शौक बड़ी चीज: 70 हजार की स्कूटी के लिए खरीदी 15 लाख की VIP नंबर प्लेट!

कहते हैं शौक़ बड़ी चीज होती है, फिर चाहे घर की बात हो या फिर गाडी की हर कोई रखना VIP ही चाहता है। मगर बात जब गाडी के नंबर की आती है तो भी लोग VIP स्टेटस दिखाने से बाज नहीं आते... फिर चाहें इसके लिए आपको मोटी रकम ही क्यों ना चुकानी पड़ जाए।
ऐसा ही एक मामला इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हुआ पड़ा है। जिसमे एक शख्स ने अपनी 71,000 रुपए की एक्टिवा के लिए वीआईपी नंबर खरीदने के लिए 15 लाख रुपए खर्च किए। तो आइये जानते है पूरा माजरा क्या है?
स्कूटी के लिए 15 लाख 44 हजार का VIP नंबर!
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मामला चंडीगढ़ का बताया जा रहा है। यंहा चंडीगढ़ के सेक्टर 23 के रहने वाले 42 वर्षीय बृज मोहन ने ने अपनी स्कूटी के लिए 15.44 लाख रुपए खर्च कर वीआईपी नंबर CH01-CJ-0001 खरीदा है। उन्होंने रजिस्टरिंग एंड लाइसेंसिंग अथॉरिटी (आरएलए) में आयोजित बोली के माध्यम से यह वीआईपी नंबर खरीदा है।

इस बाबत मोहन का कहना है कि मैंने पहली बार नंबर अप्लाई किया तो मुझे लगा एक वीआईपी नंबर होना चाहिए। मुझे शौक था कि मेरे पास चंडीगढ़ का 0001 नंबर हो। जिसके बाद बृज मोहन ने अपने बच्चे के कहने पर बोली में हिस्सा लिया और VIP नंबर अपने नाम करा लिया। उन्होंने कहा कि शौक की कोई कीमत नहीं होती।

बृज मोहन ने बताया कि वह एक गाड़ी खरीदने की योजना बना रहे हैं, जब गाड़ी ले लेंगे तो वो इस नंबर को ट्रांसफर करा लेंगे और इसका इस्तेमाल गाड़ी के लिए करेंगे। कारोबारी ने कहा कि उन्होंने यह नंबर अपने और बच्चों के शौक को पूरा करने के लिए लिया है।
VIP नंबर की बेस प्राइस
आपको बता दे, हाल ही में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने ऐलान किया था कि हरियाणा सरकार राज्य के लिए अतिरिक्त राजस्व उत्पन्न करने के लिए आम लोगों के लिए '0001' नंबर की नीलामी शुरू करेगी। चंडीगढ़ पंजीकरण और लाइसेंसिंग प्राधिकरण ने 378 फैंसी रजिस्ट्रेशन नंबर नीलामी में रखे थे और इससे 1.5 करोड़ रुपये इकट्ठा किए थे।

'CH01-CJ-0001' के लिए 5,00,00 रुपये के बेस प्राइस पर नीलामी के लिए रखा गया था और इसे 15.44 लाख रुपये में बेचा गया। अब तक की सर्वाधिक बोली साल 2012 में 0001 नंबर के लिए लगी है, जिसे सेक्टर 44 निवासी ने CH-01-AP सीरीज से 26.05 लाख रुपए में खरीदा था। इस नंबर को उन्होंने अपनी एस क्लास मर्सिडीज पर इस्तेमाल किया था जिसकी कीमत नंबर से चार गुना अधिक थी।