परिवार में '7 पीढ़ियों' के बाद हुआ बेटी का जन्म, डॉक्टर माता-पिता ने चांद पर गिफ्ट की ज़मीन!

बेटियां अब बोझ नहीं, बल्कि अभिमान हैं, बेटियां खुशियों का भंडार हैं। इस बात को सिद्ध कर दिखाया है मधुबनी जिले के रहने वाले एक डांक्टर दंपति ने। दरअसल, डॉक्टर माता-पिता ने अपनी चाँद सी बेटी के जन्मदिन पर तोहफे के रूप में उसे चांद पर जमीन खरीद कर दिया है। क्या है पूरा मामला? आइये जानते है।
खानदान में पहली बेटी ने लिया जन्म
मधुबनी के झंझारपुर के एक डॉक्टर दंपती डॉ. सुरविंदर कुमार झा और डॉ. सुधा झा ने अपनी बेटी आस्था भारद्वाज के लिए अनोखा गिफ्ट दिया है। दस साल की आस्था अभी पांचवीं कक्षा में पढ़ रही है। वंही आस्था अपने खानदान की पहली बेटी है। यह तोहफा उन्होंने उसके 10वें जन्मदिन पर दिया। इस मसले पर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. सुरविदंर ने बताया:-
'हमारे खानदान में कई पीढ़ियों के बाद बेटी ने जन्म लिया। बेटी का चेहरा चांद की तरह था। उसके लिए चांद पर जमीन से कम क्या गिफ्ट होगा? 1.5 साल की कड़ी मशक्कत के बाद जनवरी 2022 में अमेरिका की लूना सोसायटी इंटरनेशनल ने डॉक्युमेंट्स भेजे।'
डॉ. सुरविंदर झा ने बताया कि जम्मू के कटरा में माता वैष्णो देवी के दरबार में 25 फरवरी 2022 को ही बेटी को सर्टिफिकेट सौंपा। बता दें कि दोनों डॉ. दंपती झंझारपुर आरएस क्षेत्र के नगर पंचायत में एक निजी नर्सिंग होम में कार्यरत हैं।
सुरविन्दु ने कहा कि बेटियां किसी भी खानदान की मान और सम्मान होती हैं, लेकिन उनके खानदान में करीब सात पीढ़ियों से बेटियों की किलकारी और हंसी नहीं गूंजी थी, इसलिए जब उनके घर में आस्था का जन्म हुआ तो परिवार काफी खुश है। इसलिए इस खुशी को खास बनाने के लिए हमने अपनी बेटी को चांद पर जमीन खरीदकर गिफ्ट किया है।
प्रक्रिया पूरी करने में लग गए डेढ़ साल
डॉक्टर सुरविन्दु झा के मुताबिक बेटी के लिए चांद पर जमीन खरीदने की प्रक्रिया पूरी होने में करीब डेढ़ वर्ष का वक्त लगा। प्रक्रिया को लेकर उन्होंने बताया कि लगभग 1.5 साल पहले इसके लिए लूना सोसायटी को ई-मेल कर संपर्क साधा। इसके बाद खुद का और बेटी का पासपोर्ट बनवाकर वेरिफाई करवाया। वेरिफिकेशन के बाद एंबेसी से संपर्क साधा।

इसके बाद प्लॉट मिलने का कंफर्मेशन वाला मेल आया. इसमें बताया गया कि जमीन का लैटीट्यूड 23°34'8" उत्तर x लोंगीटुड 7°57'50" पश्चिम "सी ऑफ क्लाउड्स" में चांद पर जमीन बेटी के नाम होने का जिक्र था। इसके बाद पेमेंट किया और कूरियर के माध्यम से जो डॉक्युमेंट्स आए थे उन पर बेटी का साइन कराकर फैक्स कर दिया।
माता वैष्णो के दरबार में बेटी को सौंपे कागजात

डॉ. झा ने बताया कि जम्मू के कटरा में माता रानी के दरबार में 25 फरवरी 2022 को बेटी को सर्टिफिकेट सौंपा। साथ ही बताया कि अमेरिका के लूना सोसायटी ने कई डॉक्युमेंट्स भेजे हैं। उनमें बेटी के लिए चांद पर जाने का एयर टिकट भी मौजूद है। साथ ही माता-पिता की ओर से मिले गिफ्ट का एक पोस्टकार्ड भी है।