सिविल इंजीनियरिंग करने के बाद अब जूता सिलने को मजबूर है ये लड़का! बताई अपनी ये मजबूरी!

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देशभर में इन दिनों बेरोजगारी का आलम किस कदर है, इसका अंदाजा आप तमिलनाडु के शिवगंगा जिले के रहने बाले कार्तिक ए को देखकर लगा सकते है। जो अपनी पढ़ाई-लिखाई से तो सिविल इंजीनियरिंग कर चुके है लेकिन काम-धंधे के नाम पर बह जूते-सिलने का काम करने को मजबूर है। क्या है कार्तिक के संघर्ष की पूरी कहानी? आइये हम आपको बताते है। 

सिविल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन कर चुके हैं कार्तिक ए!

हर कोई उच्च शिक्षा इस उम्मीद के साथ हासिल करता है कि वह समाज में सम्मानपूर्वक जी सके और एक बेहतर जीवन व्यतीत कर सके। लेकिन लेकिन क्या हो जब आप इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करें, लेकिन इसके बाद आपको सिर्फ 4-5 हजार रुपए बतौर सैलरी मिले और मजबूर होकर आपको मोची का काम करना पड़े। जी हां, ऐसा ही हैरान करने बाला मामला तमिलनाडु के शिवगंगा जिले में सामने आया है।

 

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Image Source: ANI News

यहां कार्तिक ए जूते सिलने का व्यवसाय करते हैं। हालांकि, आपको यह जान कर आश्चचर्य होगा कि उनके पास में सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री है। जी हां, उन्होंने इंजीनियरिंग की और ग्रैजुएशन की डिग्री हासिल कर ली। सभी को इस बात से हैरानी हो रही है कि इतना पढ़ा लिखा शख्स कहीं अच्छी जगह नौकरी करने के बजाय जूते सिलने का काम क्यों कर रहा है?

कार्तिक ए ने जूते सिलने का काम क्यों चुना?

सिविल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन कर चुके कार्तिक ए नौकरी करने की जगह जूते सिलते हैं। जब इस लड़के से पूछा गया कि तुम ऐसा क्यों करते हो तो उसने बताया कि सिविल इंजीनियरिंग करने के बाद  मुजब वह नौकरी की तलाश में निकले तो उन्हें केवल 4 से 5 हजार रुपए की नौकरी मिली, जिससे मेरा गुजारा मुश्किल था। 


लिहाजा मुझे नौकरी छोड़नी पड़ी और अपने पिता के पुराने व्यवसाय को अपनाना पड़ा। कार्तिक अब नौकरी छोड़कर पिता के जूते बनाने के काम को करने के लिए मजबूर हैं। अगर सरकार मुझे नौकरी देती है तो इससे मुझे काफी मदद मिलेगी।

सरकारी नौकरी की मांग!

कार्तिक ए की इच्छा है कि उन्हें सरकारी नौकरी मिले। उनका कहना है कि सरकार अगर उन्हें सरकारी नौकरी देती है तो इससे उन्हें राहत और सम्मानपूर्ण जीवन जीने का मौका मिलेगा। 

सोशल मीडिया पर आये ऐसे रिएक्शन!

न्यूज एजेंसी एएनआई ने जब से कार्तिक की इस स्टोरी को ट्विटर पर शेयर किया है, तब ये ट्विटर यूजर्स के कमेंट्स की बाढ़ आ गई है। कार्तिक ए की हालत पर मिली-जुली प्रतिक्रिया आ रही है। कई लोग इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सैलरी न होने की बात कर रहे हैं। वहीं कुछ लोग कह रहे हैं कि केवल पढ़ाई करना काफी नहीं होता है।

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कार्तिक की हालात पर एक ट्विटर यूजर ने लिखा, "यही तो हमारे देश की सबसे बड़ी विडंबना है कि एक इंजीनियर को 4-5 हजार रुपए की नौकरी मिल रही है। इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या हो सकता है।" वंही दूसरे यूजर ने लिखा, 'यही काम आगे चलकर अग्निवीर भी करेंगे।'