पिता बस चालक, मां ने बेचे गहने, बिटिया ने "दुनिया की सबसे ऊंची चोटी" पर तिरंगा लहरा दिया!

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baljit kaur

हिमाचल प्रदेश के सोलन के ममलीग गांव की बेटी बलजीत कौर ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा लहरा दिया है। साथ ही इससे आगे बढ़ते हुए बलजीत माउंट लाहोत्से पर विजय पताका लहराने से भी नहीं चुकीं। उन्होंने ये कीर्तिमान शनिवार 21 मई सुबह 4.30 बजे बनाया। बलजीत कौर ने इसका विडियो भी जी मीडिया के साथ शेयर किया है। 

एक माह में 8000 मीटर की 4 ऊंची चोटी फ़तेह!

आपको बता दे , इससे पहले 27 साल की बलजीत ने दो सप्ताह के भीतर 8,000 मीटर से ऊंची चार चोटियां धौलागिरी (8,167 मीटर), कंचनजंघा (8,586 मीटर), अन्नपूर्णा (8,091), माउंट एवरेस्ट (8,848 मीटर), माउंट लाहोत्से (8,516 मीटर) को अपने कदमों से नाप कर इतिहास बना दिया। आपको बता दे, बलजीत ने पिछले 25 दिनों में 48000 मीटर की चढ़ाई की है। 

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Image Source: Baljit Kaur (Social Media)

वह ऐसी पहली महिला भारतीय पर्वतारोही हैं जिसने 8,000 मीटर से ऊपर की चार पर्वत चोटियों को 24 दिनों में फतह करने का रिकॉर्ड बनाया है। बलजीत कौर ने बताया कि वो अभी बेस कैंप पहुंची है और अगले माह अपने घर वापिस आयेगी। 

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Image Source: Baljit Kaur (Social Media)

आपको बता दें, साल 2016 में भी बलजीत कौर माउंट एवरेस्ट मिशन में शामिल हुई थीं, लेकिन उस दौरान ऑक्सीजन मास्क खराब होने की वजह से लौटना पड़ गया था। उस दौरान 8848.86 मीटर उंची माउंट एवरेस्ट को पूरा करने में मात्र 300 मीटर की दूरी बची रह गई थी, लेकिन बलजीत कौर ने फिर भी अपना हौंसला नहीं छोड़ा। और आज नतीजा सबके सामने है। 

सपने पूरे करने के लिए मां ने बेच दिए गहने!

बलजीत कौर सोलन जिला के कुनिहार से हैं। यंहा उनके पिता हिमाचल सड़क परिवहन निगम में एक बस चालक के रूप में काम करते थे। वंही माँ उनकी ग्रहणी है। बेटी की विजय पताका की खबर जब उनकी माँ को हुई तो बह अपने आंसू नहीं रोक पाई। ख़ुशी के मारे अपनी जगह से उछल पड़ी। आपको बता दे, बलजीत की कामयावी के पीछे उनकी माँ के कठिन परिश्रम और तपस्या भी शामिल है। 

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Image Source: Baljit Kaur (Social Media)

जिन्होंने बेटी के सपने पूरे करने के लिए अपने गहने तक बेच दिए थे। इस बारे में बलजीत की माँ बात करते हुए कहती है कि बलजीत ने 6 साल की कड़ी मेहनत के बाद यह मुकाम हासिल किया है। हमें भी उसके सपनों को साकार करने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा। क्योंकि मेरे पति रिटायर्ड हो चुके थे।  

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Image Source: Baljit Kaur (Social Media)

साल 2019 में जब बलजीत माउंट त्रिशूल को फ़तेह करने की योजना बनाई, तो मुझे अपने गहने बेचने पड़े थे। और जब भी पैसे कम पड़े तो क्राउड फंडिग का सहारा लिया गया। बलजीत की माँ कहती है कि बलजीत को बचपन से ही पर्वतारोही बनने का शौक था। जिसकी बजह से बह पर्वतारोही बनी। और आज नतीजा सबके सामने है।