किसान भाइयों ने इकलौती बहन का भरा 71 लाख का मायरा, नोटों से बनी चुनरी ओढ़ाई...देखिये तस्वीरें!

भारतीय शादियों के रीति-रिवाज सभी को भी हमेशा से आकर्षित करते रहे हैं। शादी में निभाई जाने वाली ऐसी ही एक रस्म है मायरा यानी भात। यूं तो मायरा इंडियन वेडिंग कल्चर की एक सामान्य रस्म है, लेकिन राजस्थान के नागौर जिले का एक और मायरा (Mayra) चर्चा में है। क्यूंकि यंहा किसान भाई ने अपनी इकलौती बहन की बेटियों की शादी में 71 लाख का मायरा भरा है। क्या है पूरा माजरा? आइये आपको बताते है।
थाली में 51लाख कैश रखकर मायरा भरने पहुंचे मामा!
राजस्थान के नागौर जिले में किसान ने अपनी 2 भांजी की शादी में 71 लाख रुपये का मायरा भरा। किसान मामा थाली में नोट और जेवरात भरकर लाए तो सभी हैरान हो गए। भाइयों के इस प्यार को देखकर इकलौती बहन की आंखों में खुशी के आंसू आ गए। इतना ही नहीं भाइयों ने बहन को 500-500 रुपए के नोटों से सजी चुनरी भी ओढ़ाई।

इसके साथ ही भाइयों ने बहन को 51 लाख रुपये नकद, 25 तोला सोना और एक किलो चांदी के जेवर और अन्य सामान मायरे में भेंट किया। इन भाइयों ने अपनी भांजियों की शादी में बहन के यहां यह मायरा भरा था। भाइयों के इस प्यार को देख इकलौती बहन फूली नहीं समाई। भाइयों का प्यार देखकर वो प्रफुल्लित हो उठी।
30 साल से जमा कर रहे थे रूपये
लाडनूं की रहने वाली सीता देवी की दो बेटियों प्रियंका (27) और स्वाति (25) की मंगलवार को शादी थी। 5 भाइयों के बीच सीता देवी इकलौती बहन है। बड़े भाई रामनिवास की तीन साल पहले मौत हो गई थी। उनकी आखरी इच्छा थी कि बहन का मायरा जब भी भरा जाए तो पूरे इलाके में चर्चा हो, लेकिन देखिये इलाका क्या आज पुरे देश में इस मायरे की चर्चा हो रही है।

चारों भाई सुखदेव, मगनाराम, जगदीश, जेनाराम और भतीजा सहदेव रेवाड़ मायरा लेकर पहुंचे। रिश्तेदारों व पंच पटेल की मौजूदगी में मायरा भरा गया। मगनाराम ने बताया कि बड़े भाई की इच्छा के अनुसार 30 साल से रुपए जमा कर रहे थे। शुरू से परिवार की इच्छा थी कि दो भांजी का मायरा गाजे-बाजे के साथ भरा जाए।

इस पर चारों मामा थाली में 51 लाख 11 हजार रुपये, 25 तोला सोना और 1 किलो चांदी के जेवरात लेकर पहुंचे। इसके अलावा बहन के ससुराल वालों को भी सोने-चांदी के जेवर गिफ्ट के तौर पर दिए गए। नकदी के साथ सोने और चांदी की कीमत को जोड़कर यह मायरा करीब 71 लाख का भरा गया।
बहन की आंखों से आंसू आ गए!

बहन के ससुराल वालों को भी सोने-चांदी के जेवरात गिफ्ट के तौर पर दिए गए। इतना महंगा मायरा देखकर बहन की आंखों से आंसू आ गए। बता दें कि राजस्थान में बहन के बेटा-बेटी की शादी में ननिहाल पक्ष की ओर से मायरा लेकर पहुंचने की रस्म है, जिसे स्थानीय भाषा में बहन के भात भरना भी कहते हैं।
नागौर का मायरा देशभर में प्रसिद्ध!
बहनों के यहां मायरा भरने के लिए प्रसिद्ध नागौर में हर साल कोई ना कोई ऐसा मायरा भर देता है जिसकी चर्चा चारों और हो जाती है। वैसे तो मायरा नागौर जिले में परंपरा के साथ मान और सम्मान के रस्म की तौर पर प्रचलित है। मुगल शासन के दौरान के यहां के खिंयाला और जायल के जाटों द्वारा लिछमा गुजरी को अपनी बहन मान कर भरे गए मायरा को तो महिलाएं लोक गीतों में भी गाती हैं।

पिछले साल बोरों में रुपये भरकर लाये भाइयों ने मायरा भरा तो इस साल 51 लाख रुपये नकद और 25 तोला सोने का मायरा चर्चा में है। नागौर जिले में मायरे की परंपरा अनूठी रही है। हमेशा से ही ऐसे मायरे भरे जाते रहे हैं। लेकिन अब जमाना सोशल मीडिया का है तो ऐसे मायरों की चर्चा जल्द ही चारों तरफ फैल जाती है।