ब्रिटेन समेत 15 देशों की महारानी थीं एलिजाबेथ-II, 3 बार किया भारत का दौरा... देखिये तस्वीरें!

ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ II का निधन हो गया है। स्कॉटलैंड के ‘बाल्मोरल कैसल’ में 8 सितंबर को ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने अंतिम सांस ली। उन्होंने 6 फरवरी 1952 को ब्रिटेन का शासन संभाला था। 8 सितंबर को उनके निधन के बाद प्रोटोकॉल के मुताबिक अंतिम संस्कार की तैयारियां की जा रही हैं। क्वीन एलिजाबेथ का अंतिम संस्कार शाही परंपरा के मुताबिक, 10वें दिन यानी 19 सितंबर को किया जाएगा।
लेकिन इससे पहले स्कॉटलैंड के बाल्मोरल कैसल से उनका पार्थिव शरीर लंदन लाया जाएगा। और फिर अंतिम संस्कार से जुड़ी परंपराएं 12 दिन तक चलेंगी। इसके बाद वेस्टमिंस्टर ऐबे में उनका अंतिम संस्कार होगा। महारानी को पति प्रिंस फिलिप के बाजू में दफनाया जाएगा। तो चलिए आज हम आपको महारानी से जुड़े कुछ ऐसे किस्से बताते है, जिसे सायद ही आपने इससे पहले सुना होगा।
मात्र 25 साल की उम्र में बनी महारानी!

आपको बता दे, महारानी एलिजाबेथ II ने 6 फरवरी 1952 को पिता किंग जॉर्ज की मौत के बाद ब्रिटेन का शासन संभाला। तब उनकी उम्र सिर्फ 25 साल थी। तब से 70 साल तक उन्होंने शासन किया। उन्होंने 2 दिन पहले ब्रिटेन की 15वीं PM लिज ट्रस को शपथ दिलाई थी। वे ब्रिटेन के इतिहास में सबसे लंबे समय तक शासन करने वाली पहली महिला सम्राट हैं।
3 बार भारत आईं एलिजाबेथ-II
आपको बता दे, महारानी एलिजाबेथ-II तीन बार भारत आईं। 1961, 1983 और 1997 में वो भारत की शाही मेहमान बनी थीं। सबसे पहले 21 जनवरी 1961, महारानी एलिजाबेथ-II और प्रिंस फिलिप का पहला भारत दौरा। पूर्व राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद और पूर्व PM जवाहरलाल नेहरू पालम एयरपोर्ट पर अगवानी करने पहुंचे थे।

1961 में भारत के गणतंत्र दिवस की परेड के गवाह बने महारानी एलिजाबेथ-II और प्रिंस फिलिप। परेड के बाद तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद के साथ बग्घी में सवार होकर वापस लौटते हुए।

अपने पहले भारत दौरे पर आईं एलिजाबेथ-II काशी भी पहुंची थीं। उन्होंने काशी नरेश विभूति नारायण सिंह के साथ शाही हाथी की सवारी की थी। 1961 में एलिजाबेथ-II 6 हफ्ते के दौरे पर भारत आई थीं। इस दौरान उन्होंने ताजमहल का भी दीदार किया था। साथ में उनके पति प्रिंस फिलिप भी थे।

ब्रिटिश महारानी 1983 में कॉमनवेल्थ देशों की बैठक में हिस्सा लेने भारत के दौरे पर आई थीं। इस दौरान उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से भी मुलाकात की थी।

ब्रिटेन की महारानी भारत की आजादी के 50 साल पूरे होने पर 1997 में आखिरी बार भारत आई थीं। इस दौरान क्वीन को राष्ट्रपति भवन में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया था। 1997 में क्वीन एलिजाबेथ-II अमृतसर पहुंची थीं। वहां उन्होंने सिखों के सबसे पवित्र स्थल स्वर्ण मंदिर में माथा टेका था। और इसी दौरे के दौरान उन्होंने जलियांवाला बाग पहुंचकर शहीदों की श्रधांजलि भी दी थी।
15 देशों की महारानी थीं एलिजाबेथ-II
सबसे लंबे वक्त तक शासन करने वाली ब्रिटिश महारानी क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय सिर्फ ब्रिटेन ही नहीं, 14 अन्य आजाद देशों की भी महारानी थीं। ये सभी देश कभी न कभी ब्रिटिश हुकूमत के अधीन रहे थे। और अब महारानी की मृत्यु पश्चात नए राजा बने किंग चार्ल्स इन देशों के राजा होंगे।

जिन 15 देशो में क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय महारानी के तौर पर मानी जाती है, बह कुछ इस प्रकार है। एंटीगुआ और बरबुडा, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, बेलीज, बहामास, ग्रेनेडा, जमैका, सेंट किट्स, पापुआ न्यू गिनी, न्यूजीलैंड, सेंत लूसिया, सेंट विसेंट एंड ग्रेनाडाइन्स, तुवालू , सोलोमन दीप समूह।
कॉमनवेल्थ में होने के बावजूद 2021 में बारबाडोस ने भी भारत की तरह खुद को गणतंत्र घोषित कर दिया। इसके बाद से एंटीगुआ और बरमूडा, बहामास, जमैका और सेंट किट्स-नेविस भी गणतंत्र बनने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं।

इन देशों में महारानी या राजा की शक्तियां काफी हद तक प्रतीकात्मक होती हैं। ज्यादातर देशों में राजनीतिक फैसले एक चुनी हुई संसद द्वारा लिए जाते हैं और प्रधानमंत्री इन्हें लागू करता है। यानी महारानी देश की मुखिया तो होती हैं, लेकिन सरकार की मुखिया नहीं।