नहीं रहे टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री, मुंबई के पास सड़क हादसे में गई जान!

 | 
cyrus mistry

टाटा संस के पूर्व चेयरमैन और बिजनेसमैन साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) का एक कार दुर्घटना में निधन (Cyrus Mistry Death) हो गया है। खबर है कि  साइरस मिस्त्री और चार अन्य लोग पालघर की ओर जा रहे थे, तभी उनकी कार दुर्घटना का शिकार हो गई। जिसमे 2 लोगो की मौके पर मौत होना बताया जा रहा है, जिसमे एक साइरस मिस्त्री भी शामिल है। 

एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि टाटा संस के पूर्व अध्यक्ष साइरस मिस्त्री की रविवार को एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई, जब उनकी कार महाराष्ट्र के पालघर जिले में एक डिवाइडर से टकरा गई। उन्होंने बताया कि हादसा दोपहर करीब 3.15 बजे हुआ जब मिस्त्री मर्सिडीज कार में अहमदाबाद से मुंबई जा रहे थे। घटना सूर्या नदी पर बने पुल की है। 


कार चालक समेत उनके साथ यात्रा कर रहे अन्य दो लोग घायल हो गए। सभी घायलों को गुजरात के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बाला साहेब पाटिल (डीसीपी, ठाणे) ने बताया कि यह एक सामान्य सड़क हादसा ही नजर आ रहा है।  उनकी कार डिवाइडर से टकराई थी। हादसा इतना भीषण था कि गाड़ी के भी परखच्चे उड़ गए। मिस्त्री के साथ कार में मौजूद एक और व्यक्ति की मौत हुई है। 

इसी साल जून में पिता का निधन हुआ था


इसी साल 28 जून को साइरस के पिता और बिजनेस टाइकून पालोनजी मिस्त्री (93) का निधन हुआ था। साइरस और उनके पिता के निधन के बाद उनके परिवार में उनकी मां पाट्सी पेरिन डुबास, शापूर मिस्त्री के अलावा दो बहनें लैला मिस्त्री और अलू मिस्त्री रह गई हैं।

टाटा ग्रुप के छठे ग्रुप चेयरमैन थे साइरस


आपको बता दे, दिसंबर 2012 को रतन टाटा ने टाटा सन्स के चेयरमैन पद से रिटायरमेंट ले लिया था। उसके बाद सायरस मिस्त्री को टाटा सन्स का चेयरमैन बनाया गया। मिस्त्री टाटा सन्स के सबसे युवा चेयरमैन थे। मिस्त्री परिवार की टाटा सन्स में 18.4% की हिस्सेदारी है। वो टाटा ट्रस्ट के बाद टाटा सन्स में दूसरे बड़े शेयर होल्डर्स हैं।

मुंबई में जन्मे, लंदन से की मैनेजमेंट की पढ़ाई!

54 वर्षीय साइरस मिस्‍त्री भारतीय मूल के सबसे सफल और ताकतवर कारोबारियों में से एक पलोनजी शापूरजी मिस्‍त्री के बेटे थे। साइरस मिस्‍त्री का जन्म आयरलैंड में हुआ था। उन्होंने लंदन बिजनेस स्कूल से पढ़ाई की थी। साइरस ने परिवार के पलोनजी ग्रुप में 1991 में काम करना शुरू किया था। 


उन्हें 1994 में शापूरजी पालोनजी ग्रुप का डायरेक्टर नियुक्त किया गया। उनके नेतृत्व में कंपनी ने भारत का सबसे ऊंचा रेसिडेंशियल टावर, सबसे लंबा रेलवे पुल और सबसे बड़े पोर्ट का निर्माण किया। पालोनजी ग्रुप का कारोबार कपड़े से लेकर रियल एस्टेट, हॉस्पिटेलिटी और बिजनेस ऑटोमेशन तक फैला हुआ है।