शख्स ने दौड़ाए दिमाग के घोड़े और बना डाला मच्छर भगाने का नायाब जुगाड़, वीडियो वायरल!

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गांवों में मच्छर, मक्खी इंसानों को ही नहीं, जानवरों को भी परेशान करते हैं। पूंछ से उन्हें इतना हांकना पड़ता है कि उनका चारा खाने से ध्यान हट जाता है। ऐसे में जानवरों (Animals) को इनसे बचाने के लिए गांव के लोग नीम के धुएं का इस्तेमाल करते हैं, जाहिर सी बात है इससे मच्छर भाग तो जाते है लेकिन ज्यादा देर के लिए नहीं। ऐसे में एक जुगाड़ू शख्स से मच्छर भगाने का ऐसा जुगाड़ निकाला, जो देखते ही देखते सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो गया। क्या है पूरा मामला? चलिए हम आपको बताते भी है और वीडियो में दिखा भी देते है। 

गाय-भैंस के पास धुआं करने का 'पंखा बाण'

दरअसल, आईएएस अधिकारी अवनीश शरण अक्सर ट्विटर पर मजेदार वीडियोज (amazing videos) पोस्ट करते रहते हैं। हाल ही में उन्होंने एक वीडियो शेयर किया है जो लोगों को बहुत पसंद आ रहा है। सीनियर आईएएस अधिकारी अवनीश शरण ने इसे शेयर करते हुए लिखा, "इनोवेशेन में हमारा कोई मुकाबला नहीं।"

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दरअसल, 30 सेकेंड के वायरल वीडियो में एक दालान में गाय, भैंसें बंधी दिखाई देती हैं। उन्हें नीम की पत्ती का धुआं दिया जा रहा है। लेकिन धुआं देने का या कहिए धुआं फेंकने का तरीका अलग है। नीम का धुआं हर जानवर तक पहुंचे, इसके लिए बगल में बिजली से चलने वाला पंखा लगाया गया है। पंखा जैसे-जैसे दाएं-बाएं घूम रहा है, धुआं भी कोने-कोने में पहुंचता जा रहा है।


इस वीडियो को देखकर हर कोई इस देसी जुगाड़ (Desi Jugaad) का फैन बन गया है। पहले आप भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो (Viral Video को जरूर देखें। जिसमेदिखाया गया है कि कैसे कम संसाधन में भी आप दिमाग लगाकर प्रोडक्टिव चीजें कर सकते हैं। 

वीडियो पर लोगों ने दी प्रतिक्रिया!

इस वीडियो को 1 लाख से ज्यादा व्यूज मिल चुके हैं जबकि कई लोगों ने कमेंट कर अपनी प्रतिक्रिया दी है। एक ने कहा कि आइडिया तो बहुत अच्छा है पर क्या गायों को सीधे मुंह पर इतना धुआं लगना अच्छा लग रहा होगा? एक यूजर ने चिंता जताई कि आइडिया तो शानदार है लेकिन क्या गाय और भैंसों को आनंद आ रहा है? या ऑक्सीजन की कमी हो रही होगी।

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इस पर दीपक धाकड़ नाम के शख्स ने लिखा, 'नहीं इससे कोई तकलीफ नहीं होती है। मच्छर और कीड़ों से जानवरों को बचाने के लिए गांवों में यह प्रथा आम है।' चिरंजीवी जैन लिखते हैं- भारतीय जनमानस बहुत क्रिएटिव है। डीके सिंघल एक कदम आगे जाकर पूछते हैं- इसका पेटेंट नहीं लिया जा सकता है क्या?