UPSC पास करने की खबर पर बंट गई मिठाइयां...मन गया जश्न, लेकिन सच खुला तो झेलनी पड़ी शर्मिंदगी!

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) का रिजल्ट हाल ही में जारी हुआ। जिसमे कई छात्र-छात्राओं ने बाजी मारी। जिनका रिजल्ट पास हुआ उनके घर खुशियां मनी लेकिन जो फेल हुए बह आगे की तयारी में जुट गए। इनसबके बीच एक परिवार ऐसा भी नजर आया जो रिजल्ट देखने की हड़बड़ाहट में ग़लतफ़हमी का शिकार हो गया और बिटिया के पास होने की ख़ुशी में मिठाइयां बाँट दी, लेकिन जब असलियत पता चली पैरो तले जमीन खिसक गई। क्या है पूरा मामला? आइये हम आपको बताते है।
दक्षिण भारत की छात्रा हुई पास, लेकिन रामगढ़ में बधाइयां!
सिविल सेवा परीक्षा का रिजल्ट घोसित होने के बाद, झारखंड के रामगढ़ जिले के रजरप्पा की रहने वाली दिव्या पांडे के परिवार में ख़ुशी का माहौल छा गया। दावा किया गया कि दिव्या पांडेय को ऑल इंडिया 323वीं रैंक प्राप्त हुई है। जिसके बाद तो अडोसी-पड़ोसी, नाते-रिस्तेदार सब दिव्या को बधाइयां देने की होड़ में जुट गए। खबर फैलती गई, और बधाइयों का तांता लगता गया।

यंहा तक कि जिला प्रशासन और सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (CCL) रजरप्पा के जीएम, रामगढ़ जिले की कमिश्नर माधवी मिश्रा सहित कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने दिव्या पांडे को बधाइयां दे डाली। सीसीएल के अधिकारियों ने तो दिव्या और उनके पिता को को भी सम्मानित किया, क्योंकि वह सीसीएल में क्रेन ऑपरेटर हैं।

उधर, दिव्या पांडे के यूपीएससी पास करने की खबर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से लेकर प्रिंट मीडिया में सुर्खिया बन गई, जबकि इसकी हकीकत कुछ और ही निकली। दरअसल, यूपीएससी में 323वीं रैंक लानी वाली दिव्या पांडेय नहीं है, बल्कि वह तमिलनाडु की रहने वाली दिव्या पी (Divya P) हैं। बोले तो, नाम और उपनाम की गलतीफहमी पैदा हुई और दक्षिण भारत की छात्रा हुई पास, लेकिन रामगढ़ में बधाइयां बंट गई।
परिवार ने मांगी माफ़ी!
अब जब मामले का खुलासा हो गया तो दिव्या और उनके परिवार को सर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। इसी के साथ, परिवार ने सिविल सेवा परीक्षा पास करने के संबंध में गलत जानकारी देने के लिए शुक्रवार को जिला प्रशासन और सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (CCL) से माफी मांगी है। इसके अलावा परिवार ने मीडिया से भी माफी मांगी और कहा कि यह 'अनजाने में हुई गलती' है।

दिव्या पांडे की ओर से माफी मांगते हुए उनके परिवार के सदस्यों और पड़ोसियों ने कहा कि वास्तव में दक्षिण भारत की दिव्या पी परीक्षा में सफल हुई थीं। असल में दिव्या पी की UPSC रिजल्ट में 323वीं रैंक आई है।
दोस्त के फोन से हुई गलतफहमी!
दिव्या पांडे की बड़ी बहन प्रियदर्शनी पांडे ने कहा कि उनकी बहन को उत्तर प्रदेश में उनके दोस्त ने सूचित किया था कि उन्होंने यूपीएससी में 323वां रैंक हासिल किया है। जिसके बाद हमने ऑनलाइन रिजल्ट चेक करने की कोसिस की लेकिन उस दौरान इंटरनेट काम नहीं कर रहा था। इसलिए दोस्तों की ही बात पर विश्वास कर लिया। यह अनजाने में हुई गलती थी। ऐसा जान-बूझकर करना दिव्या व उसके परिवार का कोई उद्देश्य नहीं था।

परिवार के सदस्यों ने दावा किया कि फर्जी खबर फैलाने या झूठे दावे करने का उनका कोई इरादा नहीं था। पिता जेपी पांडेय ने मीडिया को बताया कि मेरी बेटी का चयन नहीं हुआ था। दरअसल दिव्या पी नाम की दूसरी छात्रा का चयन हुआ था। इसे दिव्या पांडे का परिणाम मान लिया गया। जो एक ग़लतफ़हमी थी।
असल परिणाम से दिव्या हुई मायूस!
दिव्या पांडे सीसीएल रजरप्पा के रिटायर्ड क्रेन ऑपरेटर जगदीश पांडे की सुपुत्री है। दिव्या पांडे ने आईएएस बनने के लिए यूपीएससी की तैयारी की थी। और बह इस बार बिना किसी कोचिंग के यूपीएससी परीक्षा में शामिल हुई थीं। आपको बता दे, दिव्या पांडे दो बहन ओर एक भाई में सबसे छोटी है।

अब यूपीएससी रिजल्ट के परिणाम से दिव्या के परिवारवाले एक ओर जहां हताश और निराश हैं, तो वहीं दूसरी ओर दिव्या भी मायूस हो गई हैं। दिव्या के माता पिता के कहा, हम लोगों से बहुत बड़ी गलती हो गई, जिसके कारण समाज में आज शर्मिंदगी उठानी पड़ रही है। इस त्रुटि के लिए हमलोग क्षमाप्रार्थी हैं।