शाम करीब 5 बजे चूरू के मातृ शिुशु अस्पताल के नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई (नीकू) वार्ड में भर्ती किया गया। 

जहां मौजूद डॉक्टर्स की टीम ने उसका इलाज किया। नीकू वार्ड में मौजूद डॉक्टरों की टीम अब बालिका की देखरेख कर रही है। नर्सिंग स्टाफ की टीम ने बालिका को परी नाम दिया है। क्या है इस बावजात की पूरी कहानी? चलिए हम आपको बताते है। 

नवजात को झाड़ियों में फेंका, चींटियों ने काटा!

आपकी जानकारी के लिए बता दे, राजस्थान के चूर के सरदारशहर से शनिवार को दिल दहला देने वाला मामला सामने आया था। यंहा कोई एक नवाजत बच्ची को कांटों में फेंक गया, जिसके बाद बच्ची बुरी तरह झुलस गई। नवजात 12 घंटे तक कांटो में फंसी रही और उसे चींटियां काटती रहीं। जिससे उसके शरीर घाव भी हो गए थे। उसके रोने की आवाज सुनकर पहुंचे लोगों ने कांटों के बीच फंसी बच्ची को बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचा। 

bacchi 1
Image Source: news18India

दरअसल, मामला सरदार शहर के पूनुसर गांव का है। यहां रहने वाले ओमप्रकाश जाट अैर राजू सिंह सुबह खेत पर जा रहे थे। इस दौरान उन्हें बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी, आसपास देखा तो कोई नजर नहीं आया। आवाज का पीछा करते हुए वह कांटों की झाड़ियों के पास पहुंचे तो उन्होंने देखा कि वहं एक नवजात बच्ची पड़ी हुई है। उसके शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था, चींटियां काट रहीं थीं। कांटों और चींटियों के काटने की वजह से शरीर पर जगह-जगह हुए घाव से खून निकल रहा था। 

इसके बाद दोनों ने आनन-फानन में तत्काल बच्ची झाड़ियों से बाहर निकाल और फिर दूध पिलाया। इसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया। जंहा नवजात बालिका को फिडिंग करवाई गई, और उसका उपचार सुरु किया गया। नीकू वार्ड के चिकित्सकों ने बताया कि फिलहाल नवजात बालिका स्वस्थ है। उन्होंने बताया कि नवजात का वजन करीब दो किलो आठ सौ ग्राम है। 

अस्पताल स्टाफ ने बच्ची को नाम दिया परी!

ना जाने किस बेदरदी माँ-बाप ने बच्ची को मरने के लिए झाड़ियों में फेंक तो दिया, लेकिन बच्चियों के लिए देवदूत बनकर पहुँच गए ओमप्रकाश जाट अैर राजू सिंह। जिन्होंने बच्ची को सकुशल झाड़ियों से निकाल समय पर अस्पताल पंहुचाया और उसकी जान बचा ली। 

bacchi
Image Source: Bhaskar

अस्पताल प्रभारी शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ चंद्रभान जांगिड़ ने बच्ची का उपचार किया।  और अस्पताल स्टाफ ने बच्ची को नहलाया और बच्ची के शरीर को पूरी तरह से साफ किया गया। डॉ. चंद्रभान जांगिड़ का कहना है कि बच्ची का पिछले 12 घंटे के अंदर जन्म हुआ है। खुले में रहने के कारण से वह अस्वस्थ हो चुकी है, बच्ची का एसएनसीयू वार्ड में उपचार जारी है। 

परी के आने से चेहरे पर आई मुस्कान!

र्सिग ऑफिसर सुनीता पूनिया ने बताया कि 13 अगस्त को जिस हालत में नवजात मिली थी उसकी स्थिति ठीक नहीं थी। अब नवजात बेहतर स्थिति में है। बुधवार दोपहर मातृ शिशु अस्पताल के नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई वार्ड में नवजात को लाया गया तो वार्ड मे मौजूद नर्सिंग और डॉक्टर स्टाफ के चेहरे पर मुस्कान आ गई। नवजात की देखभाल के लिए अतिरिक्त स्टाफ लगाया गया है। 

bacchi
Image Source: Zee News

नवजात को एमसीएच में भर्ती करने व हेल्थ चैकअप के बाद चाइल्ड हेल्प लाइन की टीम को सूचना कर दी गई है। वंही नर्सिंग स्टाफ ने नवजात को परी नाम से बुलाते हुए उसे खिलाने लगी। दूसरी ओर नर्सिंग स्टाफ ने उसके साथ सेल्फी भी ली।