ताजमहल के 22 कमरों में क्या है? ASI ने तस्वीरें जारी कर सारा राज खोल दिया!

ताजमहल (Taj Mahal) के तहखाने में बंद 22 कमरों में क्या है? इसी पहल को लेकर पिछले दिनों हाई कोर्ट में एक याचिक दायर की गई थी। हाईकोर्ट ने ना सिर्फ ये याचिका खारिज की, याचिकाकर्ता को जमकर फटकार भी लगाई। लेकिन तबतक यह सवाल सैकड़ो लोगो के मन में जाग गया कि आखिर ताजमहल के तहखाने में बंद 22 कमरों में क्या है? सोशल मीडिया से लेकर टीवी मीडिया तक पर इसको लेकर बहस सुरु हो गई, और इसने एक तरह से विवाद का मोड़ ले लिया।
लेकिन अब इस विवाद को खत्म करने के लिए आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया यानी ASI ने इन कमरों की तस्वीरें जारी कर दी हैं। जिसमे साफ़ देखा जा सकता है कि तहखाने में बंद 22 कमरों में क्या है? आपको बता दे, ये तस्वीरें ASI की वेबसाइट पर जारी की गई हैं।
ASI की वेबसाइट पर डाली गईं हैं तस्वीरें
बता दे, इन तस्वीरो को कोई भी शख्स पुरातत्व बिभाग की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर देख सकता है। जनवरी 2022 के न्यूज़लेटर में जारी, इन तस्वीरो में ASI ने बताया है कि इन कमरों में खराब हो रहे चूने और प्लास्टर की मरम्मत की गई है और कुछ रिनोवेशन किया गया है।

वंही इन तस्वीरो और तहखाने के बंद कमरों के बारे में जानकारी देते हुए, ASI ने ये भी बताया कि कमरों की सफाई में करीब 6 लाख रुपये खर्च हुए हैं। 2006-07 में भी इन तहखानों की मरम्मत की जा चुकी है। एएसआई की वेबसाइट पर ये सारी जानकारी लगातार अपडेट की जाती हैं। हाल में जो कमरे खोले गए उनकी तस्वीरें भी वेबसाइट पर हैं।
अफवाह ना फैलाए, तस्वीरें देखे!
आगरा ASI प्रमुख आरके पटेल ने कहा था कि कमरों के अंदर किए गए मरम्मत कार्य की तस्वीरें जारी की गई हैं। वहीं पर्यटन उद्योग के सूत्रों ने बताया कि इन कमरों में क्या है, इस बारे में गलत बातें न फैलें, इसे रोकने के लिए ही इन तस्वीरों को सार्वजनिक किया गया है।
Photos of some of the "closed" Taj Mahal rooms released by ASI #ASI#TAJMAHAL https://t.co/Yi5RQM2Dd0
— TimesTravel (@TOItravel) May 17, 2022
दरअसल ये दावा किया जा रहा था कि ताजमहल में अंदर शिवलिंग है और ये एक मंदिर था पहले। अयोध्या निवासी डॉ. रजनीश कुमार की जनहित याचिका पर कोर्ट ने मना करते हुए उनको डांट भी लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि ये सूचना पाना आपका अधिकार बिल्कुल नहीं है। आरटीआई अधिनियम के अंतर्गत भी ये नहीं आती है।
ताजमहल वाली याचिका खारिज
— Ranvijay Singh (@ranvijaylive) May 12, 2022
कमरों को खोलने के लिए ऐतिहासिक शोध किया जाना चाहिए। इसलिए अदालत ने इसकी याचिका पर विचार ही नहीं किया था। बल्कि याचिकाकर्ता को एमए, पीएचडी करने की सलाह ही दे डाली थी।