यूपी बालो के अच्छे दिन! ये अमेरिका या लंदन नहीं उत्तर प्रदेश का एक्सप्रेसवे है, देखिये तस्वीरें और वीडियो!

 | 
bundelkhand expressway

एक्सप्रेसवे हमेशा विकास के लिए बूस्टर डोज होते हैं। कनेक्टिविटी विकास को रफ्तार देते हैं। सड़कों को लेकर एक वाक्य खूब प्रचलित है, अमेरिका ने सड़कों को नहीं बनाया, सड़कों ने अमेरिका को बनाया। मतलब, अमेरिका में विकास की राह वहां की बेहतरीन रोड कनेक्टिविटी से होकर आगे बढ़ती गई। और अब रोड कनेक्टिविटी को बढ़ाने पर देश के साथ-साथ यूपी में खासा जोर दिया जा रहा है।

इस बीच दशकों से पिछड़ा बुंदेलखंड अब सीधे दिल्ली और लखनऊ से जुड़ने वाला है। क्यूंकि बुंदेलखंड को एक नया रोड "बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे" की सौगात मिल गई है। केंद्र में पीएम नरेंद्र मोदी और प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार आने के बाद से एक्सप्रेस पर तेजी से काम शुरू हुआ नतीजन कल यह एक्सप्रेसवे यूपी की जनता को समर्पित हो जायेगा। तो आइये जानते है, इस एक्सप्रेसवे की खाशियत और देखते है इसकी अलौकिक तस्वीरें। 

यूपी में योगी के विकास का एक्सप्रेसवे!

bundelkhand expressway
Image Source: ABP News

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पूरी तरह से योगी सरकार के कार्यकाल में घोषित और निर्मित एक्सप्रेसवे है। बुंदेलखंड को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए मार्च 2017 में सत्ता संभालने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने अप्रैल 2017 में एक्सप्रेसवे के निर्माण की घोषणा की थी। जिसके बाद, केंद्र में पीएम नरेंद्र मोदी और प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार के सहयोग से एक्सप्रेस पर तेजी से काम शुरू हुआ।

ऐसे पूरा हुआ निर्माण कार्य! 

अगस्त 2017 में आगरा लखनऊ-एक्सप्रेसवे से बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को कनेक्ट करने प्लान को लाया गया। डीपीआर तैयार करने के लिए रूट सर्वेक्षण का कार्य शुरू किया गया। फंड की कमी के कारण यूपी सरकार ने केंद्र सरकार से बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे बनाने का अनुरोध किया। साथ ही  यूपी सरकार ने भूमि अधिग्रहण के लिए 640 करोड़ रुपये जारी किए।


दिसंबर 2018 में भूमि अधिग्रहण का कार्य शुरू किया गया। भूमि अधिग्रहण को 2 महीने में पूरा करने की योजना के साथ 80 फीसदी आवश्यक भूमि के अधिग्रहण के बाद निर्माण कार्य शुरू करने की घोषणा की गई। फिर जुलाई 2019 में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के लिए 1,150 करोड़ रुपये का बजट बूस्टर दिया गया।

bundelkhand expressway
Image Source: @narendramodi

फिर आया अगस्त 2019 जब आवश्यक भूमि का 90 फीसदी अधिग्रहण पूरा कर लिया गया और निर्माण कार्य अक्टूबर 2019 में शुरू करने की तैयारी की गई। एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य को 6 पैकेज में बांटा गया। इसके निर्माण के लिए 4 प्राइवेट फर्म को शॉर्टलिस्ट किया गया।

29 फरवरी 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चित्रकूट में एक्सप्रेसवे की नींव रखी।  जिसके बाद 7 जिलों के 182 गांवों से होकर गुजरने वाले बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के निर्माण की शुरुआत हो गई। और अब जुलाई 2022 में एक्सप्रेसवे पूरी तरह बनकर तैयार हो गया, जिसको 16 जुलाई यानी कल पीएम मोदी यूपी की जनता को सौंप देंगे। 

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से क्या क्या फायदा होगा?

आपको बता दे, एक राज्य के विकास के लिए सबसे जरूरी होता है ब्यापार, और ब्यापार के लिए चाहिए होती है अच्छी सड़के। जिस पर ब्यापारियों की गाड़ियां बिना अवरोध के इधर से उधर दौड़भाग कर सामान पहुंचा सके। और इन सबसे फायदा होता है जनता को क्यूंकि कम लागत बाले ट्रांसपोर्ट से इम्पोर्ट एक्सपोर्ट हुई चीजे बाजार में बिकती है सस्ती। वंही जनता खुद को सीधे सीधे विकास से जुड़ा हुआ महसूस करती है। 

bundelkhand expressway
Image Source: @narendramodi

इसी तरह बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे विकास के साथ-साथ पर्यटन के भी मार्ग खोलेगा। 296 किलोमीटर लंबाई का बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे 7 जिलों को कवर करेगा। 4 लेन का बनाया गया है बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे जिस पर सरपट गाड़ियां इधर से उधर दौड़ेगी। 

जानकारों के अनुसार, बुंदेलखंड में मटर का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है। एक्सप्रेस-वे के जरिए फसल को समय से दूसरे शहरों में पहुंचाया जा सकेगा। झांसी और चित्रकूट जैसी जगहों पर पर्यटकों की संख्या में भी इजाफे का अनुमान लगाया जा रहा है।  

bundelkhand expressway
Image Source: @narendramodi

296 किलोमीटर की लंबाई में 4 रेलवे ओरवरब्रिज, 14 बड़े पुल, 286 छोटे पुल, 19 फ्लाईओवर और 224 अंडरपास बनाए गए हैं। इतनी दूरी में 6 टोल-प्लाजा मिलेंगे। 13 पॉइंट्स से एक्सप्रेस-वे पर चढ़ा-उतरा जा सकेगा। हाइवे पर यूपी पुलिस की सुरक्षा ब्यबस्था होगी। 4 जगहों पर पेट्रोल पंप और 4 जगहों पर जनसुविधाएं विकसित की जाएंगी।


वंही इस एक्सप्रेसवे पर पर्यावरण का खयाल रखते हुए 7 लाख पौधे रोपे जाएंगे, साथ ही बारिश के पानी के संचयन के लिए हर 500 मीटर पर पिट बनाए जा रहे हैं। लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके अलावा एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ पांच किलोमीटर की दूरी में आने वाले स्कूलों में 2-2 स्मार्ट क्लासेज भी बनाई गई हैं, ताकि बच्चे बदलते वक्त के साथ कदमताल कर सकें।

ट्रेन से पहले सड़क मार्ग से पहुंच सकेंगे चित्रकूट!

बुंदेलखंड के अंतिम छोर चित्रकूट (जहां से एक्सप्रेसवे शुरू हो रहा है) से दिल्ली की दूरी देखें तो अभी कोई सीधा रास्ता नहीं है। इसके चलते चित्रकूट से दिल्ली तक के सफर में 10 घंटे से अधिक का समय लगता है। अब बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे शुरू हो जाने से दिल्ली दूर नहीं रह जाएगी। 

bundelkhand expressway
Image Source: Social media

बुंदलेखंड एक्सप्रेस वे लोगों को दिल्ली सहित अन्य राज्यों से भी जोड़ेगा। इससे चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा आदि जिलों के लोग लाभान्वित होंगे। बुंदेलखंड के सीधा दिल्ली से जुड़ने का लाभ लोगों को मिलेगा और पिछड़ेपन के दाग से बुंदेलखंड भी मुक्त हो सकेगा।

उत्तर प्रदेश में कितने एक्सप्रेसवे?

  1. बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे : 296 किलोमीटर लंबा। 
  2. पूर्वांचल एक्सप्रेसवे : 340.8 किलोमीटर लंबा। 
  3. यमुना एक्सप्रेसवे : 165 किलोमीटर लंबा। 
  4. नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे : 25 किलोमीटर। 
  5. आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे : 302 किलोमीटर। 
  6. दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे : 96 किलोमीटर। 

कल पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन!


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दो साल पहले फरवरी में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का शिलान्यास किया था और अब कल 16 जुलाई को पीएम मोदी इसका उदघाटन कर एक्सप्रेसवे यूपी की जनता को सौंप देंगे।  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कार्यक्रम भव्य हो।